बिहार के कोसी इलाके में ड्रोन से खेतों में दवा का स्प्रे, किसानों की टेंशन दूर करेगी ये नयी तकनीक, जानें

बिहार के किसान अब खेतों में जाकर जहरीली कीटनाशक दवाएं ड्रोन की मदद से छिड़क सकेंगे. अब नयी तकनीक से छिड़काव मधेपुरा के किसान कर रहे हैं. उनका यह प्रयोग सफल रहा है. ड्रोन से फसलों के उपचार की तकनीक किसानों को खूब भायी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2022 4:06 PM

कुमार आशीष, मधेपुरा

Farmer News: फसलें रोग मुक्त रहें, इसके लिए किसान खेतों में जाकर जहरीली कीटनाशक दवाएं लगाते हैं. इसमें समय तो अधिक लगता ही है, जोखिम भी रहता है. दवा के छिड़काव की इस पुरानी परंपरा को त्याग कर मधेपुरा के किसान भी नई तकनीक अपना रहे हैं. ड्रोन से फसलों के उपचार की तकनीक किसानों को खूब भायी है.

ड्रोन से छिड़काव का सफल परीक्षण

घैलाढ़ प्रखंड के लक्ष्मीनिया गांव में ड्रोन से छिड़काव का सफल परीक्षण भी हुआ है. अब ड्रोन लेने की तैयारी है. गांव में ड्रोन की उपलब्धता भी रहेगी, जिससे मधेपुरा ही नहीं पूरे कोसी इलाके के किसान लाभान्वित होंगे. जागरूक किसान ई नरेंद्र चंद्र नवीन ने कहा कि ड्रोन का परीक्षण सफल रहा है. इसे पूरे गांव के लोग अपनायेंगे.उन्होंने बताया कि ड्रोनियर एवीएशन द्वारा निर्मित कृषि कार्य को संपन्न करने वाली एग्रीबोट ड्रोन लगातार 20 मिनट तक छिड़काव कर सकती है

एक दिन में 30 एकड़ तक होगा छिड़काव

किसान ई नरेंद्र चंद्र नवीन ने कहा कि एक एकड़ में दस लीटर पानी का प्रयोग होता है. इसमें दवाई का मिश्रण किया जाता है. ड्रोन एक दिन में 25 से 30 एकड़ में छिड़काव किया जाता है. इसके लिए बैंक से किसान को ऋण भी मुहैया कराया जाता है. इससे फसल के स्वास्थ्य की निगरानी की जाती है.

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दवा के छिड़काव के लिए ड्रोन का सहारा

फसलों को रोग से बचाने के लिए किसान स्प्रिंकलर मशीन से दवा का छिड़काव करते हैं. इसमें किसानों को मशक्कत करनी पड़ती है. गन्ना, अरहर की फसल ऊंची व घनी होने के कारण किसान सही ढंग से छिड़काव नहीं कर पाते है. धान के खेत में कीचड़ होने से परेशानी होती है. किसानों के पास इसका विकल्प नहीं था. डेमो देख आसपास के किसान भी चकित रह गये. यहां पहली बार ड्रोन से छिड़काव का परीक्षण हुआ था. इससे जिले के दस हजार से अधिक किसानों को इसका लाभ मिलेगा.

50 मीटर उड़ान भरेगा ड्रोन

ड्रोन 50 मीटर उड़ान भरकर फसल पर दवा का छिड़काव करेगा. सुविधानुसार इसे नीचे भी किया जा सकता है. अरहर, गन्ना, धान पर छिड़काव करने में दिक्कत नहीं होगी. ऊपर से ही समान रूप से छिड़काव किया जा सकेगा. इससे दवा कम लगेगी. डेमो के दौरान किसान बताते है कि ड्रोन विधि तब अधिक कारगर होगी, जब सामान्य गति से हवा चल रही हो. तेज हवा में ऊपर से गिरायी गयी दवा उड़कर दूसरी ओर जा सकती है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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