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बिहार में बाढ़ की क्या है स्थिति? नदियों में उफान के बीच अब घरों में घुसने लगा पानी, जानिए अपने जिले का हाल..

Bihar Flood Update: बिहार में बारिश की वजह से अधिकतर नदियां उफनाई हुई हैं. सीमांचल समेत कई क्षेत्रों की स्थिति अब बिगड़ती जा रही है. पानी अब निचले इलाकों में प्रवेश कर रहा है. कई जगहों पर पानी सड़क के आर-पार बह रहा है. जानिए सूबे में बाढ़ की स्थिति क्या है.

Bihar Flood Update: बिहार में रूक-रूक कर हो रही बारिश की वजह से प्रदेश की नदियों में उफान है. कई इलाकों में अब बाढ़ की स्थिति बन गयी है. तटबंध टूट रहे हैं. जबकि कई गांवों का संपर्क शहर मुख्यालय से भंग हो चुका है. सूबे की नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. जानिए बाढ़ की क्या है स्थिति..

कटिहार के हालात..

कटिहार जिले के सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में चौथे दिन शुक्रवार को वृद्धि दर्ज की गयी है. हालांकि महानंदा नदी के जलस्तर में शुक्रवार को दूसरे दिन भी कमी दर्ज की गयी है. इस नदी का जलस्तर झौआ, बहरखाल, आजमनगर, कुर्सेल, धबोल, दुर्गापुर व गोविंदपुर में घट रही है. इस नदी के घटते-बढ़ते जलस्तर से कई क्षेत्रों में कटाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. दूसरी तरफ गंगा, कोसी, बरंडी व कारी कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है. गंगा, कोसी व बरंडी नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान से ऊपर हो चुकी है. जिससे निचले इलाके में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक गंगा नदी काढ़ागोला में लाल निशान से 41 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. जबकि बरंडी नदी डूमर में 10 व कोसी नदी कुरसेला रेलवे ब्रिज पर 14 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. गंगा, कोसी, बरंडी व कारी कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी रही है.

सीमांचल के अन्य जिलों का हाल

अररिया के भरगामा प्रखंड क्षेत्र के जयनगर स्थित परिहारी वितरणी नहर के पश्चिम भाग का स्पर कमजोर होने के कारण रात्रि के समय में बांध टूट गया. बांध टूटने से दर्जनों घरों में पानी फैल गया है. दो प्रखंड को जोड़ने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क फारबिसगंज प्रखंड के खवासपुर से सौरगाव होकर कुर्साकांटा जाने वाली सड़क जो खवासपुर के समीप परमान नदी से सटे होने के कारण भारी कटाव हो रहा है. कटाव के कारण आधा से अधिक रोड पानी में विलीन हो चुका है.

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खगड़िया में रेन कट बनी समस्या

खगड़िया में लगातार हो रही बारिश से गोगरी नारायणपुर -तटबंध रिंग बांध के कुछ जगह बड़े पर पैमाने पर रेन कट हो गया है. लगार अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से करीब 200 मीटर आगे सलारपुर की तरफ एक बड़ा रेन कट हो गया है. जो बांध की सेहत के लिए खतरा बन सकता है.

मुंगेर में फैल रहा बाढ़ का पानी

 मुंगेर में गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है और तेजी से वार्निंग लेवल की ओर पानी बढ़ता जा रहा है. इसके कारण संभावित बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. संभावना व्यक्त की जा रही है कि शनिवार को गंगा का जलस्तर वार्निंग लेवल को पार कर जायेगा. पानी का फैलाव भी धीरे-धीरे निचले इलाकों में फैलाने लगा और दियारा क्षेत्र में कटाव जारी है. इतना ही नहीं गंगा के संपर्क में आने वाली नदी-नालों से पानी चौर क्षेत्र में भी फैलने लगा है. गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी के कारण दियारा क्षेत्र के अलावे करारी क्षेत्रों में पानी फैलने लगा है. हालांकि बाढ़ के पानी से अभी दियारा क्षेत्र का सभी गांव सुरक्षित है. लेकिन बारिश और बाढ़ के पानी का फैलाव दियारा क्षेत्र के निचले इलाकों में हो रहा है. इसके कारण मकई एवं पशु चारा डूबने लगा है.बाढ़ के कारण दियारा क्षेत्र के कटाव की समस्या पिछले एक माह से बनी हुई है. कुतलुपुर, जमीनडिगरी, सीताचरण, टीकाराम के क्षेत्र में कटाव हो रहा है.

