उत्तर बिहार से दक्षिण बिहार (North Bihar to South Bihar) को जोड़ने वाली सड़क जो राज्य का पहला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा (Bihar Greenfield Expressway), के बनने का रास्ता साफ हो गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के अनुरोध पर केंद्र सरकार (Modi GovT) ने इसे नेशनल हाइवे (National Highway) का दर्जा दे दिया.
औरंगाबाद (Aurangabad) के आमस जीटी रोड से दरभंगा के जयनगर के बीच बनने वाली करीब 200 किमी लंबी सड़क बिहार के तीनों एयरपोर्ट (गया,पटना और दरभंगा) के बीच सुगम कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. नेशनल हाइवे के दर्जा के लिए शनिवार को केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग परिवहन मंत्रालय की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई. अब इस सड़क के निर्माण के लिए विधिवत जमीन अधिग्रहण का काम शुरू होगा. फिर आगे की प्रकिया शुरू होगी. सड़क निर्माण का कार्य 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है.
मगध से मिथिला को जोड़ने वाली इस सड़क के महत्व को देखते हुए ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से अनुरोध किया था. करीब 200 किमी लंबी की लंबाई में बनने वाली फोरलेन आमस-दरभंगा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे से राज्य के विकास को गति मिलेगी. यह सड़क राज्य के सात जिलों से होकर गुजरेगी.इनमें गया, जहानाबाद, नालंदा, पटना, वैशाली, समस्तीपुर और दरभंगा जिले शामिल हैं. इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर करीब साढ़े सात हजार करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है.
उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाली इस सड़क से पटना का गया और दरभंगा एयरपोर्ट से सीधा संपर्क हो जायेगा. साथ ही इसका संपर्क जीटी रोड से भी हो जायेगा. सड़क बनाने की जिम्मेदारी एनएचएआइ को दी गयी है. सूत्रों के मुताबिक भारतमाला योजना के तहत बनने वाली इस सड़क में 80 फीसदी ग्रीनफील्ड रखा गया है. ग्रीन फील्ड का अर्थ है कि इस कॉरिडोर में 80 फीसदी नयी सड़क होगी.
बीते दिनों एनएचएआइ की भू-अर्जन समिति की बैठक में इस सड़क को औरंगाबाद से जयनगर तक करीब 271 किमी की लंबाई में बनाने का प्रस्ताव था. समिति ने फिलहाल औरंगाबाद से दरभंगा तक के लिए इस सड़क की मंजूरी दी है. इसके बाद अगले चरण में इसका विस्तार दरभंगा से जयनगर तक किया जायेगा.
Posted By: Utpal kant