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बिहार: मोतिहारी में डॉक्टर से मांगी गयी दो करोड़ की रंगदारी, जांच में जुटी पुलिस, बनी एसआइटी

बिहार में एक बार फिर अपहरण, फिरौती और रंगदारी जैसे शब्द सुनने और पढ़ने को मिलने लगे हैं. खबरों से गायब हो चुकी इन घटनाओं का एक बार फिर खबरों में आना बिहार को पुराने दिनों में लौटने का संकेत माना जा सकता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 28, 2023 3:00 PM
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मोतिहारी. बिहार में एक बार फिर अपहरण, फिरौती और रंगदारी जैसे शब्द सुनने और पढ़ने को मिलने लगे हैं. खबरों से गायब हो चुकी इन घटनाओं का एक बार फिर खबरों में आना बिहार को पुराने दिनों में लौटने का संकेत माना जा सकता है. वैसे तो बिहार में हर प्रकार के अपराध आये दिन होते ही रहते हैं, लेकिन रंगदारी जैसी घटनाओं का सामने आना पुलिस प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों के लिए भी चिंता का विषय है. ताजा मामला मोतिहारी का है. यहां एक डायग्नोस्टिक सेंटर के डॉक्टर से 2 करोड़ की रंगदारी मांगी गयी है. नहीं देने पर जान से मारने की भी धमकी दी गयी है. एक ओर जहां शहर के डॉक्टरों में दहशत है, वहीं पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है.

डरा हुआ है डॉक्टर का परिवार 

घटना के संबंध में बताया जाता है कि बिहार के मोतिहारी में छतौनी थाना अंतर्गत कवि डायग्नोस्टिक के संस्थापक डॉ. संजय कुमार से बदमाशों ने दो करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी है. सबसे बड़ी बात है कि बदमाशों ने अपनी हैंड राइटिंग पहचान नहीं पाने के कारण धमकी वाला पत्र को प्रिंटर से कॉपी करके निकाली और डॉक्टर के घर फेंक दिया. इसके बाद अब डॉक्टर संजय कुमार का परिवार बेहद ही डरा हुआ है. इस सूचना मिलने के बाद प्रभारी सदर डीएसपी रंजन कुमार ने डॉक्टर की क्लिनिक पर पहुंचकर इस मामले में पूछताछ की है. इसको लेकर एसपी कान्तेश कुमार मिश्र ने सदर डीएसपी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है.

लिफाफे में था धमकी भरा पत्र 

घटना को लेकर डॉ. संजय ने बताया कि रंगदारी से संबंधित चिट्ठी मेरे चैम्बर में लैपटॉप को ढंकने वाले तौलिए के नीचे लिफाफा में रखा हुआ था. उसमें दो करोड़ रुपये रंगदारी देने की बात कही है. इसके साथ रंगदारी नहीं देने पर मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई. उन्होंने बताया कि हम जिस चैम्बर में रहते हैं, उस दौरान मरीज चैम्बर में आते हैं. इसके पहले स्टाफ ही चैम्बर में आते जाते हैं. ऐसे में यह चिट्ठी किसने भेजी है. इसकी कोई जानकरी नहीं है. जब चैम्बर से निकलते वक्त लैपटॉप को शट डाउन करके उसे ढंकने के लिए तौलिया उठाया, तब नीचे लिफाफा रखा हुआ मिला. लिफाफे में रंगदारी से संबंधित पत्र था.

जांच में जुटी पुलिस 

इधर, डॉ. संजय ने इस मामले में छतौनी थाने में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ लिखित आवेदन दिया है. इस घटना को लेकर एसपी डॉ. कान्तेश कुमार मिश्र के निर्देश पर प्रभारी सदर डीएसपी रंजन कुमार डॉक्टर के क्लिनिक पहुंचे. तभी इस मामले की जांच करनी शुरू कर दी. तभी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. डीएसपी रंजन कुमार के नेतृत्व में गठित टीम इस मामले की जांच कर रही है.

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