बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने दी मंजूरी, 210 मेगावाट हाइब्रिड बिजली खरीदेंगी कंपनियां, मिलेगी राहत

Bihar News: साउथ बिहार और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी की इससे संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद निर्णय देते हुए आयोग ने कहा कि कंपनियां अतिरिक्त अनुबंधित पारंपरिक ऊर्जा का उपयोग करते हुए उपभोक्ताओं पर बिजली खरीद लागत के बोझ को कम करने के उपलब्ध सभी रास्ते तलाशेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | May 6, 2022 10:10 AM

पटना. बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने बिहार की दोनों बिजली वितरण कंपनियों को पीक आवर में उपयोग के लिए सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसइसीआइ) से 210 मेगावाट गैर परंपरागत बिजली खरीद की मंजूरी दे दी है. यह हाइब्रिड (सौर-हाइड्रो) बिजली 6.12 रुपये प्रति यूनिट की दर से 25 वर्षों की लंबी अवधि के लिए उपलब्ध होगी. साउथ बिहार और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी की इससे संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद निर्णय देते हुए आयोग ने कहा कि कंपनियां अतिरिक्त अनुबंधित पारंपरिक ऊर्जा का उपयोग करते हुए उपभोक्ताओं पर बिजली खरीद लागत के बोझ को कम करने के उपलब्ध सभी रास्ते तलाशेगा.

ऑफ-पीक आवर में काफी सस्ती होगी बिजली

आयोग के मुताबिक समझौते के तहत कंपनियों को पीक आवर में भले ही 6.12 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी, लेकिन ऑफ-पीक आवर में यह मात्र 2.88 रुपये प्रति यूनिट में उपलब्ध होगी. पीक आवर सुबह चार घंटे (5.30 से 9.30 बजे) और शाम सात घंटे (शाम 5.30 से रात 12.30 बजे) निर्धारित होगा. इसके अलावा बाकी समय ऑफ पीक आवर में रखा जायेगा.

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पूरा किया जायेगा आरपीओ का लक्ष्य

गैर परंपरागत ऊर्जा के क्षेत्र में देश के अन्य राज्यों की तुलना में बिहार अभी काफी पीछे है. नियमानुसार राज्य की कुल खपत का 17 फीसदी गैर परंपरागत ऊर्जा का होना जरूरी है. लेकिन, बिहार को इस मानक से काफी पीछे होने पर हर्जाना भी भरना पड़ता है. इसकी पूर्ति के लिए सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से खरीद के साथ ही राज्य में भी कजरा में 200 मेगावाट और पीरपैंती में 250 मेगावाट सौर पावर प्लांट लगाया जा रहा है. इन प्रयासों से राज्य के औद्योगिकरण में सहायता मिलेगी ही, केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के लिए निर्धारित रिन्यूएबल परचेज ऑब्लिगेशन (आरपीओ) को काफी हद तक पूरा किया जा सकेगा.

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