मुजफ्फरपुर: औराई प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाली बागमती नदी के जलस्तर में सोमवार की सुबह से ही वृद्धि शुरू हो गयी, जो देर शाम तक वृद्धि होती रही. इधर, औराई क्षेत्र में बागमती नदी का जलस्तर बागमती नदी की उपधारा के तट से तीन से चार फुट नीचे बह रही है. जिससे स्थिति सामान्य है. मगर विस्थापित एक दर्जन गांवों के बाढ़ पीड़ितों के बीच दहशत व्याप्त है.
बभनगामवां पश्चिमी के शिक्षक शाहिद रजा ने बताया कि लोग नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं. सोमवार को सुरक्षित स्थानों की तलाश में विस्थापित परिवार इधर उधर भटकते रहे. कई परिवारों ने तटबंध पर शरण ले लिया है. अंचलाधिकारी रामानंद सागर ने बताया कि स्थिति अभी सामान्य है. लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है.
सोमवार को रजवाड़ा स्थित बूढ़ी गंडक नदी का पानी रजवाड़ा स्विस गेट पहुंच गया है. मुखिया पति शिवनाथ राय ने बताया कि तेजी से बढ़ रहे जलस्तर के कारण अगले 24 घंटे में रजवाड़ा भगवान पंचायत के चार गांवों का पंचायत भवन, प्रखंड मुख्यालय और जिला मुख्यालय से संपर्क भंग होने की संभावना है. आकस्मिक सेवा के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अंचलाधिकारी मुशहरी, बीडीओ और स्वास्थ्य विभाग से संपर्क स्थापित किया गया है. जलस्तर के बढ़ने से रजवाड़ा ढाब में 10 एकड़ से अधिक में लगी सब्जियों की खेती सहित अन्य फसल प्रभावित हुई है. ग्रामीण डॉक्टर सुबोध कुमार सुमन ने बताया कि जिस रफ्तार में तेजी से जल स्तर बढ़ रहा है उससे सैकड़ो एकड़ में लगी विभिन्न किस्मों की फसल बर्बाद होगी.
बता दें कि नेपाल के पोखरा में हो रही भारी बारिश से उत्तर बिहार की नदियां पूरी तरह बौरा गयी है. जिले से गुजरने वाली बागमती व बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में सोमवार की दोपहर बाद तेजी से वृद्धि शुरू हो गयी है. शहरी क्षेत्र के सिकंदरपुर से गुजरने वाली बूढ़ी गंडक के जलस्तर में सोमवार को 62 CM की वृद्धि हुई है. हालांकि, यह नदी अभी खतरे के निशान से 3.40 मीटर नीचे बह रही है. बागमती के जलस्तर में ढेग से लेकर बेनीबाद तक तेजी से वृद्धि हो रही है.
कटौझा में बागमती का जलस्तर 1.59 मीटर बढ़कर खतरे के निशान से 1.09 मीटर ऊपर पहुंच गयी है. बागमती नदी बेनीबाद में 57 CM बढ़कर खतरे के निशान से 28 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गयी है. नेपाल के पोखरा में सर्वाधिक 249 मिमी बारिश होने से वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में सोमवार की दोपहर बाद 2.27 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसके कारण जहां पश्चिम चंपारण में गंडक के जलस्तर में तेजी से वृद्धि शुरू हो गयी है. वहीं जिले के रेवा घाट में अभी नदी खतरे के निशान से 1.41 मीटर नीचे स्थिर है. जिले की तीनों प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने की संभावना है.