Bihar Election 2020 News: तेजस्वी यादव के खिलाफ राघोपुर सीट से मैदान में उतरा पूर्व राजद नेता, डेढ़ दशक से लालू परिवार का रहा है गढ़

RJD Tejashwi yadav News: बिहार का राघोपुर (Raghopur) विधानसभा सीट हाई प्रोफाइल सीटों में शुमार रहा है औऱ इस बार भी खासा चर्चा में है. इस सीट को लालू परिवार (Lalu Yadav Family) का गढ़ माना जाता है. इस सीट से तेजस्वी यादव दूसरी बार किस्मत आजमाने जा रहे हैं तो वहीं उनके खिलाफ पूर्व राजद नेता ही मैदान में खड़ा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 7, 2020 12:52 PM

RJD Tejashwi yadav News: बिहार का राघोपुर विधानसभा सीट हाई प्रोफाइल सीटों में शुमार रहा है औऱ इस बार भी खासा चर्चा में है. इस सीट को लालू परिवार (Lalu Yadav Family) का गढ़ माना जाता है. इस सीट से तेजस्वी यादव दूसरी बार किस्मत आजमाने जा रहे हैं तो वहीं उनके खिलाफ पूर्व राजद नेता ही मैदान में खड़ा है.

बख्तियारपुर के पूर्व प्रत्याशी सह पूर्व राजद नेता जीतेंद्र कुमार यादव ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ राघोपुर से चुनाव लड़ने की घोषणा की है. प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने कहा कि पैसे लेकर सिर्फ पूंजीपतियों को टिकट देकर राजद ने यह साबित कर दिया है कि इस पार्टी में समर्पित कार्यकतार्ओं की कोई जगह नहीं है.

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2015 के विस में मुझे राजद द्वारा टिकट देने का भरोसा दिलाया गया, पर अंत समय में अन्य पूंजीपतियों को पैसे लेकर टिकट दे दिया गया. 2015 में तेजस्वी यादव को यहां 48.15 फीसदी वोट मिले थे. उन्हें कुल 91, 236 मत मिले थे. इस बार यहां दूसरे चरण में 3 नवंबर को मतदान होंगे और 10 नवंबर को वोटों की गिनती होगी. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 लाइव न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.

1995 में पहली बार जीते थे लालू

यादव बहुल इलाका राघोपुर विधानसभा सीट हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में पड़ता है. यहां से पहली बार 1995 में लालू यादव ने किस्मत आजमाया. वहां से लालू यादव दो बार 1995 और 2000 में विधायक चुने गए. 2005 में उनकी सियासी विरासत पत्नी राबड़ी देवी ने संभाला लेकिन 2010 के चुनाव में राबड़ी देवी को जेडीयू के सतीश यादव से हार मिली. 2015 में जब लालू यादव और नीतीश कुमार का मिलन हुआ, तब इस सीट से तेजस्वी यादव जीते.

तब जेडीयू के सीटिंग विधायक सतीश कुमार यादव ने बगावत कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. यहां का चुनाव इस बार रोचक रहने वाला है क्योंकि जदयू और भाजपा दोनों हर हाल में तेजस्वी यादव को हार का स्वाद चखाना चाहेगी. यहां से आज तक भाजपा की जीत नहीं हुई है. ये अलग बात है कि गठबंधन में भाजपा की मदद से सहयोगी दल के उम्मीदवार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचते रहे हैं

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Posted By: Utpal kant

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