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गंडक नदी 36 घंटे बाद खतरे के निशान से ऊपर, अहिरौलीदान-विशुनपुर बांध पर बढ़ा दबाव
गोपालगंज : गंडक नदी 36 घंटे बाद फिर डेंजर लेवल के ऊपर पहुंच गयी. विशंभरपुर तथा पतहारा में खतरे के निशान से नदी ऊपर बहने लगी. यूपी के अहिरौलीदान- विशुनपुर गाइडबांध पर नदी का सीधा अटैक होने से कटाव रुकने का नाम नहीं ले रही. नदी का भारी दबाव बांध पर बना हुआ है. जानकार ग्रामीण बताते है कि यहां नदी अपना धारा बदलकर दक्षिण की ओर शिफ्ट कर रही. जिसके कारण नदी बांध को अपने आगोश में लेने को उतारू है. विशंभरपुर आंगनबाड़ी पर कटाव का खतरा उत्पन्न हो गया है. आंगनबाड़ी भवन के पास नदी का कटाव तेज है. कटाव से कुचायकोट प्रखंड के विशंभरपुर बाजार, फिलड पर का गांव, हाइस्कूल, कालामटिहनिया, सिपाया टोला, विशंभरपुर, दुर्ग मटिहनिया, गुमनिया, अमवां विजयपुर, सलेहपुर समेत एक दर्जन गांवों के लोगों के होश उड़े हुए है. जबकि, निचले इलाके के भसही, सिपाया वार्ड नं तीन, कालामटिहनियां के वार्ड नं तीन, सिपाया खास के वार्ड नं सात, फुलवरिया, धूप सागर के ग्रामीणों में कटाव को देख दहशत का माहौल बना हुआ है. वहीं, कटाव को रोकने में विभाग ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.
गंगा के जलस्तर में वृद्धि से कर्मनाशा नदी में बढ़ा दबाव, तटीय गांवों के लोग सहमे
बक्सर / चौसा : गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है. बुधवार को गंगा का जलस्तर 56.92 मीटर तक पहुंच गया. जबकि, मंगलवार को गंगा का जलस्तर 56.63 मीटर था. पिछले 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 29 सेंटीमीटर वृद्धि दर्ज की गयी है. दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. बक्सर में गंगा का वार्निंग लेवल 59.32 मीटर है. जबकि, डेंजर लेवल 60.32 मीटर है. हालांकि, अब भी गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से 2.40 मीटर नीचे है. गंगा नदी का पानी लगातार बढ़ने से कर्मनाशा नदी में दबाव बढ़ने लगा है. इससे कर्मनाशा नदी के किनारे बसे गांवों के लोग बाढ़ आने की संभावना से काफी सशंकित हैं. बताया जा रहा है कि गंगा व कर्मनाशा नदी के किनारे बसे चौसा, नरबतपुर, बनारपुर, सिकरौल, रोहिनीभान, तिवाय गांव बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र माना जाता है. गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और कर्मनाशा नदी में दबाव बढ़ने लगा है. ऐसे में अगर दो-चार दिन इसी तरह दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ता रहा, तो ये सभी गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं.
एनएसएस कैडेटों ने बाढ़ पीड़ितों के लिए किया भिक्षाटन
छपरा : जयप्रकाश विश्वविद्यालय के अंतर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना के सभी इकाइयों के स्वयंसेवकों ने अपने-अपने यूनिट के साथ बाढ़ पीड़ितों की सहायतार्थ किया भिक्षाटन शुरू किया. राष्ट्रपति पदक विजेता कुमारी अनिशा एवं ममता कुमारी जो जगदम महाविद्यालय और जयप्रकाश महिला महाविद्यालय छात्रा हैं, उनके नेतृत्व में यह कार्यक्रम हुआ. जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा मुख्यालय में आकर एनएसएस टीम ने कुलसचिव श्रीकृष्ण, परीक्षा नियंत्रक डॉ अनिल कुमार सिंह, वित्त पदाधिकारी राम किशोर सिंह तथा विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारी एवं मजहरूल हक डिग्री महाविद्यालय, तरवरा के राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो अवधेश शर्मा, दरोगा प्रसाद राय डिग्री महाविद्यालय सीवान के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ उमेश चौधरी से राशि प्राप्त की. राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक प्रोफेसर हरिश्चंद्र ने बताया कि इन एनएसएस कैडेटों ने कई दिनों से कठिन परिश्रम कर छपरा बाजार में भी घूम-घूम कर और घर-घर जाकर राहत सामग्री भी इकट्ठा की. कुलसचिव ने कैडेटों को प्रोत्साहित किया.
