Bihar Flood Update: बिहार में कोसी नदी खगड़िया जिला और परमान नदी अररिया जिला में खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. इसके अलावा अन्य नदियों के जलस्तर में कमी की सूचना है. यह जानकारी केंद्रीय जल आयोग ने शुक्रवार को दी है. इसके अनुसार खगड़िया जिले के बलतारा में कोसी नदी का जलस्तर शुक्रवार को खतरे के निशान से 20 सेंमी ऊपर था. इसमें शनिवार सुबह तक 37 सेंमी कमी की संभावना है. इसके साथ ही अररिया जिले में परमान नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 25 सेंमी ऊपर था. इसमें पांच सेंमी कमी की संभावना है.
गंडक और बागमती का जलस्तर
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार मुजफ्फरपुर जिले के रेवाघाट और गोपालगंज जिले के डुमरियाघाट में गंडक नदी और मुजफ्फरपुर जिले के बेनीबाद में बागमती नदी के जलस्तर में कमी की संभावना है. दरभंगा जिले के कमतौल में अधवारा नदी, मधुबनी जिले के झंझारपुर में कमला बलान नदी के जलस्तर में कमी की संभावना है. पूर्णिया जिले के ढेगराघाट और कटिहार जिले के झावा में महानंदा नदी के जलस्तर में कमी की संभावना है.
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सुपौल में कोसी बराज के 20 फाटक खोले गए
सुपौल में कोसी का जलस्तर घटा है. वीरपुर के जल अधिग्रहण बराज क्षेत्र के जलस्तर में शुक्रवार की सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक बढ़ोतरी हुई है. शाम छह बजे तक जलस्तर 01 लाख 28 हजार 265 क्यूसेक बढ़ गया. कोसी बराज के 20 फाटक खोल दिए गये हैं ताकि बाढ़ संघर्षनात्मक कार्य सुरक्षित रहे. जानकारी के अनुसार सुपौल डिवीजन के 49.00 किमी पर फ्लड फाइटिंग फोर्स के चेयरमैन के परामर्श और चीफ इंजीनियर के निर्देशन के तहत बाढ़ संघर्षनात्मक कार्य किया जा रहा है. चीफ इंजीनियर वरुण कुमार ने बताया कि नदी के घटते और बढ़ते जलस्तर से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. रात को काम करने के लिए फ्लड एम्बुलेंस भी तैयार किए गए हैं ताकि किसी भी परेशानी का सामना ना पड़े. नदी के दोनों तटबंधों पर सतत निगरानी और चौकसी जारी है ताकि स्थिति की निगरानी में कोई कमी न आए. तटबंध पर सुरक्षित रहने के लिए सभी आवश्यक उपाय उठाए गए हैं.
भागलपुर में आठ सेंटीमीटर बढ़ी गंगा, खतरे के निशान से 6.63 मीटर नीचे
वरीय संवाददाता, भागलपुरभागलपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ने की रफ्तार थोड़ी तेज हो गयी है. पिछले 24 घंटे में यानी, शुक्रवार को आठ सेंटीमीटर गंगा नदी में जलस्तर बढ़ी है. पिछले दिनों यह 26.97 मीटर पर थी और आठ सेंटीमीटर बढ़ने के साथ अब 27.05 मीटर पर आ गयी है. हालांकि, यह अभी खतरे के निशान से काफी नीचे हैं. खतरे का निशान 33.68 मीटर निर्धारित है. यानी, गंगा खतरे के निशान से 6.63 मीटर नीचे है. लेकिन, गंगा का जलस्तर जिस हिसाब से बढ़ रहा है वह नदी किनारे रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ा सकती है. हालांकि, गंगा किनारे रहने वाले अभी से ही इस बात के लिए तैयार है कि उन्हें ऊंचे स्थान पर शरण लेने के लिए घर छोड़ना ही पड़ेगा.