Bihar मद्य निषेध विभाग में सिपाही भर्ती को लेकर आयोजित की गयी परीक्षा में कदाचार करते छह सेंटरों से कुल 19 मुन्ना भाई को बीते रविवार को गिरफ्तार किया गया था. इसी दौरान एक फर्जी दारोगा को भी गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार फर्जी दारोगा का नाम कैलाश कुमार पिता स्व जवाहर मंडल है. जो सुपौल जिले के पिपरा थाना अंतर्गत सखुआ का रहने वाला है. फर्जी दारोगा जिला स्कूल सेंटर पर पहुंच मुन्ना भाइयों का कदाचार में सहयोग कर रहा था. जिसकी गतिविधि को देख पुलिस अवर निरीक्षक विक्की रविदास को शक हो गया.
कदाचार में कर रहा था मदद
फर्जी दारोगा सेंटर पर मौके का फायदा उठा मुन्ना भाईयों को दारोगा के ड्रेस में कदाचार करने में मदद कर रहा था. इतना ही नहीं फर्जी दारोगा ने पकड़ाये परीक्षार्थियों को सदर थाना पहुंच छुड़वाने में भी मदद करने की कोशिश की. जिसके बाद आचरण को देख पुअनि विक्की रविवदास ने मामले की जानकारी थानाध्यक्ष सुधाकर कुमार को दी. सदर थानाध्यक्ष सुधाकर ने बिना समय गंवाये इस फर्जी दारोगा को बुला उससे पूछताछ शुरू की. जिसके बाद सच्चाई सामने आने पर सभी हैरान रह गये. पूछताछ में जानकरी अलग-अलग दिये जाने पर उसे तत्काल हिरासत में ले लिया गया. जिसके बाद वरीय अधिकारियों को मामले से अवगत कराया गया. देर शाम मामले को लेकर मुख्यालय व सदर डीएसपी ने सदर थाना पहुंच फर्जी दारोगा से सख्ती से पूछताछ की. जहां पूछताछ के दौरान फर्जी दारोगा की कलई खुल गयी. जिसके बाद विधि सम्मत कार्रवाई कर फर्जी दारोगा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.
बिहार में रविवार को मद्य निषेध सिपाही भर्ती परीक्षा आयोजित की गयी. इस दौरान करीब 1 दर्जन जिलों में 292 मुन्नाभाई धराये जो मोबाइल या ब्लूटुथ के जरिये परीक्षा पास करने के लिए सेंटर में घुसे थे. भागलपुर में 78 अभ्यर्थियों को ब्लूटूथ के साथ पकड़ा गया. वहीं पटना, गया, नालंदा और सीवान समेत अन्य जिलों में भी पकड़े गये. पूर्व में बीपीएससी परीक्षा में धांधली के बाद अब एक और लापरवाही का आरोप आयोजकों पर लगने लगा है.