पटना : भाकपा ने चुनाव आयोग से कहा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान का प्रतिशत नहीं घटे इसका पोख्ता बंदोबस्त आयोग को करना चाहिये. राज्य सचिव रामनरेश पांडेय के नेतृत्व में आयोग से मिली टीम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में वर्चुअल प्रसार कारगर नहीं होगा, इसलिए परंपरागत प्रचार का तरीका ही प्रभावी होगा.
प्रशासन द्वारा निर्धारित सभा स्थलों पर सामाजिक व दैहिक दूरी का अनुपालन मुश्किल होगा, कौन रोक पायेगा इकट्ठा होने वाली भीड़ को. भीड़ उमड़ने पर कमजोर उम्मीदवारों को मुकदमों में फंसा दिया जायेगा और सत्ताधारी व दबंगों को वाकओवर दिये जाने का खतरा बना रहेगा. इस संदर्भ में आयोग को और छूट देने के साथ-साथ प्रशासनिक व्यवस्था को न्यायपूर्ण व पारदर्शी बनाने की जरूरत होगी.
प्रशासन व पुलिस तंत्र के अधिकारी और कर्मी जो तीन वर्षों से अधिक समय तक एक ही जिले व प्रमंडल में एक के बाद दूसरे स्थान पर पदस्थापित होते रहे हैं, उनका निहित स्वार्थ किसी न किसी दल विशेष या प्रत्याशी के साथ जुड़े होने की आशंका बनी रहती है. इसके मद्देनजर चुनाव आयोग को हस्तक्षेप कर उनका तबादला सुनिश्चित करना चाहिए.
कोविड-19 संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या पांच सौ से अधिक नहीं होनी चाहिए. एक ही परिसर में अनेक मतदान केंद्र,उपकेेंद्र बनाकर खानापूर्ति नहीं की जानी चाहिए. दलित,अल्पसंख्यक एवं कमजोर तबकों के मतदाताओं के लिए उनके आवासीय क्षेत्र में ही मतदान केंद्रों की व्यवस्था की जानी चाहिए.
पेड-न्यूज, फेक न्यूज व सोशल मीडिया पोस्ट पर कठोर निगरानी और दोषी पाये जाने वालों को दंडित करने की गारंटी आयोग को करनी चाहिए. मतदान केंद्रों पर सेनिटाइजेशन वगैरह की पर्याप्त व्यवस्था की माॅनिटरिंग आयोग को विशेष रूप से करनी चाहिए. पोस्टल बैलट में गड़बड़ी की संभावनाओं के सभी दरवाजे बंद करने के ठोस उपाय आयोग द्वारा किये जाने चाहिए.
कोविड-19 जनित खतरों और बाढ़ से हुई बर्बादी से त्रस्त आम बिहारी जनगण की मनोदशा और वास्तविक स्थिति को देखते हुए सीपीआइ ने कहा कि वह लोकतंत्र के अपहरण के खतरे को निर्मूल करने और महामारी से बचाव के लिए सभी प्रकार के आवश्यक कदम उठायेे और बराबरी के आधार पर सभी दलों और प्रत्याशियों को प्रचार-प्रसार के अवसर मुहैया करें.
posted by ashish jha