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CoronaVirus in Bihar : तेजस्वी बोले, बिहार में आगामी दो-तीन महीनों में लाखों लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा

Coronavirus in Bihar Latest Politics News Update Bihar Assembly Election 2020 पटना : बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को कहा है कि विगत पांच महीनों से बिहार सरकार की उदासीनता, लापरवाही और अकर्मण्यता के कारण कोरोना महामारी विकराल रूप लेती जा रही है. स्थिति विस्फोटक होने की ओर अग्रसर है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं कि बिहार में आगामी दो-तीन महीनों में लाखों लोगों को संक्रमित होने का खतरा है.

By Samir Kumar | August 8, 2020 8:41 PM
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Coronavirus in Bihar Latest Politics News Update Bihar Assembly Election 2020 पटना : बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को कहा है कि विगत पांच महीनों से बिहार सरकार की उदासीनता, लापरवाही और अकर्मण्यता के कारण कोरोना महामारी विकराल रूप लेती जा रही है. स्थिति विस्फोटक होने की ओर अग्रसर है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं कि बिहार में आगामी दो-तीन महीनों में लाखों लोगों को संक्रमित होने का खतरा है.

राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि कोरोना महामारी ने 15 वर्षों के छद्म सुशासनी विकास की परतें और वास्तविक तथ्यों को उजागर कर रख दिया है. पिछले पंद्रह वर्षों में चरमरायी स्वास्थ्य व्यवस्था ने खुद अपना सच बताना शुरू कर दिया है. नीति आयोग, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, यूनिसेफ इत्यादि संस्थानों के मूल्यांकन में बिहार लगातार फिसड्डी और अंतिम पायदान पर रहा है. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर बिहार सरकार को कई बार फटकार लगायी है.

तेजस्वी यादव ने हमला जारी रखते हुए आगे कहा कि केंद्र से आयी तीन सदस्यीय टीम ने बिहार सरकार की सारी पोल खोल दी. कोरोना से लड़ने के लिए बिहार सरकार ने कोई प्रबंधन नहीं किया चाहे प्रवासी मजदूरों का मसला हो या बदहाल स्वास्थ्य अधिसंरचना के मुद्दे सरकार ने पहलकदमी लेने और त्वरित कारवाई और उपाय करने की बजाय सबकुछ भगवान भरोसे छोड़ दिया.

राजद नेता ने कहा कि इस महामारी की चिंताओं के बावजूद कोई नये अस्पताल नहीं बने. उपलब्ध अस्पतालों का क्षमता वर्धन नहीं किया गया. आबादी और संक्रमण की बढती संख्या के आलोक में अगर वेंटीलेटर आदि की बात करें तो चिंता और भयावह हो जाती है. पूरा देश इस बात को समझ पाने में असमर्थ है कि पांच महीनों बाद भी बिहार में जांच के नाम पर खानापूर्ति क्यों हो रही है? हमने सरकार को सुझाव दिया, लेकिन हमारे सुझावों और सलाह पर नकारात्मक टिपण्णी की गयी.

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