बिहार के विभिन्न जिलों में पिछले पांच दिनों से लगातार जल स्तर बढ़ने के कारण गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर गयी है. बेगूसराय में गंगा नदी में बढ़ोतरी दर्ज की गई. जिससे दियारा इलाके के हजारों एकड़ में लगी फसल डूब गयी है. वहीं, सैकड़ों घर के साथ सिमरिया गंगा घाट पर एक सौ से अधिक दुकानों में भी पानी प्रवेश कर गया है. गंगा का जल स्तर बढ़ने से बछवाड़ा, तेघड़ा, बरौनी, मटिहानी, बलिया, साहेबपुर कमाल एवं शाम्हो प्रखंड क्षेत्र के 50 से अधिक गांवों में पानी प्रवेश करने के साथ बेगूसराय नगर निगम क्षेत्र में भी गंगा ने एंट्री मार दी है. गंगा नदी के साथ बेगूसराय जिले के बीचोबीच से गुजरने वाली बूढ़ी गंडक नदी का भी जल स्तर बढ़ रहा है.
आरा में गंगा नदी का जल स्तर लगातार बढ़ने के कारण बड़हरा और शाहपुर प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. गंगा नदी के आसपास बसे गांवों में रहनेवाले लोगों की चिंता बढ़ गयी है. पिछले 24 घंटों में जल स्तर में 20 सेंटीमीटर की वृद्धि होते ही क्षेत्र के कई बधारों व सड़कों पर पानी चढ़ गया है. जल संसाधन विभाग द्वारा रविवार की शाम चार बजे गंगा नदी का जल स्तर 53.47 सेंटीमीटर आंका गया था. नदी खतरे के निशान 53.08 सेंटीमीटर से 39 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. लौहर-दूबेछपरा, बखोरापुर-लौहर व नेकनामटोला पहुंच पथ, दूबे छपरा-सबलपुर के बीच हाजीपुर पुल, दुर्गटोला फरहदा के बीच शिवपुर के समीप खाल में बाढ़ का पानी चढ़ गया है. बखोरापुर टोला के समीप केशोपुर-सरैंया पथ पर पानी चढ़ गया है. नेकनामटोला, शालीग्राम सिंह के टोला, जीवाराय के टोला, पश्चिमी बबुरा पंचायत के कुतुबपुर डेरा गांव की चारों तरफ पानी होने से आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है.
मुंगेर में गंगा खतरे के निशान की ओर तेजी से बढ़ रही है. यहां गंगा खतरे के निशान से मात्र 78 सेंटीमीटर नीचे गंगा बह रही है. इससे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. लोग गांव-घर छोड़ने लगे हैं. दियारा क्षेत्र में जहां दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण सड़कें भी पानी में डूब गयी हैं. लोगों की आवागमन में काफी परेशानी हो रही है. दियारा व चौर क्षेत्र के हजारों एकड़ में लगी मक्का सहित अन्य फसलें डूब गयी हैं, जबकि सब्जी की खेती पूरी तरह से बर्बाद हो गयी. चौर क्षेत्र में धान की फसल भी डूब गयी है.
रविवार को भी गंगा के जल स्तर में बढ़ोतरी जारी थी. इसके कारण गंगा अपने रौद्र रूप में दिख रही है. बताया जाता है कि पिछले 24 घंटे में जल स्तर में लगभग 15 सेंटीमीटर की वृद्धि के साथ खतरे के निशान 39.33 मीटर से मात्र 78 सेंटीमीटर पानी नीचे बह रही है. वर्तमान में गंगा का जल स्तर 38.55 पर पहुंच गया. केंद्रीय जल आयोग मुंगेर की मानें, तो शनिवार की सुबह तक गंगा का जल स्तर प्रति दो घंटे पर एक सेंटीमीटर बढ़ रही थी. प्रयागराज का पानी मुंगेर पहुंच गया है.
बक्सर में गंगा खतरे का निशान पार गयी है. गंगा समेत सहायक नदी कर्मनाशा के जल स्तर में वृद्धि जारी है. रविवार को अपराह्न 11 बजे तक गंगा का जल स्तर खतरे के निशान 60.32 मीटर को पार कर 60.38 मीटर तक पहुंच गया. गंगा का जल स्तर एक सेंटीमीटर प्रति घंटा जारी था. कई रिहाइशी इलाकों में पानी घुस गया है. शहर के छूमंतर गली व बाइपास रोड स्थित नहर किनारे घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. सिमरी, चौसा, ब्रह्मपुर, चक्की और बक्सर प्रखंड के कई गांव पानी से घिर गये हैं. वहीं, शहर के चरित्रवन स्थित श्मशान घाट शवदाह गृह भी पानी से घिर गया है.
कटिहार में भी नदियों के जल स्तर में उफान कायम है. प्रखंड क्षेत्र के भू-भाग पर तेजी से पानी फैलाव हो रहा है. कोसी-गंगा के जल स्तर में वृद्धि दर्ज की गयी है. अगले 24 घंटों में गंगा-कोसी नदियों के जल स्तर में वृद्धि का अनुमान है. भठ्ठा चौक से शेरमारी चांयटोला गांवों को जोड़ने वाली सड़क पर कलबलिया नदी का पानी चढ़ने लगा है. उधर, घुरना बल्थी महेशपुर सड़क सह तटबंध पर मड़कोस नदी के पानी का दबाव बढ़ रहा है.