भागलपुर में गंगा व कोसी की हुंकार

भागलपुर में गंगा नदी और कोसी नदी के जलस्तर में शुक्रवार को भी बढ़ोतरी जारी रही. जिले की दोनों प्रमुख नदियां खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी है. भागलपुर शहर के गंगा घाटों पर पानी और अधिक ऊपर चढ़ गया है. जल संसाधन विभाग पटना द्वारा जारी फोरकास्ट के अनुसार गंगा नदी खतरे के निशान से 71 सेंटीमीटर नीचे और कोसी नदी खतरे के निशान से 12 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. शहर के बूढ़ानाथ घाट, विश्वविद्यालय घाट, किलाघाट, विसर्जन घाट, बरारी वाटर वर्क्स, बरारी पुल घाट और श्मशान घाट में पानी 3 से 4 मीटर ऊपर चढ़ा है. वहीं शहर से सटे दियारा पर स्थित गांव के चारों ओर पानी तेजी से फैल रहा है.

गोपालगंज व बगहा में गंडक का हाल..

नेपाल में बारिश के थमते ही गंडक नदी के जल स्तर में कमी आने लगी है. हालांकि गोपालगंज में गंडक नदी तीसरे दिन भी खतरे के निशान से 55 सेमी ऊपर बह रही है. वाल्मीकिनगर बराज से शुक्रवार को डिस्चार्ज घटकर 1.42 लाख क्यूसेक पर आ गया है. अगले 24 घंटे में नदी का जल स्तर और घटेगा, जिससे तटबंधों पर कटाव का खतरा बना हुआ है. उधर, जिले के निचले इलाके में रहने वाले 43 गांवों के लोगों के सामने संकट बरकरार है. गांव को जोड़ने वाली सभी सड़कों पर नदी का पानी बह रहा है. गांव चारों तरफ से घिरा हुआ है. आने-जाने के सभी मार्ग ध्वस्त हो चुके हैं. सदर प्रखंड के कटघटरवां, हीरापाकड़, मेहंदियां, रामपुर टेंगराही, बरइपट्टी, पतहरा, सेमराही, निरंजना,धूप सागर, धर्मपुर, भगवानपुर, रामनगर, मकसुदपुर कुचायकोट में सिपाया टोला वार्ड नं 7, भसही, मांझा प्रखंड के निमुइया, माघी, मगुरहां, भैंसही एवं पुरैना सिधवलिया के बंजरिया समेत जिले के 43 गांवों में पानी भरा हुआ है.  गंडक बराज वाल्मीकिनगर से गंडक नदी में पानी छोड़े जाने के बाद बगहा में गंडक दियारा इलाका तथा शहरी क्षेत्र व पिपरा पिपरा सहित कई जगहों पर कटाव का दबाव तेज हो गया है.

बेतिया व मोतिहारी का हाल..

बेतिया के मैनाटांड़ प्रखंड क्षेत्र के इंडो-नेपाल से सटकर बहने वाली ओरिया नदी उफान पर है. इससे लोग पूरी तरह से सहमे हुए हैं. बाढ़ का पानी खेतों में चारों तरफ लबालब है. सारी फसलें डूब गईं हैं. धीरे-धीरे नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. वहीं मोतिहारी में पताही बागमती एवं लालबकेया नदी के जलस्तर में धीरे धीरे कमी हो रही है . नदी में आई बाढ़ के पानी मे कमी होने के बाद भी शुक्रवार को चौथे दिन शिवहर मोतिहारी पथ के देवापुर से बेलवा तक कीचड़ एवं पानी होने से इस रास्ते शिवहर से मोतिहारी का आवागमन बाधित है . जिस कारण इस रास्ते शिवहर से मोतिहारी जाने वाले लोगो को अधिक दूरी तय कर अन्य रास्ते जा रहे है .

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