बिहार में नहीं थम रहा डेंगू का प्रकोप, 13500 के करीब पहुंची मरीजों की संख्या, 24 घंटे में मिले 250 संक्रमित
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक बिहार में इस वर्ष अब तक मिले कुल डेंगू मरीजों की संख्या 13,481 हो गई. इनमें से लगभग 50 फीसदी 6746 मरीज केवल अक्टूबर महीने में ही सामने आए हैं.
बिहार में त्योहारों के इस मौसम में भी डेंगू का कहर जारी है. पटना सहित राज्य के विभिन्न शहरों में मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. मंगलवार को ही डेंगू से संक्रमित 250 नए मरीज मिले हैं, जिसके बाद इस साल डेंडु संक्रमितों की कुल संख्या 13 हजार 500 के करीब पहुंच गई है. बीते 24 घंटे में सर्वाधिक 155 मामले पटना में मिले हैं. इसके बाद भागलपुर, नालंदा और सिवान में सबसे अधिक मामले पाए गए हैं.
कहां कितने संक्रमित
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक राज्य में इस वर्ष अब तक मिले कुल डेंगू मरीजों की संख्या 13,481 हो गई. इनमें से लगभग 50 फीसदी 6746 मरीज केवल अक्टूबर महीने में ही सामने आए हैं. वहीं बीते 24 घंटे के आंकड़ों की बात करने तो कुल 250 मरीज मिले हैं. जिनमें से 150 पटना में, नालंदा में 13 , भागलपुर में 13, सीवान में 12 और मुंगेर में 11 मरीज पाए गए हैं.
मॉनसून की विदाई के बाद भी नहीं कम हो रहे मामले
मच्छरजनित बीमारियां जैसे डेंगू के फैलने की ज्यादा संभावना बारिश के मौसम में होती हैं. लेकिन इस वर्ष मॉनसून का असर खत्म हुए लगभग दो हफ्ते का वक्त गुजर चुका है. लेकिन डेंगू का प्रकोप कम होने क नाम ही नहीं ले रहा है. इस वर्ष डेंगू के लगभग 50 फीसदी मामले अक्टूबर महीने में ही आए हैं. राज्य के सभी शहरों में प्रशासन व निगम द्वारा लगातार एंटी लार्वा का छिड़काव व फॉगिंग किया जा रहा है. लेकिन इसके बावजूद मामले कम नहीं हो रहे हैं.
डेंगू मरीजों में लिवर व लंग्स में मिल रहे दुष्प्रभाव
इधर, डेंगू से ठीक होने के वाले मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कई मररिजों में कमजोरी के साथ किडनी, लिवर, फेफड़ों में साइड इफेक्ट देखने को मिल रहे हैं. कई ऐसे मरीज हैं जो डेंगू से रिकवर होने के बाद किसी न किसी तरह की परेशानी लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. हल्के लक्षण वाले मरीजों में सबसे अधिक कमजोरी, भूख नहीं लगना व पाचन तंत्र की समस्या देखने को मिल रही है.
एलाइजा टेस्ट से चलता है डेंगू का पता
चिकित्सक बताते हैं कि जागरूकता ही डेंगू से बचाव है. क्योंकि इस बीमारी का स्पेशल कोई वैक्सीन या दवा नहीं है. इसमें भी कोविड की तरह लक्षणों का इलाज होता है. ऐसे में विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेकर ही ट्रीटमेंट करना चाहिए. इसमें मरीज को पर्याप्त आराम की जरूरत होती है. इसके अलावा तरल पदार्थ ज्यादा मात्रा में लेने चाहिए. डेंगू का पता लगाने के लिए सबसे विश्वसनीय जांच एलाइजा टेस्ट है.
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डेंगू के लक्षण
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सिरदर्द
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मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द
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उल्टी
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जी मिचलाना
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आंखों में दर्द होना
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त्वचा पर लाल चकत्ते होना
डेंगू के रोकथाम एवं बचाव के उपाय
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घरों के आसपास पूर्ण साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करें.
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कचरे को अपने घर में इकट्ठा न होने दें, इसे उचित स्थान पर फेंके
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घरों के कूलर, टैंक, ड्रम, बाल्टी आदि से पानी खाली करें व साफ रखें
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कूलर का उपयोग नहीं होने की दशा में उसका पानी पूरी तरह खाली करें
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टीन के डिब्बे, कांच एवं प्लास्टिक की बोतल, नारियल के खोल, पुराने टायर घर में न रखें
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फ्रिज के ‘ड्रिप-पैन’ से पानी प्रतिदिन खाली करें.
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पानी संग्रहित करने वाले टंकी, बाल्टी, टब आदि सभी को हमेशा ढंककर रखें.
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घर में तथा आसपास साफ-सफाई अभियान के रूप में किए जाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए
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