बिहारशरीफ मुख्यालय से 16 किलोमीटर दूर नवनालंदा महाविहार स्थित नालंदा तालाब का स्वरूप कई दशक बाद बदलने जा रहा है. करीब 12 एकड़ में फैले इस तालाब का जीर्णाद्धार लघु सिंचाई विभाग कर रहा है. जिस पर एक करोड़ 69 लाख 98 हजार रुपये खर्च करने की योजना है. जल-जीवन-हरियाली योजना से नालंदा तालाब की खुदाई कार्य में आधा दर्जन जेसीबी मशीन, 13 हाइवा और 25 ट्रैक्टर डेढ़ माह से लगा हुआ है. वर्तमान में आसपास के खेत से तालाब को सात से आठ फीट गहरा किया जा रहा है. उम्मीद हैं कि बरसात के पूर्व तक तालाब के जीर्णाद्धार का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. स्थानीय स्तर पर जल भू-भ्रमण, जल संग्रहन, भू-जल स्तर बेहतर करना, मत्स्य पालन और पानी फल की खेती को बेहतर करने के उद्देश्य से तालाब का जीर्णाद्धार पर जोर दिया जा रहा है.
बताया जाता है कि इस तालाब की खुदाई होने से आसपास के करीब सौ से डेढ़ बीघा खेती की पटवन में भी सुविधा होगी. यह तालाब मत्स्य पालन विभाग के देखरेख में है, जो मत्स्य पालन के लिए टेंडर जारी करता है, लेकिन तालाब के लंबे समय से खुदाई नहीं होने के कारण मछली पालन और पानी फल की खेती प्रभावित होने लगी थी. फिलहाल लघु सिंचाई विभाग जल-जीवन-हरियाली योजना से नालंदा तालाब का जीर्णाद्धार कर मत्स्य पालन विभाग को सौंपेगी. तालाब की खुदाई से यहां गर्मी के दिनों में सैलानियों की संख्या भी बढ़ेगी. जानकारी बताते हैं कि यह खुदाई करीब 50 वर्षों के बाद हो रही है.
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नालंदा के लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता अभिषेक कुमार ने बताया कि जल-जीवन-हरियाली योजना से नालंदा तालाब का जीर्णाद्धार का काम किया जा रहा है. करीब डेढ़ माह से काम चल रहा है. उम्मीद है कि बरसात शुरू होने से पूर्व खुदाई का काम पूरा कर लिया जाएगा. खुदाई कार्य पूरा होने के बाद मत्स्य पालन विभाग को इसे सौंप दिया जाएगा.