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झंडी दिखा कर राज्यपाल ने बाढ़ पीड़ितों के लिए रवाना की राहत सामग्री
राज्यपाल फागू चौहान ने सोमवार को रेडक्रॉस की तरफ से उपलब्ध करायी गयी राहत-सामग्री बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए भेजी. उन्होंने राजेंद्र चौक पर सामग्री से लदे 15 ट्रकों को 11 बजे झंडी दिखाकर रवाना किया. इस अवसर पर आयोजित एक औपचारिक कार्यक्रम में राज्यपाल चौहान ने कहा कि इस वर्ष भी पिछले सालों की भांति आयी बाढ़ की भीषण विभीषिका के कारण जान-माल की काफी क्षति हुई है. राज्य सरकार की सजगता एवं तत्परता के कारण यद्यपि इस बार बाढ़ में जान-माल की क्षति को बहुत हद तक नियंत्रित कर लिया गया है, फिर भी बहुत परिवार इस साल भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. राज्यपाल ने बताया कि राष्ट्रपति ने भी बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत-सामग्रियों से लदे दो बिहार भेजे हैं. आयोजित इस कार्यक्रम में इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी राज्य ब्रांच के चेयरमैन डॉ बीबी सिन्हा, राज्यपाल के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद, वाइस चेरयमैन उदयशंकर प्रसाद सिंह, कोषाध्यक्ष दिनेश कुमार जायसवाल सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. राहत-सामग्री के रूप में बाढ़ प्रभावित संबंधित 15 जिलों को तारपोलिन सीट, किचेन सेट, धोती, मच्छरदानी, टेन्ट, बाल्टी, सूती चादर, हाइजिन किट इत्यादि सामग्री भेजी गयी है.
सिवान में बाढ़पीड़ितों के कैंप में बांटी गयी खाद्य सामग्री
महाराजगंज अनुमंडल के कौड़िया, नगवा, भीखमपुर पंचायत के विभिन्न गांव के बाढ़ राहत कैंप में शरण लेने वाले बाढ़पीड़ित लोगो के बीच जन अधिकार पार्टी के नेता ने खाद्य सामग्री वितरण किया. जाप के जिलाध्यक्ष विश्वनाथ यादव ने बताया कि जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव के सौजन्य से बाढ़पीड़ितों को राहत सामग्री दी जा रही है. कहा राष्ट्रीय अध्यक्ष का स्पष्ट निर्देश है चाहे हमारी खेत बिक जाये लेकिन पीड़ित लोगों की सेवा में कोई कोताही नहीं होने दी जायेगी. पार्टी के तरफ से आटा, चावल, सब्जी, सलाई, मोमबत्ती, साबुन के अलावा जरूरत मंदों को तिरपाल भी उपलब्ध कराया गया. इसके अलावा समूह में रहने वाले कैंप पर जेरेनेटर सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है.
सीतामढ़ी में घटने लगा बागमती का जलस्तर
पटना : जल संसाधन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार बागमती का जलस्तर स्थिर हो रहा है. सीतामढ़ी में नदी का जलस्तर कम हो रहा है. वैसे मुजफ्फरपुर में जलस्तर का बढ़ना जारी है. डुब्बहार और कंसार को छोड़ कर अन्य जगहों पर अभी भी ये नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
प्रधानमंत्री के साथ बैठक में नीतीश ने उठाया फरक्का का मामला
पटना : बाढ़ ग्रस्त राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की आज हुई बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि फरक्का बराज के गेटों का बेहतर संचालन किया जाये और उसके अपस्ट्रीम में सिल्ट की सफाई की जाये. नीतीश ने कहा कि फरक्का बराज से हुए सिल्टेशन के कारण गंगा का जल प्रवाह बाधित हो रहा है और पटना से फरक्का पहुंचने में 3 दिन की जगह 8 से 9 दिनों का समय लग रहा है.
गंगा का जलस्तर स्थिर
पटना : गंगा का जलस्तर स्थिर हो गया है. वैसे कहलगांव में अभी गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, लेकिन वहां जलस्तर स्थिर हो चुका है, जबकि पटना में गंगा का जलस्तर कम हो रहा है.
