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PHOTOS: ‘पिछले साल ही घर बनाए, कोसी मैया को पसंद नहीं आया…’, बिहार में नदी में समा रहे आशियाने

बिहार में बाढ़ और कटाव की समस्या से बड़ी आबादी प्रभावित हो रही है. सुपौल और भागलपुर में कोसी का कटाव बढ़ता जा रहा है. आशियाने नदी में समा रहे हैं.

By ThakurShaktilochan Sandilya | July 6, 2024 2:37 PM
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Bihar Flood News: बिहार में नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है. कोसी समेत कई नदियों ने अपना उग्र रूप दिखाया है. लोग बाढ़ की दस्तक से अब पलायन को मजबूर हैं. कटाव की मार भी अब तेज हो गयी है और घर-मकान नदी में विलीन हो रहे हैं. कोसी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. भागलपुर के खरीक और सुपौल जिला में कोसी का कटाव तेज हो रहा है. लोग अपने ही हाथों से अपने आशियाने को उजाड़ रहे हैं और सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं.

सुपौल में कटाव की मार, कई परिवार बेघर हुए

सुपौल शहर से सात-आठ किलोमीटर दूर बसे बलवा पंचायत के डुमरिया गांव स्थित वार्ड नंबर चार व पांच के निवासी कटाव की मार से तबाह हैं. वो कंधे पर बकरियां, सामान वगैरह लादकर कहीं सुरक्षित जगह पर जाते दिखे. अपने आशियाने को खुद अपने ही हाथों उजाड़कर वो अपनी डीह से दूर हो गए.

दो दर्जन परिवारों का घर कोसी में विलीन हुआ

कोसी के जल स्तर में कमी के बाद सदर प्रखंड के बलवा पंचायत के आसपास के गांवों में बसे लोगों को हर साल बाढ़ की समस्या से जूझना पड़ता है. साथ ही साथ जल स्तर में कमी के कारण कटाव तेज हो जाता है.गढ़ गांव पंचायत के डुमरिया में लगभग 25 परिवारों का आशियाना कोसी नदी में विलीन हो गया है.

हमारे नसीब में ही है बसना और उजड़ना

कोसी नदी के जल स्तर में कमी के बाद तटबंध के अंदर बसे गांवों में कटाव का खतरा मंडराने लगा है.सदर प्रखंड के बलवा पंचायत स्थित डुमरिया गांव में कोसी डरावना रूप दिखा रही है. यहां के लोग अब मायूस होकर गांव छोड़ रहे हैं.

पिछले साल ही घर बनाए, कोसी मैया को पसंद नहीं आया

बलवा पंचायत स्थित डुमरिया गांव के ग्रामीण मुरझाए चेहरे के साथ कहते हैं कि हमारे तो नसीब में ही उजड़ना और बसना है. एक महिला ललिता देवी ने बताया की पिछले साल ही घर बनाये थे, लेकिन कोसी मैया को वह भी पसंद नहीं आया. घर की महिलाएं, बच्चे, बूढ़े सभी अपने सामान कंधे पर लादकर गांव से जाते दिखे.

भागलपुर में भी नहीं थम रहा कोसी का कटाव

भागलपुर के खरीक प्रखंड के सिंहकुंड में कोसी के कटाव का तांडव जारी है. कटाव की विभीषिका के कारण तटवर्ती इलाके के किसानों की जमीन लगातार कट कर नदी में समा रही है. कटाव की रफ्तार इतनी तेज है कि बचाव कार्य बेअसर साबित हो रहा है. पीड़ित परिवार इस बरसात के मौसम में खुले आसमान के नीचे जीवन जीने को विवश हैं. बता दें कि गुरूवार को बीएसएफ जवान सहित 10 लोगों का घर कटकर नदी में विलीन हो गया था.

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