Bihar Flood Update: बिहार में लगातार हो रही बारिश से अब बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. सूबे की नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है जिससे अब लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है. लोग पलायन करने को मजबूर होने लगे हैं वहीं किसानों के फसल डूब रहे हैं तो उनकी चिंता बढ़ती जा रही है. गंगा, कोसी, गंडक, महानंदा समेत अन्य नदियों में भी उफान है. गोपालगंज में गंडक नदी का पायलट चैनल खोला दिया गया है. कोसी-सीमांचल क्षेत्र में भी बाढ़ से हालात बिगड़े हुए हैं.
भागलपुर में कोसी नदी का कहर देखने को मिल रहा है. जिले के नवगछिया अनुमंडल के सुदूर गांव कदवा दियारा के ठाकुरजी कचहरी टोला में बीते एक सप्ताह से भीषण कटाव का दौर जारी है. कोसी नदी की धारा गांव की ओर मुड़ गयी है. कोसी नदी में कई एकड़ खेतिहर जमीन समा चुकी है जबकि दर्जनों घर नदी में समाने के कगार पर हैं. जलस्तर को लेकर ग्रामीणों में भय का माहौल है.बता दें कि कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने के बाद नवगछिया के जहांगीरपुर बैसी, रंगरा, मदरौनी, खरीक सिंहकुण्ड, लोकमानपुर , कहारपुर में कटाव तेज होता है और लोग पलायन करने लगते हैं. लगातार बारिश के बाद गंगा के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हो रही है और पानी निचले इलाके में प्रवेश करने लगा है.
मुंगेर व खगड़िया में भी गंगा नदी का जलस्तर के बढ़ने लगा है. किसानों के फसल डूब रहे हैं. खगड़िया में निचले इलाकों में बसे लोग भी बाढ़ की आहटों को भांपते हुए अभी से ही तैयारियों में जुट गये हैं. कई पशुपालकों ने गोगरी नारायणपुर तटबंध पर डेरा डालना भी शुरू कर दिया है. बड़ी संख्या में लोग ऊंचे स्थान पर नया ठिकाना अस्थायी रूप से तैयार करने में जुट गये हैं. प्रशासन की ओर से अंचल प्रशासन को खास तौर पर निर्देशित किया गया है कि बाढ़ के दौरान एवं इससे पूर्व के खतरों से निपटने के लिए कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की जाए. साथ ही उन्हें हर वक्त तैयार रहने को कहा गया है. पंचायत स्तर पर गठित आपदा बल के जवानों को भी चौकस रखा गया है.
Also Read: Bihar Flood: कोसी-सीमांचल के 100 गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, कटिहार-पूर्णिया-सुपौल-अररिया के बिगड़े हालात
समस्तीपुर में बागमती का जलस्तर बढ़ने के साथ ही कई जगहों पर कटाव शुरू हो गया है. इससे लोग सशंकित हैं. बताया जाता है कि उत्तरी छोर से लगभग छह पंचायतों से होते हुई बागमती नदी आगे बढ़ती है. इसमें अधिकांश गांव में धारा सर्पीली होने के कारण कटाव होता रहता है, जैसे ही जलस्तर में वृद्धि होती है कटाव शुरू हो जाता है. इसमें कन्नौजर, नामपुर, जटमलपुर, खरसंड पश्चिमी व खरसंड पूर्वी पंचायत के साथ सोरमार, बेलसंडी व हाजपुरवा पंचायत का भी कुछ भाग कटाव की जद में आने लगता है. फिलवक्त कनौजर पंचायत के भराजा व सलहा, छोटी सलहा, नामपुर पंचायत के बाघला व नामापुर स्कूल के पास के क्षेत्र में कटाव जारी है.
जटमलपुर के मालकौली पूर्वी ढाब क्षेत्र के साथ खरसंड पश्चिमी पंचायत के मुड़वारा के बरहेता पंचायत के कमरगामा में भी कटाव प्रारंभिक स्तर पर शुरू हो गया है. अगर जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो कटाव और भी बढ़ेगा, जिससे लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. बेलसंडी पंचायत के उत्तरी घोघराहा में भी कई स्थानों पर कटाव की बात सामने आ रही है. जटमलपुर पंचायत के मलकौली में भी कटाव से लोग डरे व सहमे हुए हैं. एसडीएम द्वारा पंद्रह दिन पूर्व इंजीनियर के साथ कटाव स्थलों का दौरा कर निरोधात्मक कार्य शुरू करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन ग्रामीणों की मानें तो अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
गंडक नदी के बढ़ते जल स्तर के बीच रविवार की शाम गोपालगंज के डुमरिया घाट पुल के पास बने नये पायलट चैनल को खोल दिया गया. पायलट चैनल चालू होने से गंडक नदी का बहाव तेज हो गया है. वहीं, टंडसपुर तटबंध पर नदी का दबाव कम हो गया है. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की टीम पायलट चैनल पर पूरे दिन कैंप की हुई थी.
गोपालगंज के डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने बताया कि बाढ़ से पूर्वी इलाके के लोगों को बचाने के लिए 13 दिनों में 1300 मीटर लंबा पायलट चैनल का निर्माण कराया गया है. यह पायलट चैनल गंडक नदी के डुमरिया घाट पुल के पास बनाया गया है, जिसे रविवार की शाम से खोल दिया गया है. डीएम ने कहा कि पायलट चैनल के निर्माण से गंडक नदी का टंडसपुर तटबंध पर दबाव कम हुआ और नदी अपनी पूरी चौड़ाई में बहने लगी है.
गोपालगंज के डीएम ने कहा कि पायलट चैनल गंडक नदी के समानांतर पानी की निकासी के लिए नहर के रूप में बनाया गया है, ताकि नदी का पानी एक जगह इकट्ठा नहीं हो सके और तेजी से पुल के रास्ते सोनपुर जाकर गंगा में मिल सके. डीएम ने बताया कि गंडक नदी में डुमरिया पुल के पास अप स्ट्रीम में मिट्टी के डेल्टा से एक पायलट चैनल का निर्माण कराया गया और उसे खोला गया है.
Published By: Thakur Shaktilochan