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बाढ़ प्रभावित जिलों में 33 एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात
पटना : बिहार में बाढ़ से 16 जिलों के 74 लाख 19 हजार लोग प्रभावित हुए हैं. कुल 125 प्रखंडों की 1,232 पंचायतें प्रभावित हुयी हैं. प्रभावित इलाकों में अभी सात राहत शिविर चलाये जा रहे हैं, जिनमें 11 हजार 849 लोग रह रहे हैं. यह जानकारी रविवार को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव ने वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन के दौरान दी. उन्होंने बताया कि 1,267 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन नौ लाख 46 हजार 513 लोग भोजन कर रहे हैं. सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में 33 एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव का कार्य कर रही हैं. बाढ़ प्रभावित छह लाख 31 हजार 295 परिवारों के बैंक खाते में कुल 378.77 करोड़ रुपये जीआर की राशि अनुग्रह अनुदान के रूप में भेजी जा चुकी है.
जल संसाधन विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार कोसी नदी में रविवार दोपहर 12 बजे तक एक लाख 66 हजार 625 क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ. इसकी प्रवृत्ति बढ़ने की है. कोसी नदी का जलस्तर बलतारा में खतरे के निशान से 1.93 मीटर ऊपर था. गंडक नदी का डिस्चार्ज एक लाख 34 हजार क्यूसेक था और इसकी प्रवृति स्थिर है. सोन नदी में 29 हजार 703 क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ और इसकी प्रवृति बढ़ने की है. बागमती नदी का जलस्तर ढेंग, कटौंझा, बेनीबाद और हायाघाट में खतरे के निशान से ऊपर था. सोनाखान, डूब्बाधार और कंसार व चंदौली में जलस्तर खतरे के निशान से नीचे था.
वहीं, बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर सिकंदरपुर, समस्तीपुर रेल पुल, रोसरा रेल पुल और खगड़िया में खतरे के निशान से ऊपर था. तटबंधों पर अत्यधिक दबाव बना हुआ है. कई जगह सीपेज व पाईपिंग की समस्या होने पर इंजीनियरों ने ठीक करवा दिया है. पिछले 24 घंटे में गंगा नदी के जलस्तर में बक्सर, भागलपुर और कहलगांव में वृद्धि हुई जबकि हाथीदह में जलस्तर स्थिर था. महानंदा नदी का जलस्तर झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर था. अधवारा नदी का जलस्तर सुंदरपुर में खतरे के निशान से 0.20 मीटर ऊपर था. सारण तटबंध, भैसही पुरैना छरकी, बंधौली शीतलपुर फैजुल्लाहपुर जमींदारी बांध, बैकुंठपुर रिटायर्ड लाइन और चंपारण तटबंध के क्षतिग्रस्त भाग को छोड़कर जलसंसाधन विभाग ने अन्य तटबंधों को सुरक्षित होने का दावा किया है.
बैकुंठपुर, सिधवलिया, बरौली, मांझा में सर्वाधिक तबाही
गोपालगंज : गंडक नदी की त्रासदी झेल रहे गांवों में तबाही है. गांवों में चूड़ा-गुड़ खाकर लोग लो जीवन को काट रहे है. अंधेरी रात में सांपों का खौफ कम नहीं है. रातें जाग कर गुजारने की मजबूरी है. जंगली जानवरों के पानी में आने से छोटे बच्चों को बचाने की चुनौती भी है. सरकारी राहत से अधिकतर परिवार अभी वंचित है. पानी घटने के बाद जो लोग गांवों में लौट रहे उनके सामने भी तबाही का मंजर है. सर्वाधिक तबाही मांझा, बरौली, सिधवलिया तथा बैकुंठपुर प्रखंड में है. यहां की स्थिति भयावह है. हर परिवार के सामने उनका दर्द अलग कहानी है.
तीन जिलों में अलर्ट जारी
पटना : मौसम विभाग ने तीन जिलों में अलर्ट जारी किया है. इनमें जहानाबाद, अरवल और पटना शामिल है. विभाग की ओर से जारी चेतावनी के अनुसार अगले तीन घंटों में इन तीन जिलों में वर्षा और वज्रपात की आशंका है. लोगों को नदी में जाने और बादल छाने पर बिना कारण घर से नहीं निकलने की सलाह दी गयी है.
मंत्री ने किया आयरन शीट पाइलिंग के कार्य का निरीक्षण
पटना : जल संसाधन मंत्री संजय झा ने रविवार को ट्वीट कर बताया कि उन्होंने झंझारपुर अनुमंडल में अंधराठाढ़ी के रखवाड़ी में कमला नदी के तटबंध में जारी आयरन शीट पाइलिंग के कार्य का निरीक्षण किया. राज्य में पहली बार तटबंध के सुदृढ़ीकरण और बाढ़ से बचाव के लिए आयरन शीट पाइलिंग टेक्नीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.
