PHOTOS: बाढ़ आयी तो सुपौल के गांव होने लगे खाली, जहरीले सांप घर-आंगन में घूम रहे, मची तबाही…

बिहार के सुपौल में बाढ़ ने दस्तक दे दी है. कई गांवों में पानी प्रवेश कर चुका है. लोग अब घर छोड़कर सुरक्षित जगह की ओर जाने लगे हैं.

By ThakurShaktilochan Sandilya | July 8, 2024 8:13 AM

Bihar Flood News: सुपौल में बाढ़ ने दस्तक दे दी है. नेपाल के पहाड़ी क्षेत्र में मुसलाधार बारिश होने के कारण कोसी नदी के जल स्तर में काफी वृद्धि होने से पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी दो से तीन फीट तक लोगों के घर आंगन में फैल गया है. बताया जाता है कि पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर ढोली, बनैनिया, बलथरवा, कटैया, भुलिया, वैसा, तकिया, उग्रीपटी, कवियाही, करहरी, मोरा, झहुरा, सनपतहा, छपकी सहित अन्य गांव में बाढ़ का पानी लोगों के घर आंगन में 2 से 3 फीट तक फैल जाने के कारण तटबंध के अंदर से लोग पलायन करने लगे है.

आंगन में 2 से 3 फीट तक पानी फैला

तटबंध के अंदर के लोगों में बाढ़ के भय को लेकर त्राहिमाम की स्थिति बनी हुई है. पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर के ग्रामीणों का कहना है कि लोगों के घर आंगन में 2 से 3 फीट तक पानी फैलने के कारण अपना भोजन के साथ-साथ पशु चारा की भी गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है. लोगों के आवागमन की सुविधा के लिए पर्याप्त संख्या में नाव बहाल नहीं होने के कारण लोगों को निजी नाव के सहारे पलायन करने की मजबूरी बनी हुई है.

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घर-आंगन में जहरीले सांप घूम रहे

ग्रामीणों का कहना है कि उनके घर-आंगन में जहरीले सांप का आगमन हो गया है. जिसके कारण लोग ऊंचे स्थान पर शरण लेने लगे है. इधर सीओ धीरज कुमार बताया कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर विभिन्न घाटों पर फिलहाल 15 नाव की की गयी है. जरूरत पड़ने पर और नाव भी बहाली की जाएगी. सीओ ने बताया कि तटबंध के अंदर के लोगों को ऊंचे जगह पर जाने की सलाह दी गई है. बाढ़ से विस्थापित परिवारों को राहत सामग्री और पॉलीथिन शीट वितरण किया जाएगा. वहीं विभिन्न घाटों पर गोताखोर को प्रतिनियुक्त कर दिया गया है. तटबंध के अंदर फिलहाल कोई खतरा नहीं है.

गांवों में फैला पानी, लोगों की बढ़ी परेशानी

पड़ोसी देश नेपाल में झमाझम बारिश से कोसी नदी रौद्र रूप अपना ली है. सुपौल के निर्मली अनुमंडल क्षेत्र में कोसी तटबंध के भीतर बसे कई गांव में बाढ़ से तबाही शुरू हो गई है. लगभग 100 से अधिक घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. लोगों के घर-आंगन व चूल्हे भी डूब गए. कोसी तटबंध के भीतर बसे बाढ़ प्रभावित गांव के लोग नाव के सहारे मवेशियों व अन्य जरूरी के सामान के साथ ऊंचे स्थान की ओर पलायन करते दिखे.

निर्मली में बाढ़ का पानी फैला

निर्मली अंचल क्षेत्र के दिघिया, बेलासिंगारमोती, डगामरा व मरौना अंचल क्षेत्र के सिसौनी, घोघररिया,बड़हरा पंचायत के दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी फैलने से प्रभावित इलाके के लोग सहमे दिखे. प्रशासनिक स्तर से अबतक निर्मली अनुमंडल क्षेत्र में सुरक्षा के दृष्टिकोण से केवल नाव की व्यवस्था जगह-जगह की गयी है. कई घरों में चूल्हे तक नहीं जलने से बच्चे व बुजुर्गों को भी पारी परेशानी हुई.

बराज के सभी 56 फाटक खोले गए

कोसी नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण रविवार को वीरपुर में कोसी बराज के सभी 56 फाटकों को खोलना पड़ा. कोसी बराज स्थित कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार रविवार शाम 04 बजे कोसी नदी का जलस्तर 03 लाख 93 हजार 715 क्यूसेक दर्ज किया गया, जिससे सभी फाटकों को खोलना आवश्यक हो गया. कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण बराह क्षेत्र में जलस्तर 01 लाख 72 हजार क्यूसेक घटने के क्रम में है. यह संभावना जताई जा रही है कि नदी का जलस्तर अब और कम हो सकता है.

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