Ram Vilas Paswan News: केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री रामविलास पासवान का निधन हो गया है. वे 74 वर्ष के थे और पिछले कई दिनों से उनका दिल्ली के एम्स में इलाज चल रहा था. पासवान के निधन की खबर उनके बेटे चिराग ने दी है. वहीं रामविलास पासवान के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शोक जताया है. 1969 से राजनीतिक पारी की शुरूआत करने वाले रामविलास पासवान अपने जिद के लिए भी जाने जाते थे. आइए जानते हैं, रामविलास पासवान की कहानी.
फरवरी 2005 मेंं बिहार विधानसभा का चुनाव संपन्न हुआ. इस चुनाव में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला. जहां इस चुनाव में एनडीए गठबंधन को 92 सीटों पर जीत मिली थी, वहीं राजद और कांंग्रेस को लगभग 90 सीटों पर जीत मिली थी. इस चुनाव में लोजपा को 29 सीट हासिल हुआ था.
राबड़ी सरकार में रोड़ा– बता दें कि किसी भी दल की सरकार लोजपा के समर्थन के बिना नहीं बन रही थी, जिसके बाद रामविलास पासवान ने राजद को एक प्रपोजल दिया, जिसमें मुस्लिम कैंडिडेट को सीएम बनाने की मांग की थी, हालांकि इस मांग को राजद ने नहीं माना और राज्य में फिर से चुनाव हुआ, जिसमें एनडीए की सरकार बनी थी.
सोशलिस्ट पार्टी के बने थे उम्मीदवार- गांव आकर पिता को अपने फैसले से उन्होंने अवगत कराया और राजनीति में कूद पड़े. संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी एसएसपी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया. उनकी टक्कर कांग्रेसी नेता मिश्री सदा से हुई. मिश्री सदा उन दिनों अलौली से विधायक हुआ करते थे. पासवान को चुनाव लड़ने लायक पैसों की किल्लत थी. कभी साइकिल से तो कभी मोटरसाइकिल से चुनाव प्रचार हुआ.
Posted by : Avinish Kumar Mishra