बिहार के 60 विधान पार्षदों में करीब 63 प्रतिशत यानी 38 के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं. इलेक्शन वाच की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कुल साठ विधान पार्षदों की ओर से दायर शपथपत्र के मुताबिक इनमें 33 प्रतिशत यानी 20 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. यह जानकारी खुद विधान पार्षदों ने अपने हलफानामे में दी है. दो सदस्यों ने अपने खिलाफ हत्या का मुकदमा चलने की जानकारी दी है, जबकि नौ विधान पार्षदों ने बताया है कि उनके खिलाफ हत्या के प्रयास करने का मामला चल रहा है. दो सदस्यों के खिलाफ महिलाओं से संबंधित अत्याचार के मामले लंबित हैं.
राज्य में कुल विधान पार्षदों की संख्या 75 है, जिनमें 12 मनोनीत सदस्य हैं. मनोनीत सदस्यों की ओर से शपथपत्र दायर नहीं की जाती है. तीन अन्य विधान पार्षदों के शपथपत्र उपलब्ध नहीं हो पाये. दलीय आधार पर देखा जाये, तो भाजपा के 16 में से 11 यानी 69 प्रतिशत, राजद के 14 में 10 यानी 71 प्रतिशत, जदयू के 17 में से आठ यानी 47 प्रतिशत तथा कांग्रेस के चार में से तीन यानी 75 प्रतिशत,भाकपा के दो में दो यानी शत प्रतिशत और निर्दलीय पांच में दो यानी 40 प्रतिशत विधान पार्षदों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होने की जानकारी दी है. वहीं ,गंभीर आपराधिक मामलों की श्रेणी में भाजपा के 16 में से पांच,राजद के14 में पांच, जदयू के 17 में सात और निर्दलीय पांच में एक सदस्य हैं.
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60 सदस्यों में 94 प्रतिशत यानी 54 सदस्य करोड़पति हैं, इनमें 10 करोड़ से अधिक संपत्ति वाले सदस्यों की संख्या 25 है.
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72 प्रतिशत सदस्यों की योग्यता स्नातक तक की है, जबकि 15 % विधान पार्षदों की शैक्षणिक योग्यतापांचवीं से 12वीं.
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60 सदस्यों में 94 % यानी 54 सदस्य करोड़पति हैं. विधान पार्षद की औसत संपत्ति 33.87 करोड़ है. इनमें 10 करोड़ से अधिक संपत्ति वाले सदस्यों की संख्या 25 है, जबकि पांच से 10 करोड़ तक की संपत्ति वाले सदस्यों की संख्या 10, एक करोड़ से पांच करोड़ तक की संपत्ति वाले सदस्यों की संख्या 19 व 20 लाख से एक करोड़ की संपत्ति वाले सदस्यों की संख्या छह है. सर्वाधिक करोड़पति विधान पार्षदों वाली पार्टी भाजपा है. इसके 16 में 15 विधान पार्षद करोड़पति हैं. वहीं ,जदयू में 17 में 15, राजद में 14 में 12, कांग्रेस में चार में तीन और सभी पांचों निर्दलीयों की संपत्ति करोड़ से अधिक है.
15 % विधान पार्षदों की शैक्षणिक योग्यतापांचवीं से 12 वीं ,72% सदस्यों की योग्यता स्नातक, एक सदस्य मात्र साक्षर व एक सदस्य के पास डिप्लोमा की डिग्री है. तीन से पांच %सदस्यों की औसत आयु 31 से 40 वर्ष की है, जबकि 44 सदस्यों की 41 से 60 वर्ष की है. 22 प्रतिशत की आयु 61 से 80 वर्ष की है.