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Bihar Flood Updates: बिहार की 16 जिलों की 1322 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित

Bihar Flood Live Updates: पटना : कोरोना महामारी का कहर अभी गया नहीं कि बेतिया के वीटीआर क्षेत्र के सीमावर्ती गांव नौरंगिया क्षेत्र में पिछले दो सप्ताह से नदी के जल स्तर में लगातार परिवर्तन होने से कटाव जारी है. इससे वीटीआर पर भी खतरा मंडराने लगा है. वहीं जंगल के समीप बसे लोगों के साथ साथ वन्यजीवों के लिए भी चिंता का विषय बन गया है. बाढ़ से संबंधित खबरों के लिए बने रहें हमारे साथ...

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2020 2:37 PM
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मुख्य बातें

Bihar Flood Live Updates: पटना : कोरोना महामारी का कहर अभी गया नहीं कि बेतिया के वीटीआर क्षेत्र के सीमावर्ती गांव नौरंगिया क्षेत्र में पिछले दो सप्ताह से नदी के जल स्तर में लगातार परिवर्तन होने से कटाव जारी है. इससे वीटीआर पर भी खतरा मंडराने लगा है. वहीं जंगल के समीप बसे लोगों के साथ साथ वन्यजीवों के लिए भी चिंता का विषय बन गया है. बाढ़ से संबंधित खबरों के लिए बने रहें हमारे साथ…

लाइव अपडेट

बिहार की 16 जिलों की 1322 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित

पटना : आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि 16 जिलों की 1322 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं. छह राहत शिवर चलाये जा रहे हैं. इनमें 5,186 लोग ठहराये गये हैं. 371 कम्युनिटी किचेन में प्रतिदिन दो लाख 79 हजार 955 लोग भोजन कर रहे हैं. बाढ़ प्रभावित नौ लाख 56 हजार 341 परिवारों को जीआर की छह हजार की राशि यानी कुल 573.80 करोड़ रुपये का भुगतान उनके बैंक खाते में किया गया है.

सारण : बाढ़ और बारिश के बाद पुरवइया ने ढाया कहर, बाढ़पीड़ितों का उजाड़ा आशियाना

सारण जिले के तरैया में बाढ़पीड़ितों पर तेज पुरवइया हवा कहर बरपा रही है. दो दिनों से लगातार तेज पुरवइया हवा ने नहर बांध और सड़कों के किनारे तंबू और तिरपाल टांग कर अपने बाल- बच्चों के साथ जीवनयापन कर रहे बाढ़ पीड़ितों के तिरपाल और प्लास्टिक को चिथड़े-चिथड़े कर डाला है. तेज हवा के साथ हल्की बारिश से बाढ़पीड़ितों की स्थिति और भयावह हो गयी है. नहर बांध और सड़कों के किनारे ठहरे बाढ़ पीड़ितों पर लगातार कहर जारी है. बाढ़पीड़ितों के तिरपाल और प्लास्टिक सीट हवा में उड़ गये. अब खुले आसमान के नीचे जीने को मजबूर हैं.

अवधारा, महानंदा और पुनपुन खतरे के निशान से नीचे

पटना : जल संसाधन विभाग की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार अवधारा समूह की नदियों का जलस्तर अब खतरे के निशान से नीचे आ चुका है. इसी प्रकार महानंदा और पुनपुन का जलस्तर भी खतरे के निशान से नीचे है.

गंगा का जलस्तर गांधीघाट में खतरे से ऊपर

पटना : आज सुबह 6 बजे, गंगा का जलस्तर गांधीघाट, हाथीदह एवं कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर था. बागमती, बूढ़ी गंडक और घाघरा नदी भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर थीं. हालांकि ज्यादातर स्थानों पर जलस्तर लगभग स्थिर है. विभाग के सभी अधिकारी अलर्ट पर हैं.

कभी भी माधवपुर में घुस सकता है पानी

खगड़िया : जलस्तर में जारी वृद्धि से करीब एक दर्जन पंचायत के ग्रामीण दहशत में है. माधवपुर में अब तब की स्थिति बनी हुई है किसी भी वक्त बाढ़ का पानी गांव में प्रवेश कर सकता है. इलाके के पशुपालकों ने जीएन बांध सहित ऊंचे स्थानों पर आश्रय लेना शुरू कर दिया है. वही तेमथा करारी पंचायत अंतर्गत शर्मा टोला मुश्लिम टोला सहित आसपास के गांव में भी बाढ़ के चलते लोग सहमे हुए हैं. लगार पंचायत के बिशौनी गांव स्थित थाई धार में गंगा का पानी ओवरफ्लो होने के करीब जा पंहुचा है. अगर जलस्तर में थोड़ा भी इजाफा हुआ तो भी विशौनी का आधा भाग बाढ़ से पूरी तरह जलमग्न हो जाएगा गोढियासी नयागांव तक रिंग बांध पर ही हवा के तेज थपेड़ों से रिंग बांध पर दबाव देखा जा रहा है.

