कृषि बिलों पर जारी तनातनी को लेकर रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर बोला हमला, कहा- बिचौलियों के पक्ष में खड़ा है विपक्ष

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संसद में पारित किए गए किसान बिल को किसानों का हितैषी बताया. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये तीनों बिल किसानों को सशक्त बनाते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2020 7:12 PM
an image

पटना: बिहार की राजधानी पटना में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संसद में पारित किए गए किसान बिल को किसानों का हितैषी बताया. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये तीनों बिल किसानों को सशक्त बनाते हैं. ये बिल किसानों को शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए है ना कि उनके हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए.

रविशंकर प्रसाद ने साधा विपक्ष पर निशाना

रविशंकर प्रसाद ने साथ ही बिल का विरोध कर रही विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा. अपने बयान में केंद्रीय मंत्री ने खासतौर पर कांग्रेस पार्टी को निशाने पर लिया. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार द्वारा पारित कृषि बिल का झूठ की बुनियाद पर कांग्रेस पार्टी विरोध कर रही है. कांग्रेस का विरोध प्रधानमंत्री का विरोध करने के लिए है.

केंद्रीय मंत्री ने कृषि बिल को बताया फायदेमंद

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दावा किया कि नया कृषि कानून देश के 86 फीसदी छोटे और मझोले किसानों के हित में है. रविशंकर प्रसाद ने दोहराया कि नया कृषि कानून किसानों को बिचौलियों के शोषण से बचाएगा. वहीं विपक्षी पार्टियां इस कानून के विरोध में बिचौलियों के पक्ष में खड़ी दिखती है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि किसानों का न्यूनतम समर्थन मूल्य कभी खत्म नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने देश के 11 करोड़ किसानों के खाते में 94 हजार करोड़ रुपये दिए हैं.

राजनीति के लिए हो रहा कृषि बिल का विरोध!

रविशंकर प्रसाद ने दावा किया कि नये कृषि कानून का विरोध किसान नहीं कर रहे बल्कि राजनीतिक दलों द्वारा अपना स्वार्थ साधने के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का विरोध केवल और केवल झूठ पर आधारित है. रविशंकर प्रसाद ने राष्ट्रीय जनता दल पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी बताए कि यदि कांग्रेस बिचौलियों के साथ खड़ी है तो क्या आरजेडी भी बिचौलियों के साथ खड़ी है.

दरअसल, संसद के मानसून सत्र में एनडीए सरकार तीन कृषि बिल लेकर आई जिसे दोनों सदनों से पास करवा लिया गया है. संसद में विपक्ष ने इस बिल को किसान विरोधी बताते हुए काफी विरोध किया. इसके बाद किसान संगठनों के नेतृत्व में किसानों ने भी बिल का विरोध किया.

तीनों बिल का सबसे ज्यादा विरोध पंजाब, हरियाणा सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश में देखा गया. इस बिल के विरोध में एनडीए के घटक दल शिरोमणी अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर ने भी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया.

कृषि बिल पर बीजेपी का जनसंपर्क अभियान

जानकारी के मुताबिक बीजेपी पंद्रह दिनों तक सात राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में जनसंपर्क के जरिए कृषि बिल पर जागरूकता अभियान चला रही है. बीजेपी ने जनसंपर्क अभियान को आत्मनिर्भर किसान नाम दिया है. इस अभियान के तहत इन राज्यों के प्रत्येक गांव में लोगों से संपर्क किया जा रहा है.

पीएम मोदी ने भी अपने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वो कृषि बिल के फायदे से किसानों को अवगत करवाएं.

Posted By- Suraj Kumar Thakur

Exit mobile version