बिहार में बन रहे सूखे की हालात से निबटने के लिए सरकार डीजल अनुदान पर डेढ़ सौ करोड़ रुपये खर्च करेगी. बुधवार को कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर धान समेत अन्य खेती की स्थिति की जानकारी दी. मंत्री ने कहा कि राज्य में जरूरत से 45 फीसदी कम बारिश हुई है. अभी तक 442.3 एमएम बारिश होनी चाहिए थी, जिसमें 242 एमएम ही बारिश हुई है. अब तक 49.19 प्रतिशत ही धान की रोपनी हो सकी है. 35,97,595 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती का लक्ष्य था, जिसमें अभी मात्र 17,69,688 हेक्टेयर क्षेत्र में ही धान की रोपनी हुई है.
मंत्री ने कहा कि इस हालात से किसानों को उबारने के लिए सरकार की ओर से कई पहल की जा रही हैं. सरकार पटवन के लिए किसानों को 150 करोड़ रुपये डीजल अनुदान देने जा रही है. इसके लिए अब तक 13,901 किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया है. मौके पर कृषि निदेशक डॉ आलोक रंजन घोष भी थे.
कृषि मंत्री ने बताया कि मुंगेर व बांका सहित दक्षिण बिहार के नौ राज्यों में धान की खेती ठीक नहीं हुई है. नहर से सिंचाई वाले जिले औरंगाबाद, गया, मधेपुरा समेत अन्य जिलों में नहरों की सफाई और मरम्मत का कार्य लघु सिंचाई विभाग से कराया जायेगा. कहा कि केंद्र ने बिहार की योजनाओं को लटका रखा है. नेपाल से हजारों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है.
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कृषि मंत्री ने कहा कि इस वर्ष 331367 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसमें अभी तक 273087.42 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का कीबुआई की गयी है. मंत्री ने कहा कि 15 अगस्त तक बारिश और धान की रोपनी का इंतजार किया जायेगा. इसके बाद आकस्मिक फसल योजना के तहत शॉर्ट टाइम धान, हाइब्रिड मक्का, अरहर, तोरिया, उड़द, सरसों, मटर, भिंडी, मूली, कुलथी, मड़ुआ, सावा, कोदो, ज्वार, तथा बरसीम की खेती पर फोकस किया जायेगा. इसके लिए 50 करोड़ रुपया अलग से रखा गया है. जिलों में खाद का स्टॉक है.
मंत्री ने कहा कि कृषि फीडर से 12 घंटे बिजली देने की पहल की जा रही है. सभी डीएम को कहा गया है कि एक-एक या दो-दो घंटे बिजली देकर 12 घंटे नहीं पूरा करना है. बल्कि, कम से कम पटवन करने लायक बिजली देनी है. मंत्री ने कहा कि सूखे की स्थिति पर सरकार की नजर है.
बता दें कि सूबे के कई जिलों में किसान एकबार फिर से अच्छी बारिश के लिए आसमान की ओर टकटकी लगाए हुए हैं. पानी के अभाव में खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ चुकी हैं.जिससे खेतों में लगे धान के बिचड़े अब सूखने लगे हैं. किसानों के चेहरे मायूस हैं. करीब एक महीने पहले हुए झमाझम बारिश में किसानों ने तैयार धान का बिचड़ा खेतों में लगाया था. एकबार फिर से उन्हें अच्छी बारिश की उम्मीद थी. लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया. खेतों में लगे धान को सूखने और उसमें पड़ी दरार को बचाने के लिए किसान पंपसेट की सहायता ले रहे हैं. लेकिन इसके लिए पंपसेट वालों से प्रति घंटे 200 के करीब रूपए देकर उन्हें पानी खरीदकर सिंचाई करनी पड़ रही है. अच्छी बारिश नहीं होने से अब उन्हें फसल बचाना मुश्किल हो गया है.
इधर, मुजफ्फरपुर जिले में डीजल अनुदान के लिए ऑनलाइन आवेदन की रफ्तार बढ़ गयी है. पिछले सप्ताह शनिवार से आवेदन की प्रकिया शुरू हुई थी. बीते पांच दिनों में अलग-अलग प्रखंडों से कुल 2,410 किसानों ने डीजल अनुदान के लिए आवेदन कर दिया है. बुधवार को जिला कृषि पदाधिकारी राजन बालन ने आवेदनों के सत्यापन के लिए अनुमंडल के साथ प्रखंड कृषि पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें आइडी व पासवर्ड दिया गया. विभाग की ओर से आवेदनों के सत्यापन की शुरुआत कर दी गयी है. साथ ही किसानों को इस बारे में जानकारी भी दी जा रही है. दूसरी ओर कृषि समन्वयकों के हड़ताल पर रहने से कृषि विभाग भी प्रभावित है.