मनमोहन सिंह कभी डॉ रघुवंश को बनाना चाहते थे अपना सहयोगी मिनिस्टर, अब इन कारणों से राजद से हो सकते हैं अलग..
पटना: राजद में वैशाली के पूर्व सांसद रामा सिंह के प्रवेश को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद के इस्तीफे देने की बात पर डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह अड़े हुए हैं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक उन्हें मनाने के लिए पार्टी ने कुछ समय पहले उनके सामने प्रस्ताव रखा था कि वह अगर रामा सिंह के राजद प्रवेश पर रजामंद हो जाते हैं तो विधानसभा में दो-चार प्रत्याशी उनकी पसंद से तय किये जायेंगे. सूत्र बताते हैं कि बुजुर्ग समाजवादी नेता डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था.
पटना: राजद में वैशाली के पूर्व सांसद रामा सिंह के प्रवेश को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद के इस्तीफे देने की बात पर डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह अड़े हुए हैं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक उन्हें मनाने के लिए पार्टी ने कुछ समय पहले उनके सामने प्रस्ताव रखा था कि वह अगर रामा सिंह के राजद प्रवेश पर रजामंद हो जाते हैं तो विधानसभा में दो-चार प्रत्याशी उनकी पसंद से तय किये जायेंगे. सूत्र बताते हैं कि बुजुर्ग समाजवादी नेता डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था.
इन परिस्थितियों में रघुवंश प्रसाद सिंह का राजद से बाहर निकल आना तय माना जा रहा
माना जा रहा है कि रामा सिंह की राजद में एंट्री हुई तो रघुवंश प्रसाद सिंह का राजद से बाहर निकल आना तय है. इस संबंध में रघुवंश प्रसाद सिंह ने पूर्व में ही पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद को साफ शब्दों में बता दिया है कि वह इस मसले पर किसी तरह के समझौते के पक्ष में नहीं हैं. रघुवंश प्रसाद सिंह को जानने वाले बताते हैं कि मान-मनौव्वल या इस तरह के किसी भी विषय पर वह अपने हमउम्र और राजनीतिक कद-काठी में बराबर की हैसियत पर रहे लालू प्रसाद को छोड़कर किसी और से बातचीत को भी राजी नहीं होंगे.
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एम्स से किसी तरह का राजनीतिक बयान जारी नहीं
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली एम्स में इलाज करा रहे समाजवादी दिग्गज डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह अपनी रुचि का साहित्य पढ़ रहे हैं. उन्होंने अभी तक एम्स से किसी तरह का राजनीतिक बयान जारी नहीं किया है. उम्मीद है कि वे जल्दी ही पटना लौटेंगे. उनका स्वास्थ्य पहले से बेहतर है.
दूसरे दलों में शानदार छवि रखते हैं डॉ रघुवंश
डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह की राजनीतिक कद की हैसियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उनकी काबिलियत के आधार पर उन्हें अपने दूसरे कार्यकाल में अपना सहयोगी मिनिस्टर बनाना चाह रहे थे. सोनिया गांधी भी तैयार थीं. तब गतिरोध की स्थिति बन गयी थी. इस बात का जिक्र उनके मीडिया एडवाइजर रहे संजय बारू ने अपनी पुस्तक ‘एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ में किया है. उस समय राजद से लोकसभा में सिर्फ चार सदस्य चुन कर गये थे.
पीएम हाउस भी स्वास्थ्य की जानकारी को लेकर रहा संवेदनशील
दूसरी तरफ पटना एम्स में जब वह भर्ती थे, तब उनके स्वास्थ्य की जानकारी को लेकर पीएम हाउस भी संवेदनशील था. इस तरह कांग्रेस हो या दूसरे दल सभी में उनकी इज्जत करने वाले लोग मौजूद हैं. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक उनके इस स्टैंड के बाद भी एक बार फिर रामा सिंह को राजद की सदस्यता दिलाने की बात कही जा रही है.
रामा सिंह को लेकर संशय में राजद
बताते हैं कि उनके परिजन में किसी को महनार विधानसभा से टिकट दिया जा सकता है. पार्टी आलाकमान का तर्क है कि रामा सिंह वहां के एनडीए के प्रत्याशी को मात दे सकते हैं. कयास हैं कि 31 अगस्त से पहले ही कभी रामा सिंह की राजद में एंट्री हो सकती है.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya