Bihar: भागलपुर में बाढ़ आने पर खेतों तक पहुंचने लगे मगरमच्छ व घड़ियाल, किसानों ने देखा तो उड़े होश
बिहार के भागलपुर जिला अंतर्गत कहलगांव में मगरमच्छ व घड़ियाल गंगा में विचरण कर रहे हैं. अब बाढ़ का पानी जब लगातार खेतों में प्रवेश कर रहा है तो मगरमच्छ भी अब शिकार की खोज में खेत तक पहुंचने लगे हैं. वहीं किसानों के अब होश उड़े हुए हैं.
Bihar News: भागलपुर में मगरमच्छ व घड़ियाल से लोग दहशत में हैं. पिछले एक पखवारा से करीब आधा दर्जन मगमच्छ व घड़ियाल का झुंड कहलगांव, बटेश्वर स्थान, एकचारी व घोघा के बीच गंगा की धार व गंगा से सटे बाढ़ के पानी से लबालब डूबे खेतों में विचरण करते हुए देखा जा रहा है. आज सुबह ही शहर स्थित शमशान घाट के निकट तट पर शौच कर रहे वार्ड नं दो के निवासी मो सलीम ( 32 वर्ष ) को मगरमच्छ दबोचने का प्रयास किया. मौत के मुंह से बचने के बाद वह भागते हुए अपने घर पहुंचते ही वह बेहोश हो गया. डॉक्टर से दिखाने के बाद उसे होंश आया. उसकी स्थिति में अब सुधार है.
घूमते जानवरों को भी बनाते हैं शिकार
भूख से विलखते ये अब तट पर घूमते जानवरों को भी शिकार बनाने लगे हैं.पिछले दिनों कहलगांव स्थित ओल्ड शमशान घाट पर एक कुत्ते को झपटते देखा गया. इसके पूर्व भी हिंसक हो चुके एक मगरमच्छ ने सुल्तानगंज में एक व्यक्ति को दबोचकर उसे घायल कर दिया था.
गंगा में छठ करने से डर रहे लोग
गंगा में मगरमच्छ की इस उपस्थिति की लगातार सूचना मिलने के बाद गंगा तट वासियों के बीच भय का माहौल है. खासकर हर वर्ष गंगा तट पर महापर्व छठ करने वाले श्रद्धालुओं को अब चिंता सताने लगी है. मालूम हो कि कहलगांव से बटेश्वर के बीच की अविरल गंगा के उत्तरवाहिनी होने के कारण यहां पर्व-त्योहारों के अलावा हर दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है.छठ पर्व में महिलाएं घंटों तक गंगा में खड़ी रहकर भगवान सूर्य की आराधना करती हैं. श्रद्धालु अर्घ्य अर्पित करते हैं. ऐसे में असुरक्षा का भय सताना लाजिमी है.
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घर में ही छठ करने का मन बनाने लगे लोग
मौजूदा स्थिति को देखते हुए लोग अब घर में ही छठ करने का मन भी बनाने लगे हैं. इधर लगातार सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम के द्वारा उसे पकड़ने का हर प्रयास लगातार विफल साबित हो रहा है.
करीब 12 फिट का एक मगरमच्छ खेत में
शुक्रवार को करीब तीन मगरमच्छ को प्रखंड स्थित प्रशस्तडीह गांव में बाढ़ के पानी से लबालब भरे खेतों में घूमते देखा गया. इसकी सूचना शुक्रवार को मिली है.गांव के किसान सह सरपंच तरुण कुमार पांडे ने बताया कि हर दिन की भांति सुबह जब हम अपने पिता कृत्यानंद पांडे के संग अपने खेतों में हो रही बुआई को देखने गए तो करीब 12 फिट का एक मगरमच्छ बाढ़ के पानी में घूमते दिखा.
पक्षियों को लपकने का प्रयास कर रहे थे भूखे मगरमच्छ
इस आशय की खबर जब गांव में फैली तो लोगों ने दो दिन पूर्व भी तीन मगरमच्छ को खेतों में घूमने की बात बताई. भूखे मगरमच्छ खेतों में फुदकते पक्षियों को लपकने का प्रयास कर रहे थे. इधर प्रशस्तडीह के मुखिया अतुल पांडे व इससे सटे कोदवार की मुखिया सीमा कुमारी ने बताया कि एहतियातन गांव के खेतों में तीन की संख्या में घूम रहे मगमच्छ व घड़ियाल की सूचना ढोल बजाकर ग्रामीणों को दे दी गई है. मालूम हो कि इस पंचायत के कुछ सूखे खेतों में सब्जी के पौधे व सरसों की बुआई का काम अभी चल रहा है. दर्जनों मजदूर खेतों में काम कर रहे हैं.
(कहलगांव से प्रदीप विद्रोही की रिपोर्ट)
Posted By: Thakur Shaktilochan