कारी कोसी, बरंडी, कोसी रही शांत

कटिहार : गंगा, बरंडी, कारी कोसी व कोसी नदी के जलस्तर में गुरुवार को उतार को उतार चढ़ाव रहा. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार गंगा नदी के रामायणपुर में गुरुवार की सुबह 27.33 मीटर दर्ज किया गया. दोपहर में यहां का जलस्तर बढ़कर 27.40 मीटर हो गया. इसी नदी के काढ़ागोला घाट पर जलस्तर स्थिर है. यहां का जलस्तर 30.09 मीटर दर्ज किया गया था. छह घंटे बाद गुरुवार के दोपहर में जलस्तर 30.09 मीटर ही रहा है. बरंडी नदी का जलस्तर एनएच-31 के डूमर में 31.00 मीटर दर्ज किया गया. जबकि गुरुवार की दोपहर में जलस्तर 31.00 मीटर ही रहा है. कोसी नदी का जलस्तर कुरसेला रेलवे ब्रिज पर गुरुवार की सुबह 30.65 मीटर दर्ज की गयी. छह घंटे बाद दोपहर में यहां का जलस्तर 30.65 मीटर ही रहा. कारी कोसी नदी का जलस्तर सुबह में 28.10 मीटर दर्ज किया गया है. छह घंटे बाद गुरुवार की दोपहर जलस्तर 28.10 मीटर ही रहा है.

मुंगेर में बाढ़ का कहर शुरू, कई गांवों का संपर्क कटा

मुंगेर. कोरोना संक्रमण के बीच अब मुंगेर जिला बाढ़ की चपेट में आ चुका है. दियारा क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों में पानी प्रवेश कर गया है. जबकि उन गांवों का संपर्क सड़क भी पानी में डूब गया है. जिसके कारण लोगों की परेशानी काफी बढ़ गयी है. बाढ का पानी बरियारपुर बिजली ग्रिड परिसर में भी प्रवेश कर गया है. गुरुवार को मुंगेर में गंगा का जलस्तर 38.56 पर पहुंच गया है. जो डेंजर लेवल से 77 सेंटीमीटर कम है.

करेह नदी का कम हुआ जलस्तर

दरभंगा : करेह नदी का जल स्तर कम हो गया है. हायाघाट और थलवारा के बीच रेल पुल पर जो नदी के जल दबाव था वो भी खत्म हो गया है. इस रेल खंड पर ट्रेनों की आवाजाही शुरु कर दी गयी है.

कटाव को ले पुरुष कर रहे हैं पूजा अर्चना

बेतिया: प्रखंड बगहा दो अंतर्गत नौरंगिया दरदरी पंचायत के मिश्रौलिया कोतरहा मौजा में सैकड़ों एकड़ फसल सहित खेत को गंडक नदी ने काट लिया है. जैसे-जैसे गंडक नदी का जलस्तर कम हो रहा है. वैसे वैसे गंडक नदी का कटाव क्षेत्र बढ़ते जा रहा है. वहीं स्थानीय पुरुषों द्वारा गंडक नदी के तट पर जाकर पूजा-पाठ और आरती किया जा रहा है. ताकि गंडक नदी के कटाव से बच सकें.

350 एकड़ क्षेत्र का हो चुका कटाव

नौरंगिया थाना क्षेत्र के मिश्रौलिया और कोतरहा मौजा अंतर्गत 400 एकड़ फसल लगी जमीन गंडक नदी में विलीन हो गयी है. वहीं 20 घर भी नदी के कटाव में बह गये हैं. किसानों की माने तो 200 एकड़ गन्ना और 150 एकड़ धान की फसल नदी के कटाव में बह गयी है. वहीं अभी भी तेज गति से कटाव जारी है. किसान सीताराम मांझी, कन्हैया बिंद, गोपाल गोंड़, बिग्गु चौधरी, नागा साह, शंभु भर आदि ने बताया कि अगर इसी तरह कटाव होता रहा तो आने वाले समय में वन संपदा को भी काफी नुकसान होगा. वहीं वन्यजीवों के निवास स्थल को भी क्षति पहुंचेगा.

posted by ashish jha

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