बेगूसराय में गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. नतीजा है कि जिले के आधे दर्जन से अधिक प्रखंडों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. कई गांवों में किसानों कई एकड़ में लगी फसलें डूब गई हैं. लोग अपनी जान बचाने के लिए ऊंचे स्थानों का रुख कर रहे हैं. वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अब गंगा नदी से हो रहे कटाव को रोकने के लिए पूजा-पाठ करने लगे हैं.
ग्रामीणों में बाढ़ का दहशत
दरअसल जिले के शिवनगर एवं टिटहियां टोला में गंगा नदी से हो रहे कटाव की वजह से ग्रामीणों को बाढ़ का डर सताने लगा है. हालांकि, जल संसाधन विभाग के द्वारा पिछले एक महीने से लगातार कटाव निरोधक कार्य चला कर गांवों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. बावजूद इसके रौद्र रूप धारण कर चुकी गंगा की धारा के सामने किसी की एक नहीं चल रही है, इसी वजह से ग्रामीणों में दहशत का माहौल कायम हो गया हैं.
गंगा मैया को मनाने के लिए लिया पूजा-पाठ का सहारा
गंगा मैया को मनाने के लिए ग्रामीणों ने अब पूजा पाठ का सहारा ले लिया है. शिवनगर के रहने वाले महेश्वर महतो के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीण गंगा घाट पर पहुंचकर वैदिक मंत्रोचार के साथ गंगा मैया को सारी, धोती, प्रसाद एवं पाठी चढ़ाकर मनाने का प्रयास कर रहे हैं. ताकि गंगा उनके गांवों को बख्श दें.
नहीं रुक रहा कटाव
ग्रामीणों ने इस संबंध में बताया कि जल संसाधन विभाग द्वारा किये जा रहे कटाव निरोधी कार्य के बावजूद भी गंगा नदी से हो रहा कटाव रुकने का नाम नहीं ले रहा है. बीते 2 दिनों से गंगा के जलस्तर में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है. इसी वजह से पूजा-अर्चना कर हम लोग गंगा मैया को मनाने का प्रयास कर रहे हैं.
डेढ़ किलोमीटर में गंगा से कटाव जारी
बताया जाता है कि भवानंदपुर के टिटहियां टोला से शिवनगर तक करीब डेढ़ किलोमीटर में गंगा से कटाव जारी है. गंगा की धारा गांव की ओर मुड़ चुकी है. जिससे शिवनगर एवं टिटहियां टोल का अस्तित्व मिटने के कगार पर है. कटाव के कारण हजारों एकड़ उपजाऊ भूमि गंगा में विलीन हो चुकी है. जबकि अब ग्रामीणों के घर भी विलीन होने के कगार पर है. कई ऐतिहासिक धरोहर भी कटाव के कारण गंगा में विलीन हो चुकी है. जिसमें बरसों पुराना कुआं एवं तार का पेड़ शामिल है.
विधायक ने शिवनगर स्थित कटाव स्थल का किया था निरीक्षण
बीते दिनों शिवनगर गांव स्थित कटाव स्थल का जायजा लेने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला मंत्री अवधेश राय के नेतृत्व में मुख्य सचेतक सह विधायक राम रतन सिंह पहुंचे थे. जहां उन लोगों ने कटाव पीड़ित लोगों से मुलाकात कर उनकी परेशानियों को सूना. इसके बाद विधायक ने जल संसाधन विभाग के वरीय पदाधिकारियों से दूरभाष पर बात कर ग्रामीणों की परेशानियों से अवगत कराया. साथ ही पीड़ित ग्रामीणों को हरसंभव सरकारी सहायता प्रदान करने का निर्देश भी दिया.
किसानों की 25 से 30 प्रतिशत फसलें गंगा के पानी में डूबी
दरअसल, जिले में प्रतिवर्ष गंगा नदी से शाम्हो, मटिहानी, बलिया, साहेबपुरकमाल, तेघड़ा व बछवाड़ा प्रखंडों की लाखों की आबादी बाढ़ की तबाही का सामना करते हैं. इस बार भी इन प्रखंडों में बाढ़ का न सिर्फ खतरा मंडराने लगा है, बल्कि किसानों की 25 से 30 प्रतिशत फसलें गंगा के पानी में डूब चुकी है. जलस्तर में इसी तरह से वृद्धि होती रही तो आने वाले कुछ दिनों में ही इन प्रखंडों में बाढ़ की तबाही मच सकती है.
शाम्हो प्रखंड में डूबने लगी किसानों की फसल
जिले के शाम्हो प्रखंड में गंगा व किउल नदी का पानी तेजी से फैलने लगी है. नतीजा है कि किसानों की 25 से 30 प्रतिशत फसलें गंगा के पानी में डूब गयी है. किसानों के बीच त्राहिमाम मचना शुरू हो गया है. स्थानीय लोगों में इस बात का भय समा रहा है कि अगर पानी का इसी रफ्तार से बढ़ना जारी रहा तो लोगों की परेशानियां काफी हद तक बढ़ सकती है.
मटिहानी के निचले हिस्से में फैला बाढ़ का पानी
मटिहानी प्रखंड क्षेत्र के निचले हिस्से में फैला बाढ़ की पानी बाढ़ की पानी से सिहमा पंचायत, रामदीरी पंचायत दो, रामदीरी पंचायत तीन, रामदीरी पंचायत चार, खोरमपुर पंचायत, बलहपुर पंचायत एक, बलहपुर पंचायत दो के निचले हिस्से में बाढ़ का पानी फैल गयी है. जिसमें अधिक किसानों की फसल डूब कर नष्ट हो गयी है. दियारा क्षेत्र में किसानों के खेत में लगे फसल परवल, मक्का एवं अन्य कई एकड़ में लगी फसल बाढ़ की पानी में डूब गयी है. कई इलाकों में मवेशी का चारा भी डूब गया है. ऐसे में किसानों को अब मवेशी की चारा के लिए भारी कठिनाई उत्पन्न होगी.