मुजफ्फरपुर. शहर से सटे बूढ़ी गंडक का जलस्तर शनिवार को स्थित रहा. हालांकि नदी किनारे स्थित घरों में पानी घुस गया है. वहीं बागमती और गंडक के जलस्तर में गिरावट जारी रही. बूढ़ी गंडक का जलस्तर 50.49 मीटर, बागमती का 54.95 मीटर, गंडक का जलस्तर 54.44 पर रहा. बूढ़ी गंडक का जलस्तर खतरे के निशान से करीब पौने चार मीटर नीचे है, लेकिन नदी किनारे के दो वार्ड 13 व 15 की आबादी प्रभावित है. नदी की पेटी से सटे घरों के चारों ओर पानी प्रवेश कर चुका है.
क्षेत्र के अधिकांश लोग अभी भी चारों ओर पानी होने के बावजूद मकान में रह रहे है. तो कुछ लोग वहां से निकलकर इधर उधर शरण ले चुके है. लेकिन सभी को इस बात का डर सता रहा है कि और पानी बढ़ा तो क्या होगा. घर के चारों ओर पानी घिरा होने के कारण उन्हें सांप कीड़े मकोड़े का डर सता रहा है. झील नगर की झोपड़ी से पानी पूरी तरह सट चुका है. इक्केदुक्के झोपड़ी तो नदी की पेटी से सटे है उसमें पानी प्रवेश कर चुका है.
वहीं, मुजफ्फरपुर. सुबह से तेज धूप झेलने के बाद शाम चार बजे के करीब आसमान में बादल छाने से लोगों को राहत मिली. शहर के कुछ हिस्सों में बूंदा-बांदी तो कुछ हिस्सों में शाम के समय दस मिनट के लिए तेज बारिश हुई. हालांकि कुछ देर में ही मौसम काफी हद तक साफ हो गया. दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्र में भी यही स्थिति बनी रही. मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को जिले में 26.4 एमएम बारिश हुई. अधिकम तापमान 34.2 डिग्री सेल्सियस दर्जकिया गया.
न्यूनतम ग्रामीण क्षेत्रों में 26 एमएम बारिश, शहर में बादल छाने से गर्मी से राहत आम का पौधा लगाने का अनुकल समय मौसम विभाग की ओर से किसानों को सुझाव दिया गया है कि यह मौसम फलदार व वानिकी पौधों को लगाने का अनुकूल समय है. किसान खास कर अपने पसंद के अनुसार अलगअलग समय में पकने वाली आम किस्मों का चयन कर सकते है. जर्दालु, दसहरी से लेकर एक दर्जन किस्मों के पौधों के बारे में सुझाव दिया गया है. बताया गया है कि कलमी आम के लिए पौधा से पौधा की दूरी 10 मीटर व बीजु के लिए 12 मीटर बताया गया है.