चुनाव आयोग ने मुंगेर में हिंसा भड़कने के बाद वहां के डीएम राजेश मीणा और एसपी लिपि सिंह को हटा दिया है. साथ ही मगध प्रमंडल के आयुक्त असंगबा चुबा आव को सात दिनों में पूरे घटनाक्रम की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिया है. चुनाव आयोग की सहमति के बाद राज्य सरकार ने सहकारिता विभाग में तैनात 2010 बैच की आइएएस अधिकारी रचना पाटील काे मुंगेर का डीएम नियुक्त किया गया है, जबकि बीएमपी के कमांडेंट मानवजीत सिंह ढिल्लाे को मुंगेर में नया एसपी तैनात किया गया है. दोनों अधिकारियों को दिन में ही हेलिकाॅप्टर से मुंगेर भेज दिया गया है. सरकार ने हटाये गये डीएम राजेश मीणा को सामान्य प्रशासन विभाग और लिपि सिंह को गृह विभाग में योगदान करने का निर्देश दिया है.
दो दिन पहले (26 अक्तूबर की रात) को दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के दौरान मुंगेर में गोली लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी. उपद्रव में एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हो गये थे. घटना के बाद बिहार के अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजय सिंह ने मुंगेर का दौरा कर आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इसके दूसरे दिन घटना से जुड़ा एक वीडियो वायरल हो गया. इसमें प्रतिमा का विजर्सन करने वालों पर पुलिस लाठीचार्ज करती नजर आ रही है. इससे मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया. लोगों ने पुलिस पर फायरिंग का आरोप लगाते हुए एसपी लिपि सिंह को हटाने की मांग कर दी.
बुधवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एसपी की तुलना जनरल डायर से करते हुए पूरे घटनाक्रम की जांच न्यायिक आयोग से करने की मांग की थी. चिराग पासवान ने भी इस मामले में सरकार को घेरने की कोशिश की. गुरुवार को शहर में फिर से हिंसा फैल गयी. पुलिस के कई वाहनों को जला दिया गया. भीड़ ने पुलिस थानों पर भी हमला कर दिया. इस घटना के बाद बिहार चुनाव आयोग ने मुंगेर की एसपी लिपि सिंह और डीएम राजेश मीणा को हटाने का आदेश जारी कर दिया.
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दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने इस घटना के लिए सीधे तौर पर सत्ताधारी दल को जिम्मेदार ठहराया है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस घटना की जिम्मेदारी लेने की मांग की है.
Posted by : Thakur Shaktilochan