गया : बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंके जाने के बाद एक अक्तूबर से नामांकन की प्रक्रिया जारी है. 28 अक्तूबर को कैमूर, औरंगाबाद, रोहतास, नवादा और गया जिले में मतदान कराया जाना है. इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां जोरों से चल रही है.
उधर, चुनावी मैदान में उतरने के लिए नेता भी कमर कस चुके हैं. बस इंतजार है, तो जनता के फैसले का. पिछले पांच वर्षों तक जनप्रतिनिधियों ने जनता के भरोसे को कितना जीता है. उनके क्षेत्र में कौन-कौन से काम किये हैं, अब उसका हिसाब जनता को चुकाने का समय आ गया है. गया ,कैमूर, औरंगाबाद, नवादा और रोहतास में कुल 32 विधानसभा सीटें हैं.
इनमें सात आरक्षित सीटें हैं. सात आरक्षित सीटों में गया जिले में बोधगया इमामगंज व बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है, जबकि कैमूर जिले में मोहनिया, औरंगाबाद जिले में कुटुंबा, रोहतास जिले में चेनारी व नवादा जिले में रजौली इन चार जिलों में एक-एक विधानसभा सीट आरक्षित हैं.
जानकारी हो कि गया जिले में कुल 10 विधानसभा क्षेत्र हैं. इसी तरह कैमूर में चार, औरंगाबाद में छह, नवादा में पांच व रोहतास में सात विधानसभा क्षेत्र हैं. पिछले 2015 के चुनावी नतीजों पर अपना ध्यान केंद्रित करें, तो पता चलेगा कि गया के 10 विधानसभा क्षेत्रों में चार सीटों पर राजद, दो-दो पर बीजेपी व जदयू तथा एक-एक सीट कांग्रेस व हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के कब्जे में है. कैमूर में सभी चारों सीटें भाजपा के पास सुरक्षित हैं.
औरंगाबाद जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों में दो-दो जदयू व कांग्रेस के खाते में तो एक-एक भाजपा और राजद के पास है. नवादा की बात करें, तो पांच विधानसभा क्षेत्रों में दो-दो सीटें भाजपा और राजद के कब्जे में हैं, जबकि एक कांग्रेस के हाथ में है रोहतास जिले में सात विधानसभा क्षेत्रों पर अपनी निगाह दौड़ायें तो चार राजद के कब्जे में है दो जदयू के वह एक रालोसपा के कब्जे में सीट सुरक्षित है.
posted by ashish jha