बिहार में बाढ़ का खतरा बढ़ा, कोसी-गंडक-महानंदा समेत कई नदियों में प्रचंड उफान, अलर्ट पर रेस्क्यू टीम

बिहार की कई नदियों में प्रचंड उफान देखा जा रहा है जिससे बाढ़ का संकट अब गहरा रहा है. सुपौल और पश्विमी चंपारण में गांवों में पानी घुस रहा है.

By ThakurShaktilochan Sandilya | July 7, 2024 7:10 AM
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Bihar Flood News: बिहार में कोसी, गंडक, महानंदा और उसकी सहायक नदियां उफान पर हैं. शनिवार शाम करीब छह बज सुपौल जिला के बीरपुर बराज पर तीन लाख तीन हजार 860 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. यह इस साल का अधिकतम डिस्चार्ज है. अधिक पानी होने के कारण कोसी बराज के 39 फाटक खोल दिये गये हैं. इसके साथ ही वाल्मीकिनगर बराज पर गंडक नदी से करीब दो लाख 18 हजार क्यूसेक पानी शनिवार दोपहर दो बजे छोड़ा गया. यह इस साल का अधिकतम डिस्चार्ज था. वहीं महानंदा नदी का जलस्तर भी किशनगंज जिले में खतरे के निशान से ऊपर था. इसमें रविवार तक किशनगंज सहित पूर्णिया और कटिहार जिले में बढ़ोतरी की संभावना है.

लोगों को सुरक्षित जगह पर जाने की चेतावनी

सूत्रों के अनुसार राज्य के कई इलाकों सहित नेपाल में लगातार बारिश से राज्य में नदियों के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इसको देखते हुये राज्य में नदी किनारे निचले इलाके के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने का जिला प्रशासन के स्तर से चेतावनी दी जा रही है. पूर्वी और पश्चिम चंपारण जिलों के कुछ निचले इलाकों के ग्रामीणों को जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को संवेदनशील जगहों पर लगाया गया है. साथ ही इनकी अतिरिक्त टीमों को विशेष परिस्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है.

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बांधों के सुरक्षित होने का दावा

वहीं जल संसाधन विभाग ने अपने सभी बांधों को सुरक्षित होने का दावा किया है. बांधों की सुरक्षा के लिए चौकसी बढ़ा दी गई है. मुख्यालय स्तर से अभियंताओं को लगातार बांधों का निरीक्षण करने के निर्देश दिये गये हैं.

सुपौल में बाढ़ का संकट गहराया

नेपाल में भारी बारिश के कारण कोसी नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है. इससे सुपौल जिले में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. शनिवार शाम को कोसी बराज स्थित कंट्रोल रूम के अनुसार, कोसी नदी का डिस्चार्ज इस वर्ष पहली बार 02 लाख 82 हजार 680 क्यूसेक पार कर गया. इसके कारण बराज के 36 फाटकों को खोलना पड़ा. बराह क्षेत्र में भी जल स्तर 01 लाख 83 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया है. बालू की अधिक मात्रा के कारण दोनों नहरों को बंद कर फ्लशिंग की जा रही है.

बेतिया में भी बाढ़ के हालात बने

नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में पिछले 48 घंटे से अधिक समय से भारी बारिश के कारण पश्चिमी चंपारण जिले की अधिकतर पहाड़ी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बहते हुए उफान के कगार पर हैं और जिले में बाढ़ के हालात बनने लगे हैं. मौजूदा स्थिति में तो कई नदियों का पानी सरेह के खेतों में फैलना शुरू हुआ है और एक दो दिन और बारिश हुई तो ऐसा माना जा रहा है कि जिले में चारों ओर बाढ़ के हालात बन जायेंगे. 

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