बिहार विधानसभा चुनाव 2020: राजनीतिक विरासत आगे बढ़ाने की तैयारी में कई युवा, इन नेताओं के बेटे-बेटियां लड़ सकते हैं बिहार चुनाव

Bihar Vidhan Sabha Chunav 2020: विधानसभा चुनाव 2020 में कई नेताओं के राजनीतिक वारिस टिकट की रेस में हैं. हालांकि अभी तक किसी भी गठबंधन या पार्टी में टिकट वितरण का काम शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बढ़ती महत्वाकांक्षा परिवार की राजनीतिक विरासत संभालने वाले युवाओं की राह कठिन बना सकती है. इस चुनाव में भी कम से कम 20 ऐसे बेटे-बेटियां हैं, जो अपनी किस्मत आजमा सकते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2020 2:46 PM
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Bihar Vidhan Sabha Chunav 2020: विधानसभा चुनाव 2020 में कई नेताओं के राजनीतिक वारिस टिकट की रेस में हैं. हालांकि अभी तक किसी भी गठबंधन या पार्टी में टिकट वितरण का काम शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बढ़ती महत्वाकांक्षा परिवार की राजनीतिक विरासत संभालने वाले युवाओं की राह कठिन बना सकती है. इस चुनाव में भी कम से कम 20 ऐसे बेटे-बेटियां हैं, जो अपनी किस्मत आजमा सकते हैं.

कांग्रेस प्रमुख मदन मोहन झा के बारे में काफी चर्चा है कि उनके परिवार की तीसरी पीढ़ी अर्थात उनके बेटे माधव झा भी इस बार दरभंगा में बेनीपुर सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. आपको बता दें कि मदन मोहन झा दिग्गज कांग्रेसी नेता स्वर्गीय नागेंद्र झा के बेटे हैं. कांग्रेस को महागठबंधन में 70 सीटें मिली हैं.

राजद प्रमुख जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह भी रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से अपना भाग्य आजमाएंगे. वो 2010 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं और हार गए हैं. इस बार, वह राजद के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. टिकट मिलेगा या नहीं यह तय नहीं है. जद-यू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने भी कहा कि उनके बेटे सोनू सिंह चुनाव लड़ेंगे, हालांकि यह अभी निश्चित नहीं है कि वह कहां से मैदान में उतरेंगे.

बिहार के पूर्व सीएम स्वर्गीय दरोगा प्रसाद राय के बेटे चंद्रिका राय जदयू में शामिल हो गए हैं. हालांकि टिकट वितरण अभी तक शुरू नहीं हुआ है, उन्हें अपनी परसा विधानसभा सीट बरकरार रखने की इत्तला दी गई है. उन्होंने चार बार परसा सीट जीती है. उनकी बेटी को भी टिकट मिलने की चर्चा है.

पुष्पम प्रिया चौधरी (Pushpam priya chaudhary) 

पुष्पम प्रिया चौधरी भी परिवारवाद का ही हिस्सा हैं. उनके पिता विनोद चौधरी हैं, जो जदयू नेता रहे हैं और विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं. पुष्पम प्रिया के पास राजनीतिक विरासत जरूर है, लेकिन उनका कोई सियासी अनुभव नहीं है. उन्होंने प्लूरल्स पार्टी बनाई है और वो बांकीपर सीट से चुनावी मैदान में उतरेंगी.

पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व सांसद पुतुल देवी की बेटी अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज श्रेयसी सिंह भी अब परिवार की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए तैयार है. चर्चा है कि वह भी इस बार भाजपा से विधानसभा चुनाव लड़ेंगी.

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पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद और बेटे चेतन आनंद हाल ही में राजद में शामिल हुए हैं. चर्चा है कि चेतन भी चुनाव लड़ सकते हैं. पूर्व मंत्री नरेन्द्र सिंह के दोनों बेटे अजय सिंह और सुमित सिंह भी चुनाव लड़ेंगे. दोनों पहले भी विधायक रह चुके हैं. पूर्व सांसद दिवंगत तस्लीमुद्दीन के बेटे शहबाज आलम भी चुनावी मैदान में हैं.

पिता की विरासत संभालने की तैयारी में युवा

पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांति सिंह के बेटे ऋषि यादव, केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे शाश्वत चौबे, कुछ महीने पहले राजद छोड़ जदयू में गए राधाचरण सेठ के बेटे कन्हैया प्रसाद, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सदानंद सिंह के बेटे शुभानंद, रामदेव राय के बेटे शिवप्रकाश गरीबदास, पूर्व मंत्री उपेन्द्र प्रसाद वर्मा के बेटे जय कुमार वर्मा, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदनमोहन झा के बेटे माधव झा, पूर्व कन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव के बेटे अभिमन्यु भी चुनाव लड़ सकते हैं.

पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी के बेटे राजद के टिकट से पिछली बार विधान सभा गए थे. इस बार भी वे चुनाव लड़ेंगे. सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद की विरासत संभाल रहे उनके पुत्र संजीव चौरसिया फिर से विधान सभा जाने के लिए विधान सभा चुनाव लड़ेंगे.

Posted By: Utpal kant

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