Bihar Flood 2020 : गंगा,कोसी और बागमती के बढ़ते जलस्तर से बाढ़ का संकट गहराया, ग्रामीण जगकर काट रहे हैं रात…

बिहार में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है.जिसके कारण प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बन चुकी है. सूबे में गंगा, कोसी व बागमती का जलस्तर कई जगहों पर बढ़ता जा रहा है.जिसे देखते हुए प्रशासन ने अपनी तैयारी तेज कर दी है.वहीं बाढ़ के संकट गहराने के कारण तटबंध किनारे बसे इलाकों के ग्रामीण जगकर पूरी रात काट रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2020 11:22 AM

बिहार में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है.जिसके कारण प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बन चुकी है. सूबे में गंगा, कोसी व बागमती का जलस्तर कई जगहों पर बढ़ता जा रहा है.जिसे देखते हुए प्रशासन ने अपनी तैयारी तेज कर दी है.वहीं बाढ़ के संकट गहराने के कारण तटबंध किनारे बसे इलाकों के ग्रामीण जगकर पूरी रात काट रहे हैं.

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लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा गंगा का जलस्तर

भागलपुर में गंगा का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है.कहलगांव में गंगा चेतावनी लेवल से 19 सेमी ऊपर बह रही है. जिस रफ्तार से गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. आशंका है कि आने वाले 48 घंटे में उफनती गंगा खतरे के निशान को पार कर जाएगी. गंगा के इस स्वरूप को देख कर शहर स्थित कागजी टोला के दर्जनों मछुआरे एहतियातन अपनी डेंगी गंगधार से बाहर निकालने में जुटे हैं.कटाव के मुहाने के करीब 50 घर-परिवार पूरी रात किसी अनहोनी के भयवश गंगधार के थपेड़ों की आवाज सुन रतजग्गा करने को मजबूर हैं. फिलहाल मछुआरों ने एहतियातन शिकारमाही बंद कर दी है. करीब डेढ़ सौ डेंगी राज घाट, चारो धाम, कागजी टोला, सती धाम व श्मशान घाट में सूखे पर सुरक्षित निकाल बाहर किया जा चुका है.

लगातार बारिश के कारण गंगा से जुड़ी कई नदी हुई लबालब

पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश व झारखंड की पहाड़ी इलाके से गंगा में प्रवेश कर रहा पानी लगातार खाली पड़ी गंगा में प्रवेश कर रहा है. जिस कारण गंगा के जलस्तर में भी वृद्धि अनवरत जारी है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार मंगलवार की शाम छह बजे तक गंगा का जलस्तर 30.28 मीटर दर्ज किया गया. जलस्तर प्रति घंटे एक सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है. यहां गंगा अपने चेतावनी लेवल (30.09मीटर) से 19 सेंमी ऊपर बह रही है. खतरे का निशान 31.9 मीटर है. इधर, गंगा से जुड़ी भैना, कोआ, गेरुआ व घोघा नदियां भी जलमग्न हो चुकी हैं.

कोसी व बागमती नदी के जलस्तर से बढ़ा खतरा

वहीं लगातार कोसी व बागमती नदी के जलस्तर में हो रहे उतार चढाव से ग्रामीण भयभीत नजर आ रहे हैं. वहीं बीते दो दिनों से दोनों नदियों के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गयी. कोसी नदी से घिरे प्रखंड की आधी आबादी संभावित बाढ़ की खतरों से सहम गये हैं. लोगों को इस बात की चिंता सताने लगी है कि यदि बाढ़ आयी तो क्या होगा. एक तरफ कोरोना महामारी का संक्रमण और दूसरी ओर बाढ़ का खतरा.

मुसलाधार मानसूनी बारिश से कोसी उफान पर

बीते दिनों हुई मुसलाधार मानसूनी बारिश से कोसी उफान भरकर खेती योग जमीन को अपने आगोश में ले चुकी है. वहीं आबादी वाले क्षेत्र में पानी के प्रवेश करने को लेकर ग्रामीण रतजगा करने पर विवश हैं. नदी किनारे बसी आबादी कोरोना संक्रमण के खतरे एवं बाढ़ के संभावित खतरे के बीच जीने को विवश हैं. वहीं लगातार कोसी और बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि से आसपास बसे निचले इलाके में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. हर बार बाढ़ का दंश झेलने वाले बाढ़ प्रभावित वाले इलाके के सैकड़ों की आबादी इस बार भी अपने आशियानों को बचाने के साथ साथ पशुओं को सुरक्षित करने की जद्दोजहद शुरू कर दी है. ग्रामीण खुद के साथ साथ पशु के लिये भी उंचे स्थानों का चयन कर रहे हैं.

24 घंटे में बागमती नदी 43 सेंटीमीटर बढ़ी

इन दिनों बागमती नदी उफान पर है. बागमती नदी के जलस्तर में रोजाना काफी वृद्धि हो रही है. पिछले 24 घंटे में बागमती नदी 43 सेंटीमीटर बढ़ी है. जबकि एक दिन पूर्व भी 49 सेंटीमीटर बढ़ा था. दूसरी ओर कोसी नदी के जलस्तर में भी लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. पिछले 24 घंटे में कोसी नदी के जलस्तर में 12 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है. दोनों नदियां खतरे के निशान से काफी ऊपर आ गयी है. बागमती नदी खतरे के निशान से 2 मीटर 19 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच चुकी है. जबकि कोसी नदी भी खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर है. जबकि बागमती और कोशी में जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने के कारण तेगाछी, नवादा भराई सहित खरैता, रोहियार, ठूठी के कई घरों में पानी प्रवेश करने से लोग ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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