तीन जिलों में अलर्ट जारी
पटना : मौसम विभाग ने तीन जिलों में अलर्ट जारी किया है. इनमें मुजफ्फरपुर, पश्चिम चंपारण और गोपालगंज शामिल है. विभाग की ओर से जारी चेतावनी के अनुसार अगले तीन घंटों में इन तीन जिलों में वर्षा और वज्रपात की आशंका है. लोगों को नदी में जाने और बादल छाने पर बिना कारण घर से नहीं निकलने की सलाह दी गयी है.
समस्तीपुर के बदले सीतामढ़ी के रास्ते सीधे दरभंगा पहुंचेंगी ट्रेनें
मुजफ्फरपुर. बाढ़ के कारण समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर चलायी जाने वाली ट्रेनों के परिचालन में कुछ बदलाव किया गया है. इसमें अब समस्तीपुर के बदले अधिकतर ट्रेनें सीतामढ़ी के रास्ते दरभंगा व मुजफ्फरपुर के रास्ते चलेगी. पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ के मुताबिक, रविवार को गाड़ी संख्या 02566 दरभंगा-नई दिल्ली स्पेशल ट्रेन अपने निर्धारित मार्ग दरभंगा-समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर मार्ग के बदले दरभंगा-सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर के रास्ते चलेगी. 10 अगस्त को दरभंगा से प्रस्थान करने वाली 09166 दरभंगा-अहमदाबाद स्पेशल ट्रेन अपने निर्धारित मार्ग दरभंगा- समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर के स्थान पर दरभंगा-सीतामढ़ी- मुजफ्फरपुर के रास्ते चलेगी. 09 अगस्त को जयनगर से खुलने वाली गाड़ी संख्या 04649 जयनगर- अमृतसर स्पेशल जयनगर के बदले समस्तीपुर से अमृतसर के लिए प्रस्थान करेगी. वहीं दरभंगा से खुलने वाली गाड़ी संख्या 01062 दरभंगा-लोकमान्य तिलक टर्मिनल स्पेशल दरभंगा के बदले समस्तीपुर से लोकमान्य तिलक टर्मिनल के लिए खुलेगी.
नून नदी का पानी कई घरों में फैला
मोरवा : नून नदी में आयी बाढ़ की तेज धारा ने क्षेत्र में ताबाही मचा दी है़ बांध को उपटने से बचने के ग्रामीणों के सारे प्रयास विफल साबित होते हो रहे हैं. टीन की चादर को भी तेज धारा बहा ले गया़ स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि प्रवीण कुमार राय के अनुसार बाढ़ का पानी पूरे पंचायत के सभी वार्डों में प्रवेश कर रहा है़ पानी फैलने से पंचायत के वार्ड संख्या 1,2, 5,6,9, 13 ,14 ,15, 16 में स्थिति भयावह होती जा रही है़ सैकड़ों नये घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है़ फलस्वरूप बाढ़ पीड़ित अपने सुरक्षित ठिकानों की खोज करने लगे हैं.
सकरा की 20 पंचायतों में बाढ़ की स्थिति गंभीर
सकरा : तिरहुत नहर के तटबंध टूटने से प्रखंड के 20 पंचायतों में बाढ़ की स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है. बाढ़ के पानी ने एक सौ से अधिक गांवों को अपने आगोश में ले लिया है. 12 पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो गया है. प्रखंड के सबहा मरीचा, झिटकाही दोनमा, मछही से मेहसी, सकरा बगाही सहित एक दर्जन से अधिक पंचायतों में सड़कों पर तीन से चार फीट पानी बह रहा है. बाढ़ के कारण करीब बीस हजार परिवार विस्थापित हो कर बेघर हो गये हैं. इस कारण 1.25 लाख की आबादी प्रभावित है. बाढ़ का पानी विधायक लालबाबू राम के गांव कटेसर में फैल गया है. सीओ पंकज कुमार ने बताया कि शनिवार को बाढ़ प्रभावित बीस पंचायतों में 54 जगहों पर सामुदायिक किचेन संचालित कर 12 हजार विस्थापित लोगों को भोजन कराया गया है. वहीं एक हजार फूड पैकेट का वितरण किया गया है.
कोठिया पंचायत के चार गांव जलमग्न
ताजपुर : प्रखंड के कोठिया पंचायत क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मुद्दीपुर, हसनपुर और चकतुल्सी में वर्षा का पानी से ग्रामीण बस्ती एवं सड़क जलमग्न बना हुआ है़ इन इलाकों में वर्षा के पानी का निकासी एक मात्र नून नदी हीं है, जो खुद पानी भर कर उपटने की कगार पर है,जिस कारण ग्रामीण बस्तियों में वर्षा का पानी घर-घर तक पहुंच गया है़ कई परिवारों को घर छोर कर ऊंचे स्थान का सहारा लेना पड़ा है़ बस्ती में आने-जाने का रास्ता तो पूरी तरह जलमग्न है, जिस कारण आवागमन पूर्ण बाधित है़ पंचायत के हसनपुर कैजु में लगभग 13 घर मुंदीपुर मे 20 घर सरवर गंज में आधे दर्जन एवं चकतुल्सी में आधे दर्जन घरों में पानी घुस जाने से लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पर रहा है़
वीटीआर प्रशासन ने भेजा विभाग को त्राहिमाम पत्र
बेतिया : वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगली क्षेत्र को गंडक नदी के कटाव से बचाने के लिए वाल्मीकि टाइगर रिजर्व प्रशासन ने कार्रवाई तेज कर दिया है. वीटीआर प्रशासन ने जल संसाधन विभाग को जंगल को बचाने के लिए पक्का कटावरोधी कार्य कराने को कहा है. इस संबंध में वीटीआर प्रशासन की ओर से त्राहिमाम पत्र भेजा गया है. जिसमें बताया गया है कि पिछले एक सप्ताह के अंदर जैसे जैसे गंडक नदी में पानी कम हो रहा है. वैसे वैसे जंगल क्षेत्र में कटाव की रफ्तार तेज होता जा रहा है.