पटना, मुंगेर, भागलपुर और खगड़िया के निचले इलाकों में गंगा का कहर
उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति विकट बनी हुई है. अधिकतर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. पटना, मुंगेर, भागलपुर और खगड़िया के निचले इलाकों में गंगा का बाढ़ का कहर जारी है.
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12 घंटे में गांधीघाट पर 4 सेमी बढ़ा जलस्तर
पटना के गांधी घाट पर 12 घंटे में 4 सेमी गंगा का जलस्तर बढ़ा है. यहां खतरे के निशान से 13 सेमी ऊपर है. जिला प्रशासन ने गंगा किनारे सेल्फी लेने पर रोक लगा दी है. वहीं, बैनर लगाकर गंगा किनारे जाने से बचने, नदी किनारे बच्चे-वृद्धि को नहीं जाने, स्नान नहीं करने, सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय के पहले नाव से यात्रा नहीं करने, नाव पर लदान क्षमता से अधिक नहीं बैठने की अपील की है.
हो सकती है बारिश
मुजफ्फरपुर. उत्तर बिहार के जिलों में अगले पांच दिनों तक मॉनसून के सक्रिय रहने की संभावना है. तराई तथा मैदानी भागों में आसमान में मध्यम बादल छाये रहे सकते हैं. इस दौरान हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है. अधिकतम तापमान 32 से 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है.
चार दिनों तक मध्यम वर्षा की संभावना
सबौर. बीएयू के मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 26 से 30 अगस्त के बीच 75 मिलीमीटर तक वर्षा होने की संभावना है. इस दौरान अधिकतम तापमान 33 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है. इस दौरान उत्तरी पश्चिमी तो कल से दक्षिणी पूर्वी हवा 9 से 12 किमी प्रति घंटा की रफ्तार तक चलने की संभावना है. मंगलवार को गर्मी के साथ उमस बरकरार रहा. मंगलवार को आसपास का अधिकतम तापमान 34.8 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहा. हवा में नमी की मात्रा 78 प्रतिशत रही. दक्षिण हवा 2.2 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चली.
गंगा मैया का चंडिका माता से अद्भुत मिलन
मुंगेर : उत्तर वाहिनी गंगा तट पर स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ चंडिका स्थान में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. पानी गर्भगृह के अंदर भी घुस आया है. हालांकि कोरोना को लेकर लंबे समय से चंडिका स्थान को भक्तों के लिए बंद कर दिया गया है. लेकिन माना जा रहा है कि जब भी बाढ़ आती है तो गंगा मैया तथा माता चंडिका का अद्भुत मिलन होता है. जिसके बाद ही बाढ़ में कमी होता है. शायद इस बार भी ऐसी स्थिति उत्पन्न होने की संभावना बनती जा रही है.
दियारा समेत तटवर्ती गांवों में बाढ़ मचा रहा तांडव
मुंगेर : जिले में गंगा उफान पर है और दियारा समेत गंगा के तटवर्ती गांवों में यह तांडव मचा रही है. दियारा के गांवों में हर ओर तबाही का मंजर अभी से ही साफ दिखाई दे रहा है. लोगों का घर से निकलने के सारे रास्ते बंद हो गये हैं. तो कई गांवों के लोग अपने जरूरी सामान और मवेशियों को लेकर सुरक्षित स्थान की ओर पलायन कर रहे हैं. जिसमें महिला और बच्चों की संख्या काफी है.
बक्सर में बढ़ा गंगा का जलस्तर
पटना : केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा के जलस्तर में भले ही मंगलवार को मामूली गिरावट हुआ है. लेकिन बाढ़ की विभीषिका कमने वाली नहीं है. क्योंकि उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में जलस्तर का दबाव काफी बढ़ता जा रहा है. जो बक्सर तक पहुंच गया है. पटना में भी गंगा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. मंगलवार की रात अथवा बुधवार की अहले सुबह से मुंगेर गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने की संभावना है. इस बार गंगा का जलस्तर मुंगेर जिला के डेंजर लेवल 39.33 के करीब अथवा उसे पार कर जायेगा. जो भीषण बाढ़ का संकेत दे रहा है और लोगों के लिए मुश्किल भरा हो सकता है.
राहत के आसार नहीं
मुंगेर : गंगा के जलस्तर में मामूली कमी हुई है. सोमवार को गंगा का जलस्तर 38.69 पर स्थिर हुआ था. मंगलवार की शाम 5 बजे गंगा का जलस्तर 38.63 पर था. जिसमें चार से पांच घंटे में मात्र एक सेंटीमीटर पानी की कमी होने का रिकॉर्ड दर्ज किया गया. लेकिन इस खबर से मुंगेर के लोगों को राहत मिलने वाला नहीं है. क्योंकि बुधवार से पुन: गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो रहा है.