Bihar Flood Alert: बिहार में नेपाल से बह कर आने वाली नदियां तबाही मचा रही है. इंडो-नेपाल क्षेत्र में कई दिनों से हुई बारिश के कारण कोशी, खारो व जीता नदी उफान पर है. नेपाल से बह कर आने वाली नदी भारतीय प्रभाग के कुनौली व कमलपुर में प्रवेश कर गयी है, जिस कारण लोगों को घरों से निकलना मुश्किल हो गया है. बाढ़ का पानी कुनौली स्थित जागेश्वर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कुनौली कोशी प्रोजेक्ट, निरीक्षण भवन परिसर, बथनाहा ढाल से कुनौली जाने वाली कोशी प्रोजेक्ट मार्ग आदि जगहों पर फैला हुआ है. साथ ही सड़कों के ऊपर से पानी का तेज बहाव जारी है.
बाढ़ के पानी में डूबा लोगों का घर
कुनौली बाजार आने-जाने वाले मार्ग पर कमर भर पानी है. जिस कारण लोगों का आवागमन बाधित है. बताया कि अगर यही स्थिति रही तो कुनौली बाजार से कमलपुर, डगमारा, बथनाहा, हरिपुर आदि स्थानों से बाजार आने वाली लोगों का संपर्क टूट जाएगा. वहीं बाढ़ में खेतों में लगे धान की फसल के डूबने से किसान काफी चिंतित हैं. स्थानीय निवासी लखन शर्मा, रमाकांत सिंह, जुगल प्रसाद, बीरेंद्र मंडल, रमेश मंडल आदि ने बताया कि अभी तक संबंधित विभाग के द्वारा कोई पहल नहीं की गई है.
महानंदा नदी में आये उफान से कई पंचायत बाढ़ की चपेट में आया
महानंदा का जलस्तर अब भी खतरे के निशान से ऊपर है. शुक्रवार की शाम से जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है. रविवार को भी जलस्तर में वृद्धि देखी गयी. शेखपुरा, शिकारपुर, बिझारा, तैयबपुर, भौनगर आदि पंचायतों का अधिकांश आबादी बाढ के चपेट में है. बाढ प्रभावित क्षेत्र में सरकारी सुविधा के नाम पर कुछ नहीं मिला है. एक दो जगहों को छोड कर कहीं भी सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं है. बाढ पीडितों के बीच अब तक सूखा राशन, प्लास्टिक आदि का वितरण नहीं होने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है.
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सड़कों पर बह रहा पानी
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के सड़कों पर पानी बह रहा है. नाव के अभाव में लोग जरूरी सामान के लिए घर से बाहर नहीं निकल पा रहे है. लोग किराया का नाव से काम चला रहे है. सैकड़ों एकड में लगा धान का फसल नष्ट हो गया है. बाढ पीडितों ने बताया की अंचल कर्मी स्थिति का जायजा तो ले रहे है. लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं किया जा रहा है. मुखिया संघ अध्यक्ष मेराज आलम ने बताया की शेखपुरा पंचायत का मंझोक, भौनगर का कुजीबना, तैयबपुर का रतनपुर, बीझारा का सबनपुर, शिकारपुर का नाजीरपुर गांव चारों ओर बाढ का पानी से घिरा है. यह गांव टापू में बदल गया है. यहां के लोगों को तत्काल सहायता की जरूरत है.