बिहार विधान सभा में नीतीश सरकार के बहुमत परीक्षण से पहले का गणित बदल गया है. आरजेडी के दो विधायक चेतन आनंद और नीलम देवी का नीतीश सरकार को समर्थन मिल गया है. इसके साथ ही बहुमत परीक्षण से पहले सीएम नीतीश कुमार के कॉन्फिडेंस का राज भी खुलने लगा है. बताते चलें कि आज (सोमवार 12 फरवरी) सुबह सवा दस बजे बहुमत परीक्षण के लिए जब सीएम नीतीश कुमार बिहार विधानसभा में बहुमत परीक्षण के लिए पहुंचे तो वे पूरे कॉन्फिडेंस में दिख रहे थे.
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चेहरे पर हल्की मुस्कान के साथ सदन के गेट पर प्रवेश करते समय उन्होंने दो बार हाथ हिलाकर पत्रकारों का अभिवादन किया. जबकि इस दौरान उनके साथ सरकार के मंत्री और जेडीयू के विधायकों विक्ट्री साइन दिखाते नजर आए. मुख्यमंत्री सोमवार की सुबह करीब 10:20 बजे सदन पहुंचे थे.वहीं डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा भी अपने पार्टी के विधायकों के साथ पहुंचे. ये सभी पैदल मार्च करते हुए विधानसभा पहुंचे थे.
बताते चलें कि विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 243 है. इनमें से लालू यादव की पार्टी राजद के पास सबसे ज्यादा 79 विधायक हैं. कांग्रेस के पास 19 विधायक हैं और वामदलों 16 सदस्य हैं. इस तरह से देखें तो महागठबंधन में कुल विधायकों की संख्या 114 है. दूसरी तरफ एनडीए है. इसमें बीजेपी के पास 78 विधायक, जदयू के पास 45 और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा-सेक्युलर के चार विधायक हैं. इसके अलावा एक निर्दलीय विधायक का भी उनको समर्थन प्राप्त है. इस तरह से देखें तो सत्ता पक्ष के कुल विधायकों की संख्या 128 है. बिहार में बहुमत का आंकड़ा 122 है.
इसके साथ ही आरजेडी के तीन और विधायकों का नीतीश कुमार को समर्थन मिल गया है. इससे बीजेपी के तीन विधायक के नहीं पहुंचने के बाद भी कोई दिक्कत तो नजर नहीं आ रही है. लेकिन जीतन राम मांझी की पार्टी और निर्दलीय के साथ-साथ जदयू के विधायक अगर पाला बदलते हैं तो फिर बिहार में नया सियासी संकट खड़ा हो जाएगा.
बीजेपी से
रश्मि वर्मा, बीजेपी
भागीरीथी देवी, बीजेपी
मिश्रीलाल यादव, बीजेपी
जदयू से
बीमा भारती, जेडीयू
दिलीप राय, जेडीयू
डॉ संजीव, जेडीयू