जदयू ने खारिज की गिरिराज की मांग, लव जिहाद पर बिहार में फिलहाल नहीं बनेगा कानून

भाजपा शासित दो राज्यों में तो मंत्री स्तर पर यह बयान आ चुका है कि प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कड़े कानून बनाये जायेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 22, 2020 8:07 AM

पटना : लव जिहाद को लेकर भाजपा नेता देश में एक माहौल तैयार करने में जुटे हैं. इस मुद्दे पर देश में बड़ी बहस हो रही है. भाजपा शासित दो राज्यों में तो मंत्री स्तर पर यह बयान आ चुका है कि प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कड़े कानून बनाये जायेंगे.

ऐसे में बिहार में भी गिरिराज सिंह जैसे हिंदूवादी भाजपा नेता ने राज्य में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की मांग कर दी है. गिरिराज सिंह की इस मांग पर सहयोगी दल जदयू ने अपना पक्ष साफ कर दिया है.

जदयू के रुख से बिहार में ऐसे किसी कानून के बनने की गुंजाइश फिलहाल नजर नहीं आ रही है. भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भले ही बिहार में लव जिहाद कानून बनाये जाने की वकालत कर रहे हो, लेकिन जदयू ने उनकी मांग को सिरे से खारिज कर दिया है.

दो दिन पहले गिरिराज सिंह ने कहा था कि बिहार में भी लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाए जाने की जरूरत है. गिरिराज सिंह ने कहा था कि हिंदू लड़कियों को लव जिहाद में फंसाकर हमारे धर्म पर चोट किया जा रहा है. अब वक्त आ गया है कि लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाया जाए.

गिरिराज सिंह के इस बयान को लेकर बिहार में भी राजनीति बहस शुरू हो चुकी है. ऐसे में जब पत्रकारों ने जदयू के प्रदेश अध्यक्ष से सवाल किया तो वो गिरिराज से सहमत नहीं नजर आये.

जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने गिरिराज की इस मांग को यह कहते हुए सिरे से खारिज कर दिया है कि हमें किसी व्यक्ति के बयान को तवज्जो नहीं देनी चाहिए. वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा है कि बिहार में सांप्रदायिक सौहार्द और शांति है और इस पर कुछ बोलने का मतलब नहीं बच जाता.

जानकारों का कहना है कि जनता दल यूनाइटेड इस मसले पर भाजपा के साथ बहुत आसानी से नहीं जा सकती है. इस विवादित मुद्दे से जदयू खुद को अलग ही रखना पसंद करेगी.

वैसे भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के आगामी चुनाव को देखते हुए लव जिहाद को एजेंडा बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है. यही वजह है कि गिरिराज के बयान पर जदयू के नेता ना केवल असहज हैं, बल्कि जुबान खोलने तक को तैयार नहीं है.

Posted by Ashish Jha

Next Article

Exit mobile version