Bihar Flood: नेपाल की तराई में पिछले कई दिनों से बारिश जारी है. इसके कारण नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है. बताया जा रहा है कि कई गांवों में नदियों का पानी प्रवेश कर गया है. इससे वहां बाढ़ की स्थिति पैदा होगयी है. कई नदियों में बने चचरी पुल और पीपा पुल पर परिचालन बंद हो गया है. बताया जा रहा है कि औराई में बागमती नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही वर्षा के कारण शुक्रवार की सुबह से ही बागमती नदी के जलस्तर मे अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, जबकि बागमती नदी का पानी अपने तट से तीन फीट नीचे बह रही है. जलस्तर में वृद्धि होने से बागमती परियोजना उत्तरी और दक्षिणी बांध के बीच बसे एक दर्जन गांव के लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही औराई दक्षिणी क्षेत्र के लोगों को प्रखंड मुख्यालय आने में 15 से 20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है. उत्तरी क्षेत्र के लोगों को जिला मुख्यालय जाने में 20 से 25 किलोमीटर की अधिक दूरी तय करनी पर रही है. जलस्तर में वृद्धि होने से मधुबन प्रताप, पटोरी टोला, बारा बुजुर्ग बुजुर्ग, बारा खुर्द, चैनपुर, राघोपुर, तरबन्ना, बभनगामा पश्चिमी, हरनी टोला के लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने से लोगों की चिंता बढ़ गयी है. कोसी व कमला बलान के जलस्तर में वृद्धि होने से प्रखंड की चार पंचायतों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. नेपाल व जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण गुरुवार की रात से ही कमला बलान नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने लगी है. पिछले 13-14 घंटे में नदी के जलस्तर में लगभग दो से तीन फीट की वृद्धि हुई है. हालांकि अभी भी पानी खेत-खलिहान तक नहीं पहुंचा है. जलस्तर में इसी तरह वृद्धि होती रही तो पश्चिमी तटबंध के भीतर बसे गांवों में बाढ़ का पानी फैलने लगेगा. दूसरी ओर कोसी नदी के जलस्तर में भी पिछले दो दिनों से लगातार वृद्धि हो रही है. इस नदी में तेजी से हो रहे कटाव से लोगों में भय का माहौल है. कुंजभवन और बड़की कोनिया गांवों में कटावरोधी काम किया जा रहा है.
बागमती के जलस्तर में वृद्धि जारी रहने से प्रखंड के बकुची, कटरा, पतारी नवादा के निचले हिस्से में बाढ़ का पानी फैल गया है जिससे लोगों को बाढ़ की चिंता सताने लगी है. बकुची के पूर्व मुखिया रामसकल भगत ने कहा कि जलस्तर में वृद्धि जारी रही तो प्रखंड के उत्तरी हिस्से के 16 पंचायतों का सड़क संपर्क भंग हो जा सकता है. पीपा पुल से चारपहिया वाहन का परिचालन बंद हो जाने के कारण लोगों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. पुल से जान जोखिम में डाल कर किसी तरह पैदल व साइकिल से यातायात कर रहे है. पीपा पुल से बकुची चौक सड़क पर लगभग 25 फीट सड़क पर लगभग एक फीट पानी का बहाव होने के कारण आने जाने वाले लोगों को काफी कठिनाईयों का सामना करना परता है. बसघट्टा पंचायत के पूर्व मुखिया अशोक साह ने कहा कि सरकार की उदासीनता का परिणाम है कि बागमती नदी पर बने पुल के लगभग तीस वर्ष पूर्व क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद भी आज तक पुल का निर्माण नहीं हो सका. पीपा पुल व चचरी के सहारे यातायात करने को विवश हैं. जबकि कटरा प्रखंड में ऐतिहासिक स्थल है. प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां चामुंडा मंदिर में प्रतिदिन लोग दूर दूर से दर्शनार्थ आते हैं.
सीतामढ़ी में मानसून को सक्रिय होने के साथ ही जिले में बागमती नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. इसके जलस्तरो में कई जगह गिरावट व स्थिरता बनी हुई है. जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय के अनुसार कटौझा में बागमती नदी का जलस्तर 55 सेमी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. हालांकि इसका जलस्तर स्थिर बना हुआ है. वहीं ढेंग, सोनाखान, चंदौली व डुब्बाघाट में बागमती नदी का जलस्तर घट रहा है. जबकि सोनबरसा में झीम व पुपरी में अधवारा नदी के जलस्तरों में भी वृद्धि जारी है. जबकि सुंदरपुर में अधवारा नदी व गोआवाडी में लालबेकिया नदी का जलस्तर फिलहाल स्थिर है.
नदी स्थान जलस्तर
बागमती ढेंग 70.23 मीटर
बागमती सोनाखान 68.63 मीटर
बागमती डुब्बाघाट 60.50 मीटर
बागमती चंदौली 58.32 मीटर
बागमती कटौझा 55.55 मीटर
झीम सोनबरसा 80.39 मीटर
अधवारा सुंदरपुर 58.32 मीटर
अधवारा पुपरी 51.17 मीटर
लालबेकिया गोआवाडी 70.30 मीटर