Loading election data...

PHOTOS: अररिया की नदियों का उग्र रूप देखिए, कुर्साकांटा-फारबिसगंज सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ा…

बिहार के सीमांचल की नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. अररिया की नदियां भी उफनाई हुई हैं. कई पंचायत बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. देखिए तस्वीरें...

By ThakurShaktilochan Sandilya | June 28, 2024 10:44 AM
an image

बिहार की नदियों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश व कोसी बैराज से जल निस्सरण को लेकर अररिया की नदियां भी ऊफनाई हुई हैं. कुर्साकांटा प्रखंड क्षेत्र की नदियां उफान पर है, जिससे ग्रामीणों को बाढ़ की आशंका सता रही है. प्रखंड क्षेत्र के सौरगांव, रहटमीना, लक्ष्मीपुर, जागीर परासी, सिकटिया सहित अन्य पंचायतों में भी बाढ़ से ग्रामीण परेशान रहे.

अररिया में बाढ़ से किसान तबाह

अररिया में उफनाई नदियों से आई बाढ़ के कारण पाट की खेती बर्बाद हो रही है.बाढ़ का पानी से डूबे होने के कारण रोपे गए धान को लेकर भी किसान की परेशानी बढ़ती ही जा रही है. वहीं जागीर परासी पंचायत के दर्जनों किसानों ने बताया कि बाढ़ से तो हर वर्ष किसानों को काफी क्षति का सामना करना पड़ता है. लेकिन इस बार तो समय से पूर्व ही आई बाढ़ ने किसानों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है.

ALSO READ: PHOTOS: बिहार में बाढ़ की दस्तक और भाड़े की नाव पर चलते लोग, सुपौल की ये तस्वीरें देखिए…

कुर्साकांटा-फारबिसगंज मार्ग पर बाढ़ का पानी

कुर्साकांटा-फारबिसगंज मार्ग पर ककुड़वा से ओसरी, रामगंज तक सड़क पर बाढ़ का पानी आ जाने से राहगीरों को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं वाहन चालकों को 18 किमी की दूरी की जगह सोनामनी गोदाम, चंदमोहन विशनपुर के रास्ते लगभग 25 किमी की दूरी तय कर फारबिसगंज जाना पड़ता है.

परमान नदी में आयी बाढ़ से निर्माणाधीन पुल का पाया डूबा

जोगबनी-फारबिसगंज मुख्य मार्ग में मीरगंज के समीप परमान नदी पर लोहे के पुल के समांतर बन रहे नये पुल की ऊंचाई पर काम किया जा रहा है. इतनी कम ऊंचाई वाले पुल के गार्डर से नदी के पानी के बहाव में बाधा उत्पन्न हो सकती है. नदी में आई उफान से पिलर पानी में डूबने के कगार पर है. नदी में दो से तीन फिट पानी का स्तर अगर बढ़ा तो गार्डर से पानी जा टकरायेगा. इससे पुल के गार्डर पर हमेशा पानी का दबाव बना रह सकता है. जबकि इसके समानांतर पहले से बने लोहे के पुल की ऊंचाई से करीब 5 से 6 फिट पुल के लेबल से नीचे गार्डर का निर्माण किया जा रहा है.

नदी में ऊफान बढ़ा तो गहराएगी समस्या…

बता दें की 2017 में परमान नदी में आई भीषण बाढ़ ने मीरगंज के लोहे पुल को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था. इसको देखते हुए इसके समानांतर बन रहे पुल को अधिक ऊंचा करने की जगह नीचे करके बनाया जा रहा है. स्थानीय लोगों ने इसे गंभीर समस्या बताया है. लोगों ने बताया कि आने वाले दिनों में नदी में अगर और अधिक उफान आया तो निर्माण किये गार्डर से पानी के बहाव में रुकावट उत्पन्न होगी. पानी के बहाव में बाधा हुई तो पुल के उत्तर दिशा में बसे जोगबनी, भीमसैना, घुसकी, कोचगामा, खजूरबारी, पोखरिया, पुरानी जोगबनी सहित मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ जायेगा. लोगों ने विभागीय अधिकारियों की लापरवाही बताया व वरीय अधिकारियों से इस पुल निर्माण की जांच करने की मांग की है.

Exit mobile version