दीपक राव, भागलपुर : विधानसभा चुनाव को लेकर बुनकर बहुल क्षेत्र चंपानगर, नाथनगर, हुसैनाबाद, बड़ी खंजरपुर आदि के बुनकरों में मंथन जारी है. रोज कहीं न कहीं टोलियों में बैठ गुणाभाग होता है. ऐसी बैठकें कभी गरम, तो कभी नरम रहती हैं. पर सबमें यह बात जरूर निकल कर आती है कि बुनकरों को क्या मिला.
भागलपुर रेशमी शहर है. इसका आधार बुनकर हैं, पर इनकी जिंदगी आजतक रेशमी नहीं बनी. बुनियादी जरूरतों के लिए वो आज भी परेशान रहते हैं. इस चुनाव वो इन सवालों को उठाना चाहते हैं. खास कर यूथ का कहना है कि कनफूसी नहीं चलेगा, जो उनके हित की बात करेगा, समयबद्ध काम करेगा उसी को उनका समर्थन होगा.
बुनकरों के लिए 256 शेड बनना था, तामझाम से उद्घाटन भी हुआ, पर अब तक सबको नहीं मिला. कुछ शेड जर्जर हो गये हैं.
इस योजना के लिए दरियापुर, मिरनचक, पुरैनी, सलीमपुर, खरीक आदि गांव को चुना गया. यहां पर आधारभूत संरचना से लेकर डिजाइन डेवलपमेंट, कच्चे माल, बुनाई-कटाई का प्रशिक्षण, रंगाई व मार्केटिंग का लाभ बुनकरों को मिलता, पर नहीं मिला.
यहां कलस्टर की योजना थी, लेकिन आज भी अधिकांश बुनकरों को इसकी पूरी जानकारी नहीं. ऐसे हीं कॉमन फेसिलिटी सेंटर की स्थापना 2012-13 में होना था, लेकिन अब तक नहीं हो पाया. कलस्टर योजना व कॉमन फेसिलिटी सेंटर के तहत रंगाई, छपाई, कटाई, बुनाई, फिनिसिंग व पैकेजिंग का प्रशिक्षण दिया जाता, तो बुनकरों को लाभ होता.
बुनकरों की बिजली की समस्या को लेकर कई बार संबंधित लोगों के साथ बैठक हो चुकी है. इसमें निर्णय लिया गया था कि नया मीटर लगेगा और उसी के अनुसार बिल बुनकरों को दिया जायेगा, ताकि बिजली पर अनुदान का लाभ उन्हें मिल सके. बुनकरों को बिल का 75 फीसदी अनुदान मिलना था, पर हकीकत यह है कि यह योजना भी अधूरी रह गयी. कुछ के यहां लगा तो अधिकांश के यहां नहीं. इससे उन्हें इसका लाभ नहीं मिला.
बुनकर क्रेडिट कार्ड की जगह छह हजार बुनकरों को आर्टिजन कार्ड मिला, जबकि यहां बुनकरों की संख्या 50 हजार से अधिक है. बुनकर क्रेडिट कार्ड के रूप में सभी बुनकरों को एटीएम देना था. इससे समय-समय पर सरकार से आर्थिक सहायता मिलती. हालांकि जिन बुनकरों को आर्टिजन कार्ड मिला है, उन्हें ऋण मुहैया कराया जा रहा.
रोजगार से संबंधित ऋण की माफी का लाभ 12,336 बुनकरों देना था, लेकिन भागलपुर व बांका के पांच प्रतिशत बुनकरों को आज भी पुराने ऋण का नोटिस बैंकों से मिल रहा है. सनद रहे यहां के बुनकरों पर 21 करोेड़ रुपये का ऋण बकाया था.
Posted by Ashish Jha