पटना. सूबे के 247 नगर निकायों में फिलहाल प्रशासक ही जिम्मेदारी संभालते रहेंगे. जुलाई 2022 में इन निकायों का कार्यकाल खत्म होने के बाद निकाय चुनाव में हो रही देरी को देखते हुए नगर विकास एवं आवास विभाग ने 26 जुलाई 2022 को इस संबंध में अधिसूचना जारी की थी. अब जबकि निर्वाचन की तारीख रद्द कर दी गयी है, ऐसे में इनका कार्यकाल लंबा खींच सकता है.
18 नगर निगम में नगर आयुक्तों को जबकि 229 नगर परिषद व नगर पंचायतों में कार्यपालक पदाधिकारियों को प्रशासक की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. पटना, बिहारशरीफ, आरा, रोहतास, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मोतिहारी, बेतिया, मुंगेर, गया, पूर्णिया, कटिहार, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, बेगूसराय, भागलपुर, सहरसा में नगर आयुक्त प्रशासक की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
मालूम हो कि राज्य के 240 से अधिक शहरी निकायों के निर्वाचित बोर्ड के पांच साल का कार्यकाल इस साल जून में ही पूरा हो गया था. इस बीच चुनाव न होने से शहरी निकायों में कई कार्य प्रभावित हो रहे थे. इसको देखते हुए राज्य सरकार ने निकाय चुनाव तक नगर निकाय प्रशासन की शक्तियां प्रशासकों को दे दी. अक्तूबर में चुनाव की घोषणा के बाद उम्मीद थी कि प्रशासकों की जिम्मेदारी इसी माह खत्म हो जायेगी, मगर अब चुनाव टल जाने से यह काम लंबा खिंचेगा.
अधिकारियों के मुताबिक कार्यकाल खत्म होने के बाद छह माह तक ही प्रशासक बनाया जा सकता है. इस अवधि में निर्वाचन कराना अनिवार्य है. ऐसे में जब निर्वाचन की अधिसूचना रद्द कर चुनाव स्थगित कर दिये गये हैं तो राज्य सरकार को प्रशासक का कार्यकाल बढ़ाना पड़ सकता है. फिलहाल जनवरी 2023 तक नियुक्त प्रशासक मान्य हैं.