पानी बहाने के लिए काट दी हावीभौआर-मुर्तुजापुर सड़क
बेनीपुर : कई पंचायतों को प्रखंड व अनुमंडल से जोड़ने वाली हावीभौआर -मुर्तुजापुर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क को अमैठी व हावीभौआर के बीच अज्ञात लोगों द्वारा काट दिये जाने से यातायात अवरूद्ध हो गया है. चार साल पूर्व बनी इस सड़क को किसी ने बरसाती पानी बहाने के लिए काट दिया है. इसकी सूचना ग्रामीण कार्य विभाग को भी दी गयी, परंतु न तो विभागीय अभियंता देखने आये और न ही संवेदक. ग्रामीणों ने बताया कि सड़क अभी संवेदक के मेंटिनेंस में है. इस सड़क के कट जाने से कई गांव के लोगों खासकर बीमार व गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस संबंध में पूछने पर विभागीय एसडीओ अशोक कुमार ने सड़क काट दिये जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि पानी का बहाव कम हुआ है. एक से दो दिनों में उसे भरकर यातायात बहाल कर दिया जायेगा.
ग्रामीणों के सहयोग से प्रशासन ने टेकटार में रिसाव को रोका गया
कमतौल. सिंहवाड़ा प्रखंड के टेकटार पंचायत से गुजरनेवाली अधवारा समूह की बागमती नदी के तटबंध को सजग ग्रामीणों ने प्रशासन के सहयोग से टूटने से बचा लिया. इससे टेकटार गांव डूबने से बच गया. बताया जाता है कि शुक्रवार देर शाम करीब पांच बजे स्थानीय लोगों ने तटबंध में एक बड़े होल से तेजी से पानी बाहर निकलते देखा. इससे गांव में अफरातफरी मच गयी. इसकी जानकारी प्रशासन को दी गयी. आनन-फानन में सम्बंधित कनीय अभियंता व ठेकेदार रमेश कुमार चौधरी पहुंचे. ग्रामीणों ने तटबंध में बने होल को बंद करने में सहयोग किया. होल बन्द होने पर पानी का रिसाव रुक गया.
और ऊंचा किया जायेगा करेह नदी का बायां तटबंध
समस्तीपुर : जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि समस्तीपुर-दरभंगा जिले के भाग वाले करेह नदी के बायें तटबंध को और ऊंचा किया जायेगा. उन्होंने शिवाजीनगर प्रखंड के बरियाही घाट पर करेह नदी के बायें तटबंध का जायजा लिया़ उन्होंने बांध पर तैनात बाढ़ नियंत्रण विभाग, दरभंगा प्रमंडल के बड़े पदाधिकारी एवं अभियंताओं से दोनों तटबंधों की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली. साथ ही बोरज, बुनियादपुर, बेलहर मुसहरी, घिबाही, सोभिया कांकर सहित सिंघिया प्रखंडों के कई गांवों के रिसाव स्थल के बारे में भी पूछा. मंत्री ने कहा कि नदी के पानी को किनारे पर बहने से रोकने का कार्य विभाग के पदाधिकारी कर रहे हैं. इस मौके पर उन्होंने कहा कि लगातार हो रही बारिश के बाद करेह नदी में 1987 से भी अधिक पानी है.
दरभंगा के कुछ और वार्डों में घुसा पानी
दरभंगा : वार्ड आठ, नौ व 23 में कमर भर पानी के बीच लोग रह रहे हैं. इधर, पश्चिम भाग में नदी से पानी का रिसाव तथा शिवाजीनगर मोहल्ले में नाला बनाये जाने से पानी आगे बढ़ रहा है. इससे वार्ड 20, 21 व 24 के मुहल्लों की स्थिति भयावह होती जा रही है. वार्ड छह, सात के अधिकांश मोहल्ले व टोले में कमर भर पानी जमा रहने से स्थिति दयनीय है. सुभाष चौक से नाले के रास्ते धीरे-धीरे पानी आने से दरभंगा टावर की सड़क पर भी पानी आ गया है. हजारीनाथ घाट से सड़क पार कर गणेश मंदिर की ओर नदी के पानी का प्रवेश जारी है.