Bihar Flood: बिहार में 24 घंटे में टूटे 7 तटबंध, 50 से अधिक सड़कें ध्वस्त, प्रशासन अलर्ट
Bihar Flood: नेपाल में हुई भारी बारिश के बाद बिहार के 12 जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. इन जिलों के 20 प्रखंडों के करीब 2 लाख आबादी बाढ़ की चपेट में आ गई है. यहां की हालात और भी गंभीर हो सकते हैं, क्योंकि नेपाल की ओर से छोड़ा गया पानी बिहार के मैदानी इलाकों में फैलने की संभावना बढ़ते जा रही है.
Bihar Flood: नेपाल में हुई भारी बारिश के बाद बिहार के 12 जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. इन जिलों के 20 प्रखंडों के करीब 2 लाख आबादी बाढ़ की चपेट में आ गई है. यहां की हालात और भी गंभीर हो सकते हैं, क्योंकि नेपाल की ओर से छोड़ा गया पानी बिहार के मैदानी इलाकों में फैलने की संभावना बढ़ते जा रही है. बता दें कि बिहार में बाढ़ से 50 से अधिक सड़कें ध्वस्त हो चुकी हैं.
इधर दरभंगा की बात करें तो देर रात 12:45 बजे किरतपुर प्रखंड के सहरसा सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित कोसी नदी का बांध भोगोल के सामने टूट गया. जिससे एक लाख की आबादी प्रभावित हुई है. रसियारी, किरतपुर, बगरस, दोहथा, जमालपुर, झगरुवा, कुबोल, ढागा, तरवारा, तेतरी, अमृतनगर, पखारिया, सिरसिया, रही टोल खतवारा, वर्दीपुर सिरनिया, लक्ष्मीपुर, भंडरिया, कदवारा, कटरिया, राम खेतरिया सहित कई गांव मुख्य रूप से प्रभावित हुए हैं. देर रात से ही डीएम सहित अन्य अधिकारी कैंप कर रहे हैं.
24 घंटे में टूटे 7 तटबंध
रविवार की रात दरभंगा के किरतपुर के भूगोल गांव के पास कोसी की उपधारा ने पश्चिमी तटबंध को तोड़ दिया. इसके पहले 9 घंटे में सीतामढ़ी और शिवहर जिले में बागमती नदी पर पांच जगहों पर तटबंध टूटे. फिर बगहा में चंपारण तटबंध भी टूटा. इस हालात को देखते हुए पश्चिम चंपारण जिले में 8 प्रखंडों के 58 स्कूलों को 2 अक्टूबर तक बंद कर दिया गया है.
बाढ़ का सबसे ज्यादा असर सुपौल और पश्चिमी चंपारण के इलाके में देखने को मिल रहा है. अररिया में भी बारिश और बाढ़ के कारण रेलवे ट्रैक के ऊपर से पानी बह रहा है. जिसकी वजह से कई ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. इससे एक दिन में ही 200 से अधिक गांव की करीब 3.5 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई हैं. अगले 24 घंटे में बाढ़ का दायरा बढ़ने की संभावना है जिससे नए इलाकों में भी पानी फैलेगा.
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पश्चिम चंपारण में बाढ़ के पानी में दो दर्जन गांवों के लोग फंसे
पश्चिम चंपारण के योगापट्टी और बैरिया प्रखंड के दियारा इलाके में रविवार की शाम अचानक बाढ़ का पानी घुस गया. जिससे खुटवनिया जलरपुल, सिसवा मंगलपुर, नवलपुर, ढढ़वा, चमुखा और हरपुर मुजौना पंचायत के दो दर्जन गांवों के लोग फंसे हुए हैं. प्रशासन की ओर से 100 से ज्यादा परिवारों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया है. लेकिन, करीब 900 लोगों के अभी भी फंसे होने की बात कही जा रही है. जिला में बाल्मीकि टाइगर रिजर्व से जानवर बाहर निकलने लगे हैं.
NDRF की 11 टीमें ऐक्टिव, 8 को रिजर्व में रखा गया
बिहार में बाढ़ के हालात को देखते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने रविवार को NDRF के अधिकारियों के साथ बैठक की है. इस बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार हर आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में NDRF की 11 टीमें काम कर रही हैं. 8 टीमों को रिजर्व में रखा गया है, जरूरत पड़ने पर पश्चिम बंगाल से भी टीम बुलाई जाएगी.
मुख्य सचिव ने सभी जिलों के डीएम के साथ की बैठक
दूसरी ओर कोसी और गंडक नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने संबंधित जिलों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की. उन्होंने बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत शिविर, सामुदायिक रसोई और चिकित्सा शिविर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. NDRF और SDRF की जिले में तैनाती को लेकर भी चर्चा हुई.
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