Bihar Farmers News: बिहार के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है. अब गेहूं की बुआई के लिए डीएपी की कमी दूर हो गई है. दिसंबर महीने में केंद्र की मोदी सरकार ने बिहार को 73 हजार मीट्रिक टन डीएपी भेजी है. इससे प्रदेश में डीएपी की उपलब्धता 90 प्रतिशत से अधिक हो गई है. अब प्रदेश में किसानों को रबी फसल की बुआई में कोई परेशानी नहीं आने वाली है. डीएपी की कमी से किसान परेशान चल रहे थे. अब केंद्र सरकार की तरफ से मिलने वाली डीएपी की इस नई खेप से उन्हें राहत मिलेगी.
अब सिर्फ 21 हजार मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत
बिहार को कुल 2.45 लाख मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत थी. अभी तक 2.24 लाख मीट्रिक टन डीएपी मिल चुका है. इसके बाद अब प्रदेश में मात्र 21 हजार मीट्रिक टन डीएपी की कमी है. दिसंबर में राज्य को 70 हजार मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत थी. केन्द्र ने इससे भी अधिक 73 हजार मीट्रिक टन डीएपी भेज दी है.
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क्या होता है डीएपी?
डीएपी यानी डाई अमोनियम फॉस्फेट, यह एक तरह का खाद होता है. यह खाद गेहूं जैसी रबी फसलों के लिए बेहद जरूरी होता है. इसमें फॉस्फोरस और नाइट्रोजन जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए जरूरी है. डीएपी की कमी से पौधों की ग्रोथ रुक जाती है और पैदावार कम हो जाती है. इसलिए समय पर डीएपी मिलना किसानों के लिए बेहद जरूरी है. अब जबकि डीएपी की आपूर्ति बढ़ गई है, किसान अब बिना किसी टेंशन के फसल की बुआई कर सकते हैं.