मंत्री ने की हालात की समीक्षा
मुजफ्फरपुर: जल संसाधन मंत्री संजय झा ने सर्किट हाउस स्थित मीटिंग हॉल में बाढ़ की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की. जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह के द्वारा जिले में बाढ़ को लेकर की गई तैयारियों की अद्धतन स्थिति की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई.
चार दिनों का अलर्ट
पटना सहित पूरे बिहार में 10 से 13 अगस्त तक भारी बारिश होने की संभावना है. साथ ही वज्रपात की भी आशंका जताई गई है. मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी जारी कर दी है. रविवार को पटना के कई इलाकों में ठीक-ठाक बारिश हुई तो वही समस्तीपुर, सारण के मसरख, पूर्णिया और मधेपुरा में अच्छी बारिश हुई.
बागमती में चार इंच घटा पानी पर अभी राहत नहीं
दरभंगा. उफनाई बागमती नदी के रविवार को कुछ नरम पड़ने से नगर के बाढ़पीड़ितों को राहत की आस जगी है. एक पखवारे से लगातार जल स्तर में वृद्धि के बाद पानी घटने से पीड़ित थोड़ी राहत महसूस कर रहे हैं. बीते 24 घंटे में करीब चार इंच पानी कम हुआ है. नदी के पूर्वी भाग में पानी का प्रवेश अब भी जारी है. बाढ़ से दर्जन भर मुहल्लों की स्थिति विकराल है. पानी में मामूली कमी आने के बावजूद वार्ड आठ, नौ व 23 के मुहल्लों में कमर से ऊपर पानी का बहाव हो रहा है. लगातार पानी के बीच आने-जाने से बाढ़पीड़ित पानी जनित रोग से बीमार होने लगे हैं.
पिछले 24 घंटे में गंगा नदी के जल स्तर में बढ़ोतरी दर्ज
पटना : पिछले 24 घंटे में गंगा नदी के जल स्तर में बक्सर, भागलपुर और कहलगांव में वृद्धि हुई जबकि हाथीदह में जल स्तर स्थिर था. महानंदा नदी का जल स्तर झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर था. अधवारा नदी का जल स्तर सुंदरपुर में खतरे के निशान से 0.20 मीटर ऊपर था. सारण तटबंध, भैसही पुरैना छरकी, बंधौली शीतलपुर फैजुल्लाहपुर जमींदारी बांध, बैकुंठपुर रिटायर्ड लाइन और चंपारण तटबंध के क्षतिग्रस्त भाग को छोड़कर जलसंसाधन विभाग ने अन्य तटबंधों को सुरक्षित होने का दावा किया है.
कोसी में छोड़ा गया एक लाख 66 हजार 625 क्यूसेक पानी
जल संसाधन विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार कोसी नदी में रविवार दोपहर 12 बजे तक एक लाख 66 हजार 625 क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ. इसकी प्रवृत्ति बढ़ने की है. कोसी नदी का जल स्तर बलतारा में खतरे के निशान से 1.93 मीटर ऊपर था. गंडक नदी का डिस्चार्ज एक लाख 34 हजार क्यूसेक था और इसकी प्रवृति स्थिर है. सोन नदी में 29 हजार 703 क्यूसेक जलस्राव प्रवाहित हुआ और इसकी प्रवृति बढ़ने की है. बागमती नदी का जल स्तर ढेंग, कटौंझा, बेनीबाद और हायाघाट में खतरे के निशान से ऊपर था. सोनाखान, डूब्बाधार और कंसार व चंदौली में जल स्तर खतरे के निशान से नीचे था. बूढ़ी गंडक नदी का जल स्तर सिकंदरपुर, समस्तीपुर रेल पुल, रोसरा रेल पुल और खगड़िया में खतरे के निशान से ऊपर था. तटबंधों पर अत्यधिक दबाव बना हुआ है. कई जगह सीपेज व पाईपिंग की समस्या होने पर इंजीनियरों ने ठीक करवा दिया है.
राज्य में चल रहे हैं 1,267 कम्युनिटी किचेन
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव ने बताया कि 1,267 कम्युनिटी किचेन चलाये जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन नौ लाख 46 हजार 513 लोग भोजन कर रहे हैं. सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में 33 एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव का कार्य कर रही हैं. बाढ़ प्रभावित छह लाख 31 हजार 295 परिवारों के बैंक खाते में कुल 378.77 करोड़ रुपये जीआर की राशि अनुग्रह अनुदान के रूप में भेजी जा चुकी है.