गंडक में उछाल से तटबंधों पर बढ़ा दबाव, पश्चिमी चंपारण के निचले इलाकों में आयी बाढ़

तीन दिनों से हो रही बारिश से पश्चिमी चंपारण, मधुबनी समेत अन्य जिलों में बाढ़ जैसे हालत पैदा हो गये हैं. गंडक नदी में बुधवार को चार लाख 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे तटबंधों पर दबाव बढ़ गया है. तटबंध के अंदर के गांवों में पानी घुस गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 17, 2021 7:29 AM
an image

बेतिया/मधुबनी. तीन दिनों से हो रही बारिश से पश्चिमी चंपारण, मधुबनी समेत अन्य जिलों में बाढ़ जैसे हालत पैदा हो गये हैं. गंडक नदी में बुधवार को चार लाख 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे तटबंधों पर दबाव बढ़ गया है. तटबंध के अंदर के गांवों में पानी घुस गया है.

मधुबनी के झंझारपुर में भूतही बलान नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. गंडक व बूढ़ी गंडक समेत इसकी सभी सहायक नदियां उफान पर हैं. सिकटा में हाल ही में निर्मित त्रिवेणी कैनाल का उत्तरी बांध 384 आरडी के पास पांच फुट टूट गया है.

पश्चिम चंपारण के लौरिया थाना क्षेत्र की गोनौली-डूमरा पंचायत के परोराहा निवासी अखिलेश मिश्र के इंजीनियर पुत्र अरविंद कुमार मिश्र की शादी के लिए नाव से बरात निकली. वहीं, रामनगर में शादी के लिए दूल्हे को कंधे पर बैठा कर पानी पार कराया गया.

रामनगर प्रखंड की तौलाहा पंचायत के बभनी गांव में बारिश के कारण सड़क पर पानी भर गया. बभनी गांव निवासी बाधु गोड़ के पुत्र प्रमोद कुमार की शादी थी. बरात पूर्वी चंपारण के ननहार गांव जानी थी. बराती तो पानी में घुस कर निकले, लेकिन दूल्हे को युवकों को टांग कर पानी पार कराया.

वहीं, सिसवा बसंतपुर से साठी थाना क्षेत्र के पांडेय टोला के लिए करीब दो किलोमीटर नाव से बाढ़ का पानी पार कर रवाना हुए. शादी भी हुई, लेकिन बाढ़ को देखते हुए लड़की की विदाई नहीं करायी गयी.

गोपालगंज में गंडक खतरे के निशान से 1.50 मीटर ऊपर

नेपाल में हो रही बारिश के कारण गंडक नदी का जल स्तर बढ़ गया है. वाल्मीकिनगर बराज से बुधवार की शाम चार बजे 4.12 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया, जिससे गोपालगंज में गंडक नदी खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर बह रही है. इसके कारण छह प्रखंडों के 96 गांव बाढ़ के पानी से घिर गये हैं.

Posted by Ashish Jha

Exit mobile version