Bihar Flood Photos: बिहार की नदियां इन दिनों जलमग्न है. सूबे के कई जिलों में बाढ़ के हालात बन चुके हैं. राजधानी पटना, भागलपुर व कोसी-सीमांचल व अन्य कई जिलों में भी नदियों का पानी सड़क और निचले इलाके में पसर गया है. निचले इलाके में पानी घुसने के बाद फिर एकबार लोगों का पलायन शुरू हो गया है. वहीं अगले सात दिनों तक बारिश की संभावना बनी हुई है जिससे स्थिति और गंभीर होने के आसार हैं.
पटना की नदियां उफान पर
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, पटना में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर कई जगहों पर बह रही है. पटना के दीघाघाट, गांधी घाट, हाथीदह में गंगा लाल निशान से ऊपर बह रही है. जबकि मनेर में सोन नदी खतरे के निशान के बेहद करीब है. पुनपुन नदी भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है.
भागलपुर में गंगा…
भागलपुर में गंगा का जलस्तर डेंजर लेवल के करीब पहुंच गया है. महज 23 सेंटीमीटर नीचे है. रविवार को दिन जलस्तर बढ़ने की गति प्रति घंटे एक सेंटीमीटर रही हालांकि, रात आठ बजे के बाद से इसकी रफ्तार में कमी आयी. आधा सेंटीमीटर प्रति घंटे रह गयी. जलस्तर में वृद्धि जारी रहने का अनुमान है. गंगा का जलस्तर बढ़ने से नाथनगर का दियारा इलाका टापू जैसा दिखने लगा है. शंकरपुर और अजमेरीपुर पंचायत के दर्जनों गांवों के लोग बाढ़ से दहशत में हैं. अजमेरीपुर में ग्रामीण घर छोड़ सड़क पर आ गये हैं.
भागलपुर में बाढ़ की स्थिति बनी…
भागलपुर में गंगा किनारे बसे शहर के विभिन्न माेहल्ले के लोगों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है. आदमपुर घाट, बैंक कॉलोनी, मानिक सरकार घाट क्षेत्र, गोलाघाट क्षेत्र, किलाघाट क्षेत्र आदि में गंगा के पानी के साथ-साथ नाले का गंदा पानी भरता जा रहा है. सबौर प्रखंड के रजंदीपुर पंचायत के संतनगर, बाबूपुर में गंगा का पानी तेजी से फैल रहा है. इधर, ममलखा पंचायत के हरिदास रामनगर, चायचक मसाढु गांव पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. सबौर-जमसी पथ पर लचका पथ पर गंगा के पानी का दबाव लगातार बढ़ रहा है. यहां आवागमन बंद हो गया है.
सुपौल में बाढ़ का संकट गहराया, कोसी बराज की लाल बत्ती जलायी गयी
नेपाल में हुई भारी बारिश के बाद एक बार फिर कोसी नदी का जलस्तर 2.10 लाख क्यूसेक को पार कर गया है. कोसी बराज के 28 फाटकों को खोल दिया गया है. यह जलस्तर बढ़ते क्रम में बताया गया है. कोसी बराज पर फिर से लाल बत्ती जला दी गई है.तटबंध पर सतत निगरानी और चौकसी जारी है.जिले के पांच प्रखंडों के 32 पंचायत के 100 से अधिक गांव के लोग हर साल बाढ़ का दंश झेलते हैं. बाढ़काल के मध्य में एक बार फिर से कोसी नदी ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया है. नदी का घटते व बढ़ते जल स्तर बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों को बेचैन कर रखा है.
कटिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर हुई
कटिहार के कुरसेला प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है. निचले भू-भाग के दर्जन से अधिक गांव बाढ़ से घिर चुका है. गांवों के संपर्क पथों पर पर बाढ़ चढ़ने से आवागमन सुविधा ठप हो गयी है. बाढ़ से घिरते गांवों के लोग जान-माल सुरक्षा के लिए ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के व्यवस्था में जुट गये है. अनेकों पशुपालक पशुओं के जीवन रक्षा के लिए सूखे क्षेत्रों की ओर पलायन करने लगे हैं. तटबंधों सड़कों पर पानी का दबाव बढ़ता जा रहा है.