नेपाल में हो रही बारिश से बिहार में भी बाढ़ का संकट गहरा गया है. इधर मानसून ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है और बारिश ने लोगों की मुसीबत और बढ़ा दी है. कोसी-सीमांचल क्षेत्र की नदियों में उफान है. नदियों का जलस्त बढ़ा तो कई गांवों की समस्या गहराने लगी. नदी का पानी अब गांव में प्रवेश कर रहा है. कई जगह नाव चल रहे हैं तो कई जगहों पर कटाव का संकट गहराया है. लोगों के घर-मकान नदी में समा रहे हैं. लोग सुरक्षित इलाकों में जाकर शरण ले रहे हैं.
सुपौल में कोसी उफान पर
सुपौल में बाढ़ का संकट गहराने लगा है.नेपाल में लगातार हो रही बारिश से कोसी नदी के जलस्तर में काफी बढ़ोतरी हुई है.इस साल पहली बार कोसी बराज के 56 में से 29 फाटकों को खोलने की नौबत आयी है. हालांकि यहां तटबंध अभी सुरक्षित हैं.
बराज के 26 फाटक खोले गए
विभाग के चीफ इंजीनियर वरुण कुमार ने बताया कि ठीक 10 दिन पहले कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई थी. डिस्चार्ज 2.39 लाख क्यूसेक को पार कर गया था. वहीं इस दौरान बराज के 26 फाटकों को खोला गया था. बता दें कि तटबंध के अंदर अभी नाव से लोग आना-जाना कर रहे हैं. बाढ़ का पानी पूरे इलाके में फैल गया है.
किशनगंज में नदी पर बने पुल का पाया धंसा
किशनगंज के ठाकुरगंज में भी नदियों में उफान है. तेज बारिश की वजह से ठाकुरगंज प्रखंड की बूंद नदी में पानी का बहाव इस कदर तेज हुआ कि नदी पर बने पुल का पाया करीब दो फीट तक धंस गया. शनिवार देर रात की को पुल के पूर्वी भाग का रिटर्न वॉल भी टूटकर नदी में विलीन हो गया. कटाव भी यहां पर जारी है. पथरिया पंचायत के खोसीडांगी गांव के पास बूंद नदी उफान पर है.
पूर्णिया में कटाव का संकट, खुले में रहने को मजबूर लोग
पूर्णिया में बाढ़ से लोग त्राहिमाम हैं. नदी का जलस्तर बढ़ और घट रहा है. अमौर प्रखंड क्षेत्र में कनकई नदी का जलस्तर घटने के साथ ही ज्ञानडोव पंचायत के बागवाना वार्ड नं 8 के एक दर्जन परिवार के 13 घर एवं मदरसा कनकई नदी के कटाव में विलीन हो गये. यहां अब तक करीब एक दर्जन परिवार के घर नदी में विलीन हो चुके हैं. लोग मजबूरन खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं.
अररिया में बाढ़ और कटाव की मार
अररिया के पलासी प्रखंड के डेहटी उत्तर पंचायत के कोढै़ली पश्चिम पार जाने वाली नव निर्माणाधीन सड़क पर बकरा नदी का कटाव तेज रहने के कारण सड़क का 80 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा नदी में समा गया है. वहीं बकरा नदी का कटाव जारी है.सडक निर्माण कार्य पूरा होने से पूर्व ही सड़क पर बकरा नदी का तेज कटाव के कारण शनिवार रातों-रात सड़क का 80 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा बकरा नदी में समा गया है.वहीं फारबिसगंज प्रखंड क्षेत्र के खैरखां समौल सड़क मार्ग पर सुरहा धार में बना वर्षों पुराना क्षतिग्रस्त पुल कभी भी ध्वस्त हो सकता है.