सिकटा. सीमावर्ती क्षेत्र का सिकटा प्रखंड बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है. दर्जनों गांवों को एक दूसरे से जोड़ने वाली सड़क, पुल बाढ़ के तेज को झेल नहीं सके और टूटकर बह गए. प्रशासनिक स्तर पर सीओ मनीष कुमार व बीडीओ मीरा शर्मा स्थिति की समीक्षा करने में लगे हुए हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक जगरनाथपुर से महेशड़ा जाने वाली सड़क बाढ़ के पानी के तेज को झेल नहीं सकी. करीब दो सौ मीटर तक सड़क टूटकर क्षतिग्रस्त हो गया है. फिलवक्त भी सड़क पर पानी बह रहा है. देखने पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों से बाढ़ पीड़ितों ने अपनी समस्या से अवगत कराया.
महिलाओं ने बाढ़ से भुखमरी की नौबत आने की बात बीडीओ से कही. महिलाओं ने कहा कि बाढ़ से सभी सामान भी नष्ट हो गए है. उधर गौरीपुर से छोटी घनकुटवा जाने वाली सड़क में निर्मित पुल भी बाढ़ के पानी में बह गया है.इससे आवागमन बाधित हो गया है.
वही नरकटिया गांव में जाने वाली सड़क मार्ग पर बना पुल भी बह गया है. जिससे वहां के लोग काफी प्रभावित है. गत दिनों एक गर्भवती महिला और एक बीमार महिला को एनडीआरएफ की टीम ने गंभीर हालत में रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया था. हालांकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गोपालपुर थानाध्यक्ष राजरूप राय की भूमिका काफी सराहनीय रहा.
वे थाना क्षेत्र में पड़ने वाले ग्रामीणों के साथ साथ बेतिया से सिकटा या मैनाटांड़ आने जाने वाले राहगीरों को भी अपने देख रेख में इसपार से उसपार करवाया. बाढ़ के समय मे गोपालपुर से घोघा तक सड़क पर करीब चार से पांच फीट तक पानी बह रहा था. जरूरतमंद लोग जान की बाजी लगाकर आवाजाही कर रहे थे. जिन्हें सुरक्षित निकालने का जिम्मा थानाध्यक्ष ने उठाया था.
बाढ़ग्रस्त इलाकों के समीक्षा में निकले सीओ मनीष कुमार और बीडीओ मीरा शर्मा ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित जितने भी सड़क मार्ग अवरुद्ध हुए है. पानी कम होने के बाद युद्ध स्तर पर काम शुरू करवाया जाएगा. इसकी नियमित मॉनीटरिंग की जा रही है.
Posted by Ashish Jha