बिहार में चुनावी समीकरण बिगाड़ सकते हैं प्रवासी मजदूर, पिछले चुनाव में हार-जीत का 33 सीटों पर था करीब पांच हजार का अंतर

पटना : चुनाव आयोग ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी. कोरोना काल में पहला चुनाव बिहार विधानसभा का हो रहा है. कोरोना संक्रमण काल की शुरुआत में बिहार से पलायन कर चुके प्रवासी मजदूर घर लौटने लगे थे. हालांकि, कुछ मजदूर वापस लौट गये हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि बिहार के 38 जिलों में करीब 18.87 लाख प्रवासी थे. इनमें से 16.6 लाख मतदान करने के योग्य थे. इनमें से 13.93 लाख प्रवासी मजदूरों के नाम पहले से ही मतदाता सूची में थे. वहीं, करीब 2.3 लाख मजदूरों ने मतदान के लिए पंजीकरण कराया है. पंजीकरण की प्रक्रिया अब भी जारी है. ये प्रवासी मजदूर बिहार में चुनावी समीकरण बिगाड़ सकते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2020 3:27 PM

पटना : चुनाव आयोग ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी. कोरोना काल में पहला चुनाव बिहार विधानसभा का हो रहा है. कोरोना संक्रमण काल की शुरुआत में बिहार से पलायन कर चुके प्रवासी मजदूर घर लौटने लगे थे. हालांकि, कुछ मजदूर वापस लौट गये हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि बिहार के 38 जिलों में करीब 18.87 लाख प्रवासी थे. इनमें से 16.6 लाख मतदान करने के योग्य थे. इनमें से 13.93 लाख प्रवासी मजदूरों के नाम पहले से ही मतदाता सूची में थे. वहीं, करीब 2.3 लाख मजदूरों ने मतदान के लिए पंजीकरण कराया है. पंजीकरण की प्रक्रिया अब भी जारी है. ये प्रवासी मजदूर बिहार में चुनावी समीकरण बिगाड़ सकते हैं.

चुनाव में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं प्रवासी मजदूर

मुख्य चुनाव आयुक्त के मुताबिक, बिहार के 38 जिलों में 18.87 लाख प्रवासी थे. इन प्रवासी मजदूरों की भूमिका चुनाव में अहम साबित हो सकती हैं. कोरोना काल में दूसरे राज्यों से बिहार लौटे श्रमिक विधानसभा चुनाव में बाजी पलट सकते हैं. साल 2015 के आंकड़ों के मुताबिक, आठ विधानसभा सीटों पर हार-जीत का अंतर एक हजार से कम का था. हालांकि, बीजेपी और जेडीयू-हम के एक साथ आने के बाद दो सीटों पर असर नहीं पड़ेगा. झंझारपुर में राजद ने बीजेपी को 834 वोट, बनमखी में बीजेपी ने राजद को 708 वोट, बरौली में राजद ने बीजेपी को 504 वोट, आरा में राजद ने बीजेपी को 666 वोट, चैनपुर में बीजेपी ने बीएसपी को 671 वोट, तरारी में भाकपा-माले ने एलजेपी को 272 वोट से शिकस्त दी थी. वहीं, चनपटिया में बीजेपी ने जेडीयू को 464 वोट और शिवहर में जेडीयू ने हम को 461 वोट से हराया था.

वहीं, अगर पांच हजार के अंतर के आंकड़े पर नजर डालें तो 25 सीटों पर हार-जीत हुई थी. इन 25 सीटों में सात सीटें ऐसी थीं, जिनमें बीजेपी-जेडीयू के बीच सीधा मुकाबला था. इनमें शेरघाटी में जेडीयू ने हम को 4834 वोट, दिनारा में जेडीयू ने बीजेपी को 2691 वोट, नालंदा में जेडीयू ने बीजेपी को 2996 वोट, बिहारशरीफ में बीजेपी ने जेडीयू को 2340 वोट, सीवान में बीजेपी ने जेडीयू को 3534 वोट, जाले में बीजेपी ने जेडीयू को 4620 वोट, सिकटा में जेडीयू ने बीजेपी को 2835 वोट और पिपरा में बीजेपी ने जेडीयू को 3930 वोट से शिकस्त दी थी. जेडीयू और हम के बीजेपी के साथ आने से इन सीटों पर एनडीए मजबूत हुई है.

हालांकि, कसबा में कांग्रेस ने बीजेपी को 1794 वोट, गोविंदपुर में कांग्रेस ने बीजेपी को 4399 वोट, रजौली में राजद ने बीजेपी को 4615 वोट, डेहरी में राजद ने बीएलएसपी को 3898 वोट, पटना साहिब में बीजेपी ने राजद 2792 वोट, मुंगेर में राजद ने बीजेपी को 4365 वोट, बांका में बीजेपी ने राजद को 3730 वोट, कुचायकोट में जेडीयू ने एलजेपी को 3562 वोट, गोपालगंज में बीजेपी ने राजद को 5074 वोट, बरुराज में राजद ने बीजेपी को 4909 वोट और हरलाखी में बीएलएसपी ने कांग्रेस को 3892 वोट, गायघाट में राजद ने बीजेपी को 3501 वोट, बेनीपट्टी में कांग्रेस ने बीजेपी को 4734 वोट, परिहार में बीजेपी ने राजद को 4017 वोट, चिराला में बीजेपी ने राजद 4374 वोट, रक्सौल में बीजेपी ने राजद को 3169 वोट और बेतिया में कांग्रेस ने बीजेपी को 2320 वोट से हराया था.

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