बिहार के कई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा फिर एकबार मंडराने लगा है. कोसी-सीमांचल व अंग क्षेत्र में बाढ़ ने फिर एकबार जोरदार दस्तक दी है. पटना में गंगा प्रमुख घाटों पर खतरे के निशान के उपर बह रही है. मानसून पूरे बिहार में सक्रिय है जिससे बारिश लगातार अब जारी रह सकती है. उधर पश्चिम बंगाल में गंगा पर बने फरक्का बराज के 63 गेट खोल दिये गये हैं जिससे करीब 15 से 17 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है. बिहार में त्राहिमाम का संकेत है.
बिहार में अचानक एकबार फिर से बाढ़ का संकट गहराता दिख रहा है. बंगाल में फरक्का बराज के 63 गेटों को पूरी तरह खोल दिया गया है. पटना में गंगा उफान पर है. लगभग सभी प्रमुख घाटों पर पानी लाल निशान से उपर है. गंगा किनारे के क्षेत्रों के लिए अफसरों को अलर्ट किया गया है. एक तरफ जहां लगातार बारिश शुरू हो गयी है वहीं यूपी और नेपाल की बारिश ने बिहार की चिंता और बढ़ायी है. अगर पटना में गंगा का जलस्तर कुछ सेंटीमीटर और बढ़ा तो जिले में भी बाढ़ से तबाही मचेगी.
बक्सर में चौसा-मोहनिया हाइवे पर तीन फुट तक पानी चढ़ गया है. कर्मनाशा नदी के बढ़े जलस्तर से गांव में पानी घुस चुका है.बेगूसराय में भी मकान-दुकानों में गंगा का पानी घुस गया है. मुंगेर में गंगा खतरे के निशान के बेहद करीब है. लोग पलायन करने लगे हैं. गोपालगंज में करीब 4 दर्जन गांवों पर बाढ़ का संकट मंडरा रहा है.
कोसी-सीमांचल क्षेत्र में बाढ़ का त्राहिमाम दिख रहा है. दो दिनों से सुपौल में कोसी नदी के जल अधिग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश हो रही है जिसके बाद अब कोसी बराज के 19 फाटक खोल दिये गये हैं.
किशनगंज में सैंकड़ो घर नदी में समा चुके हैं. भागलपुर में गंगा का तांडव शुरू हो गया है. कई इलाके जलमग्न हो गये हैं. लोग बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र से अब सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और कहा कि सरकार इसे लेकर अलर्ट है. पटना में जायजा लेने के बाद उन्होंने वर्तमान स्थिति को खतरे से बाहर बताया लेकिन सतर्क रहने को कहा है.
Posted By: Thakur Shaktilochan