नयी दिल्ली : कोरोनावायरस महामारी (CoronaVirus Pandemic) के इस दौर में चुनाव कराना एक बड़ी चुनौती है. भारतीय निर्वाचन आयोग ने इस चुनौती को स्वीकार किया है. आयोग ने चुनाव के मद्देनजर एक विस्तृत गाइडलाइन (Election Commission Guidelines) जारी किया है. बिहार पहला राज्य होगा जहां महामारी के बीच विधानसभा चुनाव होने हैं. बिहार में चुनाव (Bihar Election 2020) अक्टूबर-नवंबर में किसी समय होंगे. आयोग ने कोरोना संक्रमितों और कोरोना संदिग्धों के मतदान के लिए भी गाइडलाइन जारी कर दिया है. गाइडलाइन में सोशल डिस्टैंसिंग को काफी तवज्जो दी गयी है. साथ ही सैनिटाइजेशन और फेस मास्क पर भी जोर दिया गया है.
चुनाव आयोग ने अपने गाइडलाइन में कहा है कि ईवीएम का बटन दबाने के लिए मतदाताओं को दस्ताने दिये जायेंगे. कोरेंटिन सेंटर में रह रहे कोविड-19 मरीजों को मतदान के दिन आखिरी घंटों में मतदान करने दिया जायेगा. आयोग ने कहा कि कंटेनमेंट जोन के तौर पर अधिसूचित इलाकों में रह रहे मतदाताओं के लिए अलग दिशा-निर्देश जारी किये जायेंगे. आयोग ने मतदान केंद्रों के अनिवार्य सेनिटाइजेशन की अनुशंसा की है. कोरोना पॉजिटिव या संदिग्धों को बैलेट से भी वोटिंक कराया जा सकता है.
चुनाव आयोग ने कहा कि प्रत्येक मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनर रखे जायेंगे. निर्वाचनकर्मी या पराचिकित्सा कर्मी मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार पर मतदाताओं के तापमान की जांच करेंगे. मतदाताओं के शरीर का तापमान मापा जायेगा. अगर तापमान विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों से ऊपर होगा तो थोड़ी देर में दुबारा जांच की जायेगी. उसके बाद भी तापमान बढ़ा पाया गया तो वैसे मतदाता को अंतिम घंटों में मतदान की इजाजत होगी.
आयोग के दिशा-निर्देश में कहा गया, प्रत्येक मतदान पर 1500 मतदाताओं के बजाए अब अधिकतम 1000 मतदाता ही होंगे. वहीं, मतदान केंद्रों पर लाइन नहीं लगायी जायेगी. एक बार में एक ही शख्स मतदान के लिए आयेगा. टोकन सिस्टम होगा. सभी मतदाताओं को टोकन दिया जायेगा. उनकी बारी आने पर ही वे मतदान केंद्र की ओर जा पायेंगे.
सभी मतदाताओं को ‘पहले आओ-पहले पाओ’ आधार पर टोकन दिया जायेगा, ताकि लोगों को कतार में इंतजार ना करना पड़े. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए जमीन पर निशान बनाये जायेंगे. दो मतदाताओं के बीच 6 फीट की दूरी अनिवार्य होगी. महिला और पुरुष मतादाताओं के लिए अलग-अलग वेटिंग एरिया बनाये जायेंगे.
जिन मतदाताओं के पास मास्क नहीं होंगे, उन्हें मतदान केंद्रों पर मास्क उपलब्ध कराया जायेगा. पोलिंग एजेंट और कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था सोशल डिस्टेंसिंग नियमों के आधार पर होगी. वोटरों को पहचान के लिए जरूरत पड़ने पर मास्क नीचे करके चेहरा दिखाना होगा. पोलिंग अधिकारियों के सामने एक बार में एक ही मतदाता होगा. ईवीएम का बटन दबाने के लिए सभी वोटरों को दस्ताने दिये जायेंगे.
Posted By: Amlesh Nandan